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ऑक्सीजन न मिलने पर पति को मुंह से सांस देने वाली महिला का दर्द कैसे बयां करें?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 29 अप्रिल, 2021 03:29 PM
  • 29 अप्रिल, 2021 03:29 PM
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इस तस्वीर में दिखने वाली महिला अपने पति को बचाने के लिए मुंह से ऑक्सीजन देती रही लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, पति ने तड़पते हुए उसके सामने दम तोड़ दिया.

किसी अपने को खोने का दर्द क्या होता है काश यह बयां करना इतना आसान होता है. यह तस्वीर सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर में दिखने वाली महिला अपने पति को बचाने के लिए मुंह से ऑक्सीजन देती रही लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, पति ने तड़पते हुए उसके सामने दम तोड़ दिया. 

सोशल मीडिया पर शायद आपकी नजरों के सामने से भी यह तस्वीर (Wife try to give oxygen to husband by her mouth) गुजरी हो. इस तस्वीर ने हमें विचलित कर दिया. इस महिला की तकलीफ को महसूस कर कलेजा फट जाता है फिर भी उसके दर्द को बयां करना बहुत मुश्किल है, शायद इस कायनात में ऐसा कोई अल्फाज नहीं बना.

एक पत्नी अपनी जान की परवाह किए बिना पति को बचाने की कोशिश करती रही

ये किस दौर में हम जी रहे हैं...कितने लाचार, कितने बेबस. अपनों को बचाने की हर कोशिश लेकिन फिर भी हम इस सिस्टम के सामने लाचार हैं. जो हमसे यह कह रहे हैं कि हमारे स्टेट में तो ऑक्सीजन की कमी है ही नहीं है, यह तो महज अफवाह है. उनको कोई बता दो कि यह घटना आगरा की है. ऑक्सीजन की कमी से हर स्टेट के लोग जूझ रहे हैं. ऑक्सीजन के लिए कहीं लंबी लाइनें लगी हैं तो कहीं लोग गिड़गिड़ाते हुए भी नजर आ रहे हैं.

तस्वीर में दिखने वाली इस महिला रेनू सिंहल के पति रवि सिंघल (47 वर्ष) की तबीयत खराब हो गई, वे आवास विकास सेक्टर-सात के निवासी थे. उनको सांस लेने में दिक्कत होने पर रेनू,  ऑक्सीजन (Oxygen Shortage) के लिए दर-दर भटकती रही. रेनू परिजनों के साथ रवि को लेकर श्री राम हॉस्पिटल, साकेत हॉस्पिटल और केजी नर्सिंग होम पहुंचीं. लेकिन बेड (Hospital Bed) खाली न होने के कारण पति को कहीं भर्ती नहीं किया गया.

वह एक प्राइवेट अस्पताल भी पहुंची लेकिन वहां उससे यह बोला गया कि उसके...

किसी अपने को खोने का दर्द क्या होता है काश यह बयां करना इतना आसान होता है. यह तस्वीर सोशल मीडिया (Social Media) पर तेजी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर में दिखने वाली महिला अपने पति को बचाने के लिए मुंह से ऑक्सीजन देती रही लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, पति ने तड़पते हुए उसके सामने दम तोड़ दिया. 

सोशल मीडिया पर शायद आपकी नजरों के सामने से भी यह तस्वीर (Wife try to give oxygen to husband by her mouth) गुजरी हो. इस तस्वीर ने हमें विचलित कर दिया. इस महिला की तकलीफ को महसूस कर कलेजा फट जाता है फिर भी उसके दर्द को बयां करना बहुत मुश्किल है, शायद इस कायनात में ऐसा कोई अल्फाज नहीं बना.

एक पत्नी अपनी जान की परवाह किए बिना पति को बचाने की कोशिश करती रही

ये किस दौर में हम जी रहे हैं...कितने लाचार, कितने बेबस. अपनों को बचाने की हर कोशिश लेकिन फिर भी हम इस सिस्टम के सामने लाचार हैं. जो हमसे यह कह रहे हैं कि हमारे स्टेट में तो ऑक्सीजन की कमी है ही नहीं है, यह तो महज अफवाह है. उनको कोई बता दो कि यह घटना आगरा की है. ऑक्सीजन की कमी से हर स्टेट के लोग जूझ रहे हैं. ऑक्सीजन के लिए कहीं लंबी लाइनें लगी हैं तो कहीं लोग गिड़गिड़ाते हुए भी नजर आ रहे हैं.

तस्वीर में दिखने वाली इस महिला रेनू सिंहल के पति रवि सिंघल (47 वर्ष) की तबीयत खराब हो गई, वे आवास विकास सेक्टर-सात के निवासी थे. उनको सांस लेने में दिक्कत होने पर रेनू,  ऑक्सीजन (Oxygen Shortage) के लिए दर-दर भटकती रही. रेनू परिजनों के साथ रवि को लेकर श्री राम हॉस्पिटल, साकेत हॉस्पिटल और केजी नर्सिंग होम पहुंचीं. लेकिन बेड (Hospital Bed) खाली न होने के कारण पति को कहीं भर्ती नहीं किया गया.

वह एक प्राइवेट अस्पताल भी पहुंची लेकिन वहां उससे यह बोला गया कि उसके पास पति की कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट (Covid Possitive report) नहीं है. जब कहीं ऑक्सीजन नहीं मिला तो रेनू, पति की जिंदगी बचाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया और मुंह से सांस देने लगी लेकिन फिर भी पति को नहीं बचा सकी. वायरल इस मार्मिक तस्वीर ने लोगों को हिलाकर रख दिया.

एक पत्नी अपने पति को बचाने के लिए उसके अंतिम क्षणों तक लड़ती रही, उसे सांस देती रही लेकिन वह काम न आया और पति ने ऑटो के अंदर ही उसकी गोद में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. इस तरह वह हमारे तख़्त-नशीन के आगे हार गई.

आखिर ये लोग कौन से ग्रह पर अपनी हुकूमत चला रहे हैं? क्यों लोगों को झूठी तसल्ली दे रहे हैं कि हमारे यहां ऑक्सीजन, बेड्स (Hospital Bed) और दवाओं (Medcine) की कोई कमी नहीं है, सोशल साइट्स की टाइमलाइन मदद की गुहार से भरी पड़ी हैं. ऐसे में क्या कहें, किससे उम्मीद करें...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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