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33 साल की लड़की के 14 अबॉर्शन, लिव-इन की जिंदगी भयानक मौत में बदल गई

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 16 जुलाई, 2022 07:06 PM
  • 16 जुलाई, 2022 07:06 PM
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शादी हुई, पति ने छोड़ा, बच्चे बिछड़े, रेप हुआ, 14 बार गर्भपात हुआ और फिर जान चली गई... 33 साल की लड़की के साथ इससे बुरा क्या हो सकता था?rnrn 

33 साल की उम्र, जब अधिकतर लोग जिंदगी के मुकाम पर होते हैं. वे अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं. इसी उम्र में साउथ ईस्ट दिल्ली के जैतपुर की रहने वाली महिला का सबुकछ खत्म हो गया...

समझ नहीं आ रहा कि इस घटना के बारें में क्या कहा जाए और कैसे कहा जाए. कम उम्र में महिला की शादी हो गई, दो बच्चे हुए, लेकिन खुशी अधिक दिन तक नहीं टिक पाई. धीरे-धीरे पति से अनबन होने लगी और दोनों अलग हो गए. महिला से घर बिछड़ गया और बच्चे दूर हो गए...

फिर एक साथी मिला..जिसने महिला को नए सब्जबाग दिखाए. महिला के मन में प्रेम ने एक बार फिर जन्म लिया. वह ख्यालों में सपने बुनने लगी. उसे लगा कि अब कभी रोना नहीं पड़ेगा. उसकी जिंदगी संवर जाएगी. शायद सब ठीक हो जाएगा, क्योंकि उसके आंसुओं को  पोछने वाला साथी मिल गया.

वह नई उम्मीदे लिए पार्टनर के साथ लिवइन में रहने लगी. उसे क्या पता था कि जो इंसान प्रेमी बनकर उसे रोने के लिए कंधा दे रहा है, वही उसकी जिंदगी नर्क बना देगा.

महिला ने सुसाइड नोट में लिवइन पार्टनर के अत्याचारों का जिक्र किया है

 

हो सकता है कि, लिव इन में रहने वाले पार्टनर ने धीरे-धीरे अपना रूप दिखाना शुरु किया हो. दोनों में लड़ाई-झगड़ा हुआ हो. लड़के ने माफी मांगी हो और लड़की ने माफ कर दिया हो. उसने कहा था कि वह उससे शादी करेगा, लेकिन 8 साल भी उसने शादी नहीं की. इस बीच उसने महिला का 8 सालों में 14 बार गर्भपात कराया. सुनकर एकदम धक सा लग जाता है. एक-बार फिर भी कोई सोच सकता है लेकिन 14 बार एबॉर्शन प्रेमी नहीं हैवान ही करा सकता है, जिसे आपकी परवाह ना हो.

डॉक्टर का मानना है कि एबार्शन के बाद महिलाओं के शरीर के जख्म तो फिर भी भर जाते हैं लेकिन मन के घाव भरने में वक्त लगता है. अब जिसने 14 बार यह दर्द झेला...

33 साल की उम्र, जब अधिकतर लोग जिंदगी के मुकाम पर होते हैं. वे अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं. इसी उम्र में साउथ ईस्ट दिल्ली के जैतपुर की रहने वाली महिला का सबुकछ खत्म हो गया...

समझ नहीं आ रहा कि इस घटना के बारें में क्या कहा जाए और कैसे कहा जाए. कम उम्र में महिला की शादी हो गई, दो बच्चे हुए, लेकिन खुशी अधिक दिन तक नहीं टिक पाई. धीरे-धीरे पति से अनबन होने लगी और दोनों अलग हो गए. महिला से घर बिछड़ गया और बच्चे दूर हो गए...

फिर एक साथी मिला..जिसने महिला को नए सब्जबाग दिखाए. महिला के मन में प्रेम ने एक बार फिर जन्म लिया. वह ख्यालों में सपने बुनने लगी. उसे लगा कि अब कभी रोना नहीं पड़ेगा. उसकी जिंदगी संवर जाएगी. शायद सब ठीक हो जाएगा, क्योंकि उसके आंसुओं को  पोछने वाला साथी मिल गया.

वह नई उम्मीदे लिए पार्टनर के साथ लिवइन में रहने लगी. उसे क्या पता था कि जो इंसान प्रेमी बनकर उसे रोने के लिए कंधा दे रहा है, वही उसकी जिंदगी नर्क बना देगा.

महिला ने सुसाइड नोट में लिवइन पार्टनर के अत्याचारों का जिक्र किया है

 

हो सकता है कि, लिव इन में रहने वाले पार्टनर ने धीरे-धीरे अपना रूप दिखाना शुरु किया हो. दोनों में लड़ाई-झगड़ा हुआ हो. लड़के ने माफी मांगी हो और लड़की ने माफ कर दिया हो. उसने कहा था कि वह उससे शादी करेगा, लेकिन 8 साल भी उसने शादी नहीं की. इस बीच उसने महिला का 8 सालों में 14 बार गर्भपात कराया. सुनकर एकदम धक सा लग जाता है. एक-बार फिर भी कोई सोच सकता है लेकिन 14 बार एबॉर्शन प्रेमी नहीं हैवान ही करा सकता है, जिसे आपकी परवाह ना हो.

डॉक्टर का मानना है कि एबार्शन के बाद महिलाओं के शरीर के जख्म तो फिर भी भर जाते हैं लेकिन मन के घाव भरने में वक्त लगता है. अब जिसने 14 बार यह दर्द झेला हो, उस पर क्या बीती होगी, इसकी हम कल्पना नहीं कर सकते. इस बीच महिला का रेप होता रहा. आखिरकार उसने हार मान ली और खुद को खत्म कर लिया.

महिला के पोस्टमार्टम में सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिवइन पार्टनर का जिक्र किया है. हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपी नोए़डा की एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. अगर वह महिला से प्यार करता तो क्या 'सेफ्टी' का इस्तेमाल नहीं करता.

आखिर क्यों महिलाएं जुर्म सहती रहती हैं और एक दिन खुद को खत्म कर लेती हैं. क्यों किसी को इतना स्पेस देना कि वह बार-बार एक ही गलती दोहराए. महिला को क्या समझ नहीं आया कि जिसे शादी करनी होती वह 8 साल नहीं लगाता.

33 की उम्र में इस महिला ने इतना कुछ झेला, भला इससे बुरा और क्या हो सकता है...लड़कियों को मजबूती से अपराध के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है, प्यार और अत्याचार में फर्क है इसे समझना जरूरी है. अगर आपका साथी आपके लायक नहीं तो मत रहो उसके साथ, बुरे इंसान के साथ जीवन बिताने बेहतर अकेले रहना है....

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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