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भारत में कोरोना की तीसरी लहर आना तय! जानिए ये 3 बड़ी वजह

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 17 जुलाई, 2021 06:22 PM
  • 17 जुलाई, 2021 06:22 PM
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दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामले डेल्टा वेरिएंट से जुड़े हुए ही हैं. डेल्टा वेरिएंट दुनिया के 111 से ज्यादा देशों पाया जा चुका है. कोरोना वायरस का ये वेरिएंट तेजी से फैलने के लिए जाना जाता है. भारत में भी सबसे ज्यादा मामले डेल्टा वेरिएंट के ही सामने आए हैं. डेल्टा वेरिएंट में हुए म्यूटेशन की वजह से इसे डबल म्यूटेंट वायरस भी कहा जाता है.

भारत में कोरोना (Covid 19) की दूसरी लहर के दौरान मचे कोहराम की तस्वीरें अभी भी लोगों के मन-मस्तिष्क में समाई हुई हैं. फिलहाल देश में कोरोना (Corona) की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है. लेकिन, ये अभी भी खतरा बनी हुई है. देश में कोरोना संक्रमण के रोजाना सामने आने वाले मामलों की संख्या 40,000 बनी हुई है. देश-विदेश के तमाम एक्सपर्ट आशंका जता चुके हैं कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Covid 19 Third Wave) आ सकती है. हालांकि, कोई भी एक्सपर्ट कोरोना की तीसरी लहर आने के सटीक समय की जानकारी का अनुमान नहीं लगा सके हैं. भारत में फिलहाल कोरोना वायरस से रिकवरी रेट 97.28% बना हुआ है, जो बेहतर कहा जा सकता है. इसके बावजूद तीसरी लहर के खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. वहीं, भारत में वर्तमान हालातों को देखकर आसानी से कहा जा सकता है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है. ऐसा क्यों कहा जा रहा है, आइए जानते हैं इसके पीछे की 3 बड़ी वजह.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को पहले से ही 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' की लिस्ट में रखा हुआ है.

डेल्टा वेरिएंट भारत ही नहीं विश्व के लिए खतरा

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) समेत तमाम एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट ही तीसरी लहर के लिए भी मुख्य वजह बन सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को पहले से ही 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' की लिस्ट में रखा हुआ है. दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामले डेल्टा वेरिएंट से जुड़े हुए ही हैं. डेल्टा वेरिएंट दुनिया के 111 से ज्यादा देशों पाया जा चुका है. कोरोना वायरस का ये वेरिएंट तेजी से फैलने के लिए जाना जाता है. भारत में भी सबसे...

भारत में कोरोना (Covid 19) की दूसरी लहर के दौरान मचे कोहराम की तस्वीरें अभी भी लोगों के मन-मस्तिष्क में समाई हुई हैं. फिलहाल देश में कोरोना (Corona) की रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है. लेकिन, ये अभी भी खतरा बनी हुई है. देश में कोरोना संक्रमण के रोजाना सामने आने वाले मामलों की संख्या 40,000 बनी हुई है. देश-विदेश के तमाम एक्सपर्ट आशंका जता चुके हैं कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर (Covid 19 Third Wave) आ सकती है. हालांकि, कोई भी एक्सपर्ट कोरोना की तीसरी लहर आने के सटीक समय की जानकारी का अनुमान नहीं लगा सके हैं. भारत में फिलहाल कोरोना वायरस से रिकवरी रेट 97.28% बना हुआ है, जो बेहतर कहा जा सकता है. इसके बावजूद तीसरी लहर के खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. वहीं, भारत में वर्तमान हालातों को देखकर आसानी से कहा जा सकता है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है. ऐसा क्यों कहा जा रहा है, आइए जानते हैं इसके पीछे की 3 बड़ी वजह.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को पहले से ही 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' की लिस्ट में रखा हुआ है.

डेल्टा वेरिएंट भारत ही नहीं विश्व के लिए खतरा

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) समेत तमाम एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट ही तीसरी लहर के लिए भी मुख्य वजह बन सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को पहले से ही 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' की लिस्ट में रखा हुआ है. दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामले डेल्टा वेरिएंट से जुड़े हुए ही हैं. डेल्टा वेरिएंट दुनिया के 111 से ज्यादा देशों पाया जा चुका है. कोरोना वायरस का ये वेरिएंट तेजी से फैलने के लिए जाना जाता है. भारत में भी सबसे ज्यादा मामले डेल्टा वेरिएंट के ही सामने आए हैं. डेल्टा वेरिएंट में हुए म्यूटेशन की वजह से इसे डबल म्यूटेंट वायरस भी कहा जाता है. हाल ही में WHO के मुखिया टेड्रोस अधनोम ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दुनिया कोरोना वायरस की तीसरी लहर के शुरुआती चरण में पहुंच चुकी है.

टेड्रोस अधनोम ने डेल्टा वेरिएंट को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि डेल्टा वेरिएंट अभी नहीं, तो बहुत जल्द ही दुनिया में सबसे ज्यादा फैलने वाला वेरिएंट बन जाएगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कोरोना वायरस के ज्यादा संक्रमण फैलाने वाले वेरिएंट और लगातार हो रहे म्यूटेशन को लेकर भी चिंता जताई है. गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले अभी भी 18.8 करोड़ हैं. वहीं, भारत में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 4,32,041 बनी हुई है. भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में डेल्टा वेरिएंट की अधिकता को लेकर एक्सपर्ट लगातार चेतावनी जारी कर रहे हैं.

भारत में लोगों ने बनाया लापरवाही का रिकॉर्ड

भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कहर देखने के बाद भी सार्वजनिक स्थानों और पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ नजर आ रही है. भारत की जनसंख्या के अनुरूप लोगों की भारी भीड़ को एक बार नजरअंदाज किया जा सकता है. लेकिन, इन लोगों द्वारा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोरोना गाइडलाइंस की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सरकार के द्वारा तीसरी लहर की चेतावनी के बावजूद बड़ी संख्या में लोग पर्यटन स्थलों पर पहुंच रहे हैं. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने लोगों में कोरोना वायरस को लेकर बढ़ रही लापरवाही को लेकर कहा था कि लोग कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी को मौसम के अपडेट की तरह ले रहे हैं. कोरोना से जुड़ी गंभीरता और जिम्मेदारियों को समझने में लोग लापरवाही जता रहे हैं. कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना की तीसरी लहर के पीछे इन लोगों की लापरवाही बड़ी वजह होगी.

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में लॉकडाउन लगाकर जैसे-तैसे रोजाना चार लाख संक्रमण के मामलों पर लगाम लगाई गई थी. कोरोना संक्रमण के मामले काबू में आने पर सरकार ने नियमों में ढील दी. इसी के साथ लोग एक बार फिर से बेपरवाह होकर कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करने लगे. कोविड प्रोटोकॉल के पालन में लोगों की लापरवाही देश के लोगों पर भारी पड़ सकती है. लोगों को समझना होगा कि कोरोना नियमों में मिली ढील की मतलब ये कहीं से भी नही है कि कोरोना महामारी खत्म हो चुकी है. अगर ऐसे ही लापरवाही अपनाई जाती रही, तो कोरोना की तीसरी लहर का आना तय है.

देश में फिर बढ़ रही है R वैल्यू

देश में कोरोना नियमों की अनदेखी की वजह से कुछ राज्यों में 'R' वैल्यू बढ़ गई है. R फैक्टर के 1.0 से ज्यादा होने पर कोविड-19 का तेजी से प्रसार होता है. R फैक्टर बताता है कि एक संक्रमित व्यक्ति अन्य कितने लोगों को संक्रमित कर रहा है. इसके 1 से ज्यादा होने का मतलब है कि कोरोना संक्रमित मरीज एक से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है. देश में R वैल्यू में फिर से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. करीब एक महीने पहले R वैल्यू को जो आंकड़ा 0.74 था. वो अब बढ़कर 0.95 हो गया है. वहीं, देश के 73 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है, जो चिंता का विषय है. देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों का 52 फीसदी केवल दो राज्यों महाराष्ट्र और केरल से हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोरोना की संभावित तीसरी लहर को नजरअंदाज कर पहाड़ों और पर्यटन स्थल पर पहुंची भीड़ को लेकर चिंता व्यक्त की थी. भारत में जब तक उपरोक्त तीन वजहों को नजरअंदाज किया जाता रहेगा, लोगों पर कोरोना वायरस का खतरा बना रहेगा. कहना गलत नहीं होगा कि अगर लोग नहीं सुधरे, तो भारत में कोरोना की तीसरी लहर आना तय है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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