• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

क्या घर में श्रीमती की चलती है या ये महज एक अफवाह है?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 26 नवम्बर, 2022 03:57 PM
  • 26 नवम्बर, 2022 03:57 PM
offline
घर में श्रीमती की चलती है, कई पुरुष बड़े शान से यह लाइन कहते हैं और घर की महिलाएं भी यह सुनकर फूले नहीं समाती हैं. घर से संबंधित कोई बात पूछे जाने पर पुरुष बोल पड़ते हैं हमें क्या पता घर की मालकिन से पूछो?

घर में तो मेरी पत्नी की ही चलती है. हमारे घर का गृहमंत्रालय तो उनके ही पास है. वही सब संभालती हैं. हमारी होम मिनिस्टर वहीं हैं. अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि घर में श्रीमती की चलती है. दोस्तों के बीच यह टॉपिक एक तरह से मजाक का विषय होता है.

कई पुरुष बड़े शान से यह लाइन कहते हैं और घर की महिलाएं भी यह सुनकर फूले नहीं समाती हैं. घर से संबंधित कोई बात पूछे जाने पर पुरुष बोल पड़ते हैं हमें क्या पता घर की मालकिन से पूछो? भले ही घर के पेपर में मालकिन का नाम ना हो और अगर हो भी तो बस नाम के लिए क्योंकि जब बात घर से जुड़े फैसले लेने की आती है तब तो पुरुषों की ही चलती है.

कई बातों पर पत्नियों को कहते सुना जा सकता है कि हमें क्या पता शाम को बिट्टू के पापा से पूछकर बताएंगे. भाई जब घर में आपकी चलती है तो फिर बिट्टू के पापा से पूछने की क्या जरूरत है?

अभी हाल भी में कौन बनेगा करोड़ शो में अमिताभ बच्चन ने पुरुषों को सलाह दी कि जो पत्नी बोले वो मान लो. उन्होंने कंटेस्टेंट से कहा, सर देखिए पत्नी से ज्यादा बहस नहीं करनी चाहिए. वो जो बोलें चुपचाप इसे मान लेना चाहिए. बैगन, भिंडी या आलू मिले ना मिले कोई बात नहीं.

बिग बी की बातों सुनकर लग रहा है कि घर में उनकी नहीं जया बच्चन की चलती है. खैर, उनके घर में यह हो सकता है लेकिन क्या आम घरों में भी यही सीन रहता है. या बात सिर्फ सब्जी, झौंका, मसाले से लेकर रसोई और साफ सफाई तक ही सीमित रह जाती है.

जैसे घर में जब पोछा लगता है तो पत्नी पहले ही कह देती है कि अभी मत जाओ फर्श गंदा हो जाएगा. जैसे रात को खाने में गोभी बनेगा औऱ सुबह में पराठे. अगर घर में महिलाओं की चलती है तो वह रसोई को छोड़कर बाकी कामों में फैसला क्यों नहीं लेती.

वह फाइनेंस से जुड़े फैसले क्यों नहीं लेती?

वह अपने बारे में फैसला क्यों नहीं लेती?

वह बच्चों से जुड़ा फैसला क्यों नहीं लेती?

वह...

घर में तो मेरी पत्नी की ही चलती है. हमारे घर का गृहमंत्रालय तो उनके ही पास है. वही सब संभालती हैं. हमारी होम मिनिस्टर वहीं हैं. अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि घर में श्रीमती की चलती है. दोस्तों के बीच यह टॉपिक एक तरह से मजाक का विषय होता है.

कई पुरुष बड़े शान से यह लाइन कहते हैं और घर की महिलाएं भी यह सुनकर फूले नहीं समाती हैं. घर से संबंधित कोई बात पूछे जाने पर पुरुष बोल पड़ते हैं हमें क्या पता घर की मालकिन से पूछो? भले ही घर के पेपर में मालकिन का नाम ना हो और अगर हो भी तो बस नाम के लिए क्योंकि जब बात घर से जुड़े फैसले लेने की आती है तब तो पुरुषों की ही चलती है.

कई बातों पर पत्नियों को कहते सुना जा सकता है कि हमें क्या पता शाम को बिट्टू के पापा से पूछकर बताएंगे. भाई जब घर में आपकी चलती है तो फिर बिट्टू के पापा से पूछने की क्या जरूरत है?

अभी हाल भी में कौन बनेगा करोड़ शो में अमिताभ बच्चन ने पुरुषों को सलाह दी कि जो पत्नी बोले वो मान लो. उन्होंने कंटेस्टेंट से कहा, सर देखिए पत्नी से ज्यादा बहस नहीं करनी चाहिए. वो जो बोलें चुपचाप इसे मान लेना चाहिए. बैगन, भिंडी या आलू मिले ना मिले कोई बात नहीं.

बिग बी की बातों सुनकर लग रहा है कि घर में उनकी नहीं जया बच्चन की चलती है. खैर, उनके घर में यह हो सकता है लेकिन क्या आम घरों में भी यही सीन रहता है. या बात सिर्फ सब्जी, झौंका, मसाले से लेकर रसोई और साफ सफाई तक ही सीमित रह जाती है.

जैसे घर में जब पोछा लगता है तो पत्नी पहले ही कह देती है कि अभी मत जाओ फर्श गंदा हो जाएगा. जैसे रात को खाने में गोभी बनेगा औऱ सुबह में पराठे. अगर घर में महिलाओं की चलती है तो वह रसोई को छोड़कर बाकी कामों में फैसला क्यों नहीं लेती.

वह फाइनेंस से जुड़े फैसले क्यों नहीं लेती?

वह अपने बारे में फैसला क्यों नहीं लेती?

वह बच्चों से जुड़ा फैसला क्यों नहीं लेती?

वह गाड़ी खरीदने से जुड़ा फैसला क्यों नहीं लेती?

वह घर से संबंधित कोई फैसला क्यों नहीं लेती?

अगर महिलाओं की घऱ में चलती तो पुरुष औऱ महिला रसोई में बराबर काम करते

क्यों महिला का पति किसी को उधार देने के बाद उसे बताता है. क्यों उसका पति बिना उससे पूछे ज्वाइंट खाते से पैसा निकाल लेता है?

घर में महिलाओं की चलती है मगर...

सिर्फ भगवान जी की पूजा कैसे होगी इसमें

शादी में मेहमानों को क्या तोहफा दिया जाएगा इसमें

इस बार कौन सा आचार बनेगा इसमें

घर में किस रंग के पर्दे लेगेंगे इसमें

लिफाफे में कितने शगुन जाएंगे इसमें

पड़ोसन की बेटी पिंकी को बर्थ डे पर क्या गिफ्ट दिया जाएगा इसमें

इसमें बुआ जी को कौन सी साड़ी दी जाएगी इसमें

त्योहार में क्या पकवान बनेंगे इसमें

यह सारे काम तो घर संभालने में आते हैं फिर महिलाओं का चलती क्या है? अगर महिलाओं की घऱ में चलती तो पुरुष औऱ महिला रसोई में बराबर काम करते. घर की सफाई से लेकर कपड़े धोने तक वे हर काम में हाथ बटाते.

ऐसा नहीं होता कि पति, जब पत्नी दोनों ऑफिस से घर आएं तो पति सोफे पर बैठ जाता है और पत्नी रसोई में चाय बनाने चली जाती है. असल में 'घर में महिलाओं की चलती है' के नाम पर उन्हें सारे काम सौंप दिए गए...आपको नहीं लगता कि यह लाइन महज समाज औऱ दिमाग का धोखा है...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲