• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

लड़की की थप्पड़ मारने वाली जॉब के पीछे महिलाओं की दर्दनाक कहानियां ढंक गईं

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 13 नवम्बर, 2021 07:35 PM
  • 13 नवम्बर, 2021 07:22 PM
offline
ऐसा लगता है कि इंसान एक ऐसी दुनियां की कल्पना में जी रहा है जिसे हसीन बनाने के लिए हम दुख, गरीबी, बीमार से मरते लोग, बदसूरती, अपराध...इन सबको दरकरकिनार कर देना चाहते हैं. अब देखिए ना एक तरफ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा उनके लिए काली बिल्ली हैं तो पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन अली की भारतीय पत्नी सामिया आरजू को गालियां सुननी पड़ रही हैं.

फेसबुक (facebook) चलाने पर थप्पड़ (slap) मारती लड़की को देख कई लोगों को मजा आ गया, कई ने तो यह भा कहा कि वाह नौकरी हो तो ऐसी. नौकरी देने वाले महान इंसान मनीष सेठी हैं. जो एक भारतीय-अमेरिकी उद्यमी हैं. इन्होंने फेसबुक की लत को छुड़ाने के लिए ही कारा नाम की महिला को जोरदार थप्पड़ जड़ने के लिए रखा है. इस खबर को लोगों ने बहुत पंसद किया और खूब शेयर किया. खबर ऐसी वायरल वायरल हुई कि महिलाओं की सिसकियां दब गईं. इस खबर के आगे महिलाओं के साथ हुई घटनाएं रोज की तरह मात्र एक रूटीन खबर बनकर रह गईं.

जनाब ये बॉस को थप्पड़ मारने वाली जॉब आइने पर लीपी गई तेल है, जिसे साफ करने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी. हमें इस लड़की को हंसता देख उन महिलाओं की याद आ गई जो आपस में मजाक कर हंसती हैं, धूप में पापड़ सुखाती है, जो पार्लर में मेनीक्योर करवाती हैं, जो बच्चो के जन्मदिन पर सुबह से शाम तक किचन में ही रह जाती हैं, लेकिन केक कटवाने में झिझक जाती हैं, जो आज भी बच्चों के लिए स्वेटर बुनती हैं. ये महिलाएं घर, ऑफिस, गांव, मुहल्लों, शहर में अपने मन के घाव और चेहरे की उदासी को छिपाने की कोशिश करती हैं...

महिलाओं के मामले में दुनियां कब बदलेगी पता नहीं

ऐसा लगता है कि इंसान बस एक ऐसी दुनिया की कल्पना में जी रहा है जिसे हसीन बनाने के लिए हम दुख, गरीबी, बीमार मरते लोग, बदसूरती, अपराध... इन सबको दरकरकिनार कर देना चाहते हैं.

अब देखिए ना एक तरफ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा उनके लिए काली बिल्ली हैं तो पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन अली के कैच छोड़ने पर उनकी भारतीय पत्नी सामिया आरजू को गालियां सुननी पड़ रही हैं. पाकिस्तानी फैंस उन्हें अपशब्द कह रहे हैं और अली के शिया होने पर 'गद्दार’ कह रहे हैं. उन्हें जान से मारने की...

फेसबुक (facebook) चलाने पर थप्पड़ (slap) मारती लड़की को देख कई लोगों को मजा आ गया, कई ने तो यह भा कहा कि वाह नौकरी हो तो ऐसी. नौकरी देने वाले महान इंसान मनीष सेठी हैं. जो एक भारतीय-अमेरिकी उद्यमी हैं. इन्होंने फेसबुक की लत को छुड़ाने के लिए ही कारा नाम की महिला को जोरदार थप्पड़ जड़ने के लिए रखा है. इस खबर को लोगों ने बहुत पंसद किया और खूब शेयर किया. खबर ऐसी वायरल वायरल हुई कि महिलाओं की सिसकियां दब गईं. इस खबर के आगे महिलाओं के साथ हुई घटनाएं रोज की तरह मात्र एक रूटीन खबर बनकर रह गईं.

जनाब ये बॉस को थप्पड़ मारने वाली जॉब आइने पर लीपी गई तेल है, जिसे साफ करने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी. हमें इस लड़की को हंसता देख उन महिलाओं की याद आ गई जो आपस में मजाक कर हंसती हैं, धूप में पापड़ सुखाती है, जो पार्लर में मेनीक्योर करवाती हैं, जो बच्चो के जन्मदिन पर सुबह से शाम तक किचन में ही रह जाती हैं, लेकिन केक कटवाने में झिझक जाती हैं, जो आज भी बच्चों के लिए स्वेटर बुनती हैं. ये महिलाएं घर, ऑफिस, गांव, मुहल्लों, शहर में अपने मन के घाव और चेहरे की उदासी को छिपाने की कोशिश करती हैं...

महिलाओं के मामले में दुनियां कब बदलेगी पता नहीं

ऐसा लगता है कि इंसान बस एक ऐसी दुनिया की कल्पना में जी रहा है जिसे हसीन बनाने के लिए हम दुख, गरीबी, बीमार मरते लोग, बदसूरती, अपराध... इन सबको दरकरकिनार कर देना चाहते हैं.

अब देखिए ना एक तरफ भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा उनके लिए काली बिल्ली हैं तो पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन अली के कैच छोड़ने पर उनकी भारतीय पत्नी सामिया आरजू को गालियां सुननी पड़ रही हैं. पाकिस्तानी फैंस उन्हें अपशब्द कह रहे हैं और अली के शिया होने पर 'गद्दार’ कह रहे हैं. उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है.

परेशान होकर पत्नी ने पाकिस्तानियों से माफी भी मांगी और बच्चे के साथ भारत आने की बात भी कही है. समझ नहीं आता कि महिलाओं के लिए कौन सी दुनिया होगी जो सुरक्षित होगी. चाहे वह घर में खाना बनाने वाली हाउसवाइफ हो या ऑफिस में जाकर काम करने वाली वर्किंग वुमन. महिलाओं को इंसाफ देने की बात तब कही जाती है जब वह अपने साथ हुए उत्पीड़न को कागज पर लिख कर दें.

लोगों को उनके शरीर पर चोट के निशान, आंखों में आंसू, चेहरे पर मायूसी तो जैसी दिखती ही नहीं या देखकर भी वे इग्‍नोर करते हैं. मानों यह तो महिलाओं के जिंदगी का हिस्सा है. एक बात और लोगों को मानसिक उत्पीड़न तो दिखता ही नहीं है...हमें महिलाओं को खामोश और सहते हुए देखने की आदत जो हो गई है. अब जिस खबर के बारे में हम बात करने वाले हैं वो दिमाग तो हिला कर रख देगी.

मध्यप्रदेश के उज्जैन में उपसरपंच राजपाल सिंह दरबार की पत्नी को बच्चा नहीं हो रहा था. उसने नागपुर से एक लड़की को खरीदा. 16 महीने तक उसे घर में रखा और उसका रेप कर बच्चा पैदा किया. जब बच्चा हो गया तो उसने लड़की को घर से जान से मारने की धमकी देकर निकाल दिया. लड़की के माता-पिता गुजर गए हैं. वह पुलिस को लावारिस हालत में मिली. उसके पेट में इंफेक्शन हो गया था. उसने बताया कि उसे गांव की एक महिला ने शादी का झांसा देकर उसे राजपाल सिंह को बेच दिया.

राजपाल की पत्नी मुझे बार-बार उसके पति के साथ रहने के लिए कहती थी. मुझे मारा-पीटा जाता था. वह अपनी पत्नी के पेट में तकिया बांधकर रखता था ताकि लोगों को लगे कि पत्नी गर्भवती है. अस्पताल में उसकी पत्नी के नाम पर ही मैंने बच्चे को जन्म दिया ताकि लोगों को लगे कि वह बच्चा उसका है...ये महज कुछ चंद सच्ची कहानियां हैं.

अगर आप नेट पर महिला अपराध शब्द डालकर देखेंगे तो ऐसी हाजारों ऐसी घटनाएं आपकी नजरों के सामने से गुजरेंगी...जिनका क्या हुआ कुछ पता नहीं है. हम जैसे असलियत से बहुत दूर भाग जाना चाहते हैं, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं. हम बताने की कोशिश करते हैं कि दुनियां खूबसूरत है इसलिए सकारात्मक रहो लेकिन महिलाओं के मामले में दुनिया कब बदलेगी पता नहीं...बदलाव बस यही आया कि महिलाएं अब दया रहम पर बाहर जाकर नौकरी करने लगी हैं बस. वे किस तरह रोज ऐसी तकलीफों से दो-चार होती हैं इसे लोग जानकर भी अनजान बने रहते हैं...

हम पर यकीन नहीं है तो नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का डेटा देख लीजिए. ये वे केस हैं दो दर्ज हुए हैं. वो लाखों केस जो सामने नहीं आते हमें इनके बारे में सोचना है. 2019 के इस डेटा के अनुसार, महिला हिंसा के लगभग साढ़े 4 लाख मामलों में से लगभग 31% मामले घरेलू हिंसा के थे. जिसमें महिलाओं को उनके पति से पीटा या मानसिक रूप से प्रताड़िक किया. ब्यूरो का यह भी कहना है कि घरेलू हिंसा के हर 20 में से 14 केस तो रिपोर्ट ही नहीं होते...इतना देखने के बाद तो मन में तो यही आती है कि ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲