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योगी राज में माता-पिता से की बदसलूकी तो हाथ से निकल जाएगी प्रॉपर्टी!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 06 अप्रिल, 2021 04:43 PM
  • 06 अप्रिल, 2021 04:43 PM
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कुछ लोग माता-पिता की संपत्ति (Parents Property) पर तो अपना अधिकार जमाते हैं लेकिन उनका ख्याल नहीं रखते. वे ना तो मां-बाप को खाना देते हैं और ना ही उन्हें पूछते हैं, ऐसे ही लोगों के लिए योगी सरकार कानून ला रही है.

आपने भी देखा होगा कि अपना घर रहते हुए भी मां-बाप को वृद्धाश्रम में रहना पड़ता है. दिन भर मेहनत मजदूरी करके, अपनी रातों की नींद खराब करके जिन बच्चों को मां-बाप पालते हैं. उनको इस काबिल बनाते हैं कि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें. वही बच्चे बड़े होकर अपने मां-बाप को बोझ समझने लगते हैं. कुछ लोग माता-पिता की संपत्ति (Parents Property) पर तो अपना अधिकार जमाते हैं लेकिन उनका ख्याल नहीं रखते. वे ना तो मां-बाप को खाना देते हैं और ना ही उन्हें पूछते हैं, सेवा करना तो दूर की बात है. कई बच्चे तो मां-बाप को इस कदर टॉर्चर करते हैं कि वे घर छोड़कर चले जाएं. कई बार ऐसी वीडियो भी सामने आती है, जिसमें बेटे या बहू बुजुर्ग माता-पिता की पिटाई कर रहे होते हैं.

योगी सरकार का इशारा, बूढ़े मां-बाप को परेशान करने वाले से छीन ली जाएगी संपत्ति

ऐसो लोगों के लिए योगी सरकार (Yogi Government) का यह नया कानून खतरे की घंटी साबित हो सकती है. योगी सरकार (Cm Yogi Aditya Nath) माता-पिता की सुरक्षा के लिहाज से जल्द ही एक नया कानून लाने की तैयारी में है. जिसके अनुसार अगर बच्चे बूढ़े माता-पिता का ध्यान नहीं रखते हैं और उनको प्रताड़ित करते हैं तो उनका संपत्ति पर कोई हक नहीं होगा. यानी वे संपत्ति पाने से वंचित रह जाएंगे. साफ शब्दों में कहें तो बूढ़े मां-बाप को परेशान करने वाले से संपत्ति छीन ली जाएगी.

यूपी में अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जहां अपने ही बच्चे मां-बाप की देखभाल नहीं करते और उनको परेशान करते हैं. जिस तरह भारत में वृद्धाश्रम की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है वह चौंकाने वाली है. गैर सरकारी संस्था हेल्प एज इंडिया के अनुसार देश में लगभग 1500 वृद्धाश्रम हैं जहां करीब 70 हजार से भी अधिक वृद्ध रहते हैं. सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो...

आपने भी देखा होगा कि अपना घर रहते हुए भी मां-बाप को वृद्धाश्रम में रहना पड़ता है. दिन भर मेहनत मजदूरी करके, अपनी रातों की नींद खराब करके जिन बच्चों को मां-बाप पालते हैं. उनको इस काबिल बनाते हैं कि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें. वही बच्चे बड़े होकर अपने मां-बाप को बोझ समझने लगते हैं. कुछ लोग माता-पिता की संपत्ति (Parents Property) पर तो अपना अधिकार जमाते हैं लेकिन उनका ख्याल नहीं रखते. वे ना तो मां-बाप को खाना देते हैं और ना ही उन्हें पूछते हैं, सेवा करना तो दूर की बात है. कई बच्चे तो मां-बाप को इस कदर टॉर्चर करते हैं कि वे घर छोड़कर चले जाएं. कई बार ऐसी वीडियो भी सामने आती है, जिसमें बेटे या बहू बुजुर्ग माता-पिता की पिटाई कर रहे होते हैं.

योगी सरकार का इशारा, बूढ़े मां-बाप को परेशान करने वाले से छीन ली जाएगी संपत्ति

ऐसो लोगों के लिए योगी सरकार (Yogi Government) का यह नया कानून खतरे की घंटी साबित हो सकती है. योगी सरकार (Cm Yogi Aditya Nath) माता-पिता की सुरक्षा के लिहाज से जल्द ही एक नया कानून लाने की तैयारी में है. जिसके अनुसार अगर बच्चे बूढ़े माता-पिता का ध्यान नहीं रखते हैं और उनको प्रताड़ित करते हैं तो उनका संपत्ति पर कोई हक नहीं होगा. यानी वे संपत्ति पाने से वंचित रह जाएंगे. साफ शब्दों में कहें तो बूढ़े मां-बाप को परेशान करने वाले से संपत्ति छीन ली जाएगी.

यूपी में अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जहां अपने ही बच्चे मां-बाप की देखभाल नहीं करते और उनको परेशान करते हैं. जिस तरह भारत में वृद्धाश्रम की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है वह चौंकाने वाली है. गैर सरकारी संस्था हेल्प एज इंडिया के अनुसार देश में लगभग 1500 वृद्धाश्रम हैं जहां करीब 70 हजार से भी अधिक वृद्ध रहते हैं. सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां करीब सभी 75 जिलों में सरकार ने वृद्धाश्रम की व्यवस्था की है. इसके अलावा यहां कई निजी वृद्धाश्रम भी चलाए जाते हैं.

बूढ़े मां-बाप को बच्चों की प्रताड़ना से बचाने के लिए और उनकी देखभाल के लिए यूपी राज्य विधि आयोग ने योगी सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव पेश किया है. इसके लिए राज्य के विधि आयोग ने वरिष्ठ नागरिक रखरखाव कल्याण अधिनियम-2017 में संशोधन के लिए सरकार के समक्ष प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद योगी सरकार एक कानून बनाएगी, जिसके अनुसार माता-पिता के साथ गलत व्यवहार करने वाली संतान को उनकी संपत्ति से कोई हिस्सा नहीं मिलेगा. योगी सरकार जल्द ही यह कानून लाने की तैयारी में है. यानी जो बच्चे मां-बाप का अच्छे से ख्याल नहीं रखते हैं, वे संपत्ति के उत्तराधिकारी नहीं होंगे.

दरअसल, उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन ने सीएम को सौंपे अपने इस प्रस्ताव में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण एवं कल्याण कानून-2007 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. जिसमें कहा गया है कि अगर कोई बुजुर्ग शिकायत करता है तो मां-बाप की तरफ से अपने बच्चे या वारिस को दी गई संपत्ति की रजिस्ट्री या दान पत्र को भी निरस्त कर दिया जाएगा. इस प्रस्ताव के पास हो जाने पर बुजुर्ग मां-बाप शिकायत करके अपनी संतान को दी गई प्रॉपर्टी को दोबार हांसलि कर सकेंगे.

इसके साथ ही अगर बच्चे या रिश्तेदार वृद्ध माता-पिता की सेवा उनके घर में ही रहकर नहीं करते हैं तो बुजुर्ग उनको बाहर निकाल सकते हैं. वहीं इस प्रस्ताव पर योगी सरकार जल्द से जल्द मोहर लगाकर कानून बनाने की तैयारी में है. कई माता-पिता इस खबर को सुनकर खुश हो रहे हैं. वहीं लोगों का कहना है कि यह एक बढ़िया कानून है. इस बारे में आपकी क्या राय है, क्या माता-पिता की सेवा के लिए कानून बनाने का योगी सरकार का फैसला सही है, क्या यह प्रस्ताव पारित होना चाहिए या नहीं?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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