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ब्रेकअप के दर्द से लड़का या लड़की कौन जल्दी उबरता है, क्या कहता है साइंस?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 28 मार्च, 2021 05:10 PM
  • 28 मार्च, 2021 05:10 PM
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ब्रेकअप के बाद होने वाली तकलीफ (Breakup Side effect) को भूलाना इतना आसान नहीं होता, हालांकि लड़का और लड़की दोनों ही अपने-अपने तरीके से इमोशनल पेन और फीलिंग (Emotion pain and Feelings) से डील करने की कोशिश करते हैं.

जब दो लोग प्यार (Love) में होते हैं तो यह कभी नहीं सोचते कि उनको एक दिन अलग होना पड़ेगा, लेकिन कुछ ऐसे हालात हो जाते हैं जो ब्रेकअप (Breakup) की वजह बन जाते हैं. दोनों के अलग होने का कारण चाहे जो भी हो लेकिन ब्रेकअप के बाद जो तकलीफ (Breakup pain) होती है उसे भूलाना इतना आसान नहीं होता. हालांकि लड़का और लड़की दोनों ही अपने-अपने तरीके से इमोशनल पेन और फीलिंग से डील करने की कोशिश करते हैं. इस बात को लेकर अक्सर बहस भी होती है कि मेल और फीमेल दोनों में से कौन ब्रेकअप (Move on) से जल्दी उबर पाता है, तो चलिए आपको बताते हैं.

लड़कियों को तुरंत ब्रेकअप का दर्द महसूस होता है जबकि लड़कों को बाद में एहसास होता है

1- ब्रेकअप को लेकर Evolutionary Behavioral Sciences journal में एक रिसर्च छपी थी. जिसके अनुसार Binghamton niversity और niversity College London ने 96 देशों के 5,705 लोगों पर सर्वे किया था. 

2- इस स्टडी के अनुसार, ब्रेकअप के बाद महिलाएं ज्यादा नेगेटिव हो जाती हैं. महिलाओं का एवरेज इमोशनल हर्ट रेट 10 में से 6.84 तो फिजिकल पेन 4.21 था. वहीं पुरुषों का इमोशनली हर्ट रेट 6.58 और फिजिकल पेन 3.75 था. अगर दोनों की रेटिंग का कंपेयर किया जाए तो महिलाओं को ब्रेकअप का दर्द ज्यादा होता है, लेकिन वे पुरूषों के मुकाबले इमोशनल और फिजिकल पेन से जल्दी रिकवर कर जाती हैं. साथ ही अपने एक्सपीरियंस की वजह से पहले से ज्यादा खुद को मजबूत कर लेती हैं.

3- ब्रेकअप के बाद ज्यादातर लड़के कुछ भी महसूस नहीं करते. वे किसी नशे या गलत आदत के शिकार हो जाते हैं. वो खुद को समझ नहीं पाते या समझना ही नहीं चाहते कि उन्हें क्या करना चाहिए. वहीं लड़कियां इमोशन को चैलेंज के तौर पर लेती हैं और खुद को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश करती...

जब दो लोग प्यार (Love) में होते हैं तो यह कभी नहीं सोचते कि उनको एक दिन अलग होना पड़ेगा, लेकिन कुछ ऐसे हालात हो जाते हैं जो ब्रेकअप (Breakup) की वजह बन जाते हैं. दोनों के अलग होने का कारण चाहे जो भी हो लेकिन ब्रेकअप के बाद जो तकलीफ (Breakup pain) होती है उसे भूलाना इतना आसान नहीं होता. हालांकि लड़का और लड़की दोनों ही अपने-अपने तरीके से इमोशनल पेन और फीलिंग से डील करने की कोशिश करते हैं. इस बात को लेकर अक्सर बहस भी होती है कि मेल और फीमेल दोनों में से कौन ब्रेकअप (Move on) से जल्दी उबर पाता है, तो चलिए आपको बताते हैं.

लड़कियों को तुरंत ब्रेकअप का दर्द महसूस होता है जबकि लड़कों को बाद में एहसास होता है

1- ब्रेकअप को लेकर Evolutionary Behavioral Sciences journal में एक रिसर्च छपी थी. जिसके अनुसार Binghamton niversity और niversity College London ने 96 देशों के 5,705 लोगों पर सर्वे किया था. 

2- इस स्टडी के अनुसार, ब्रेकअप के बाद महिलाएं ज्यादा नेगेटिव हो जाती हैं. महिलाओं का एवरेज इमोशनल हर्ट रेट 10 में से 6.84 तो फिजिकल पेन 4.21 था. वहीं पुरुषों का इमोशनली हर्ट रेट 6.58 और फिजिकल पेन 3.75 था. अगर दोनों की रेटिंग का कंपेयर किया जाए तो महिलाओं को ब्रेकअप का दर्द ज्यादा होता है, लेकिन वे पुरूषों के मुकाबले इमोशनल और फिजिकल पेन से जल्दी रिकवर कर जाती हैं. साथ ही अपने एक्सपीरियंस की वजह से पहले से ज्यादा खुद को मजबूत कर लेती हैं.

3- ब्रेकअप के बाद ज्यादातर लड़के कुछ भी महसूस नहीं करते. वे किसी नशे या गलत आदत के शिकार हो जाते हैं. वो खुद को समझ नहीं पाते या समझना ही नहीं चाहते कि उन्हें क्या करना चाहिए. वहीं लड़कियां इमोशन को चैलेंज के तौर पर लेती हैं और खुद को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश करती हैं.

4- स्टडी के अनुसार महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को मूव ऑन करने में ज्यादा टाइम लग जाता है. पुरुषों को ब्रेकअप से बाहर निकलने के लिए ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है. स्टडी में शामिल हुए ज्यादातर मेल प्रतिभागी पोस्ट रिलीफ ग्रीफ से पीड़ित थे. जबकि उनका ब्रेकअप हुए एक साल से भी ज्यादा टाइम हो चुका था.

5- रिसर्च के अनुसार लड़कों को अच्छा साथी खोने का एहसास बाद में होता है. जबकि लड़कियों को पार्टनर खोने का दुख तुरंत होता है. पुरूषों को अपने साथी की कमी धीरे-धीरे होती है कि उन्होंने क्या खोया है. उन्हें साथी ही अहमियत बाद में समझ आती है. वो उन्हीं यादों को बार-बार रिमाइंड करना चाहते हैं.

उन्हें इस बात का भी डर होता है कि क्या वे अब किसी और से प्यार कर सकेंगे. क्या किसी को फिर से अपनी लाइफ में शामिल कर अपना साथी बना सकेंगे. यानी दर्द तो दोनों को होता है, हां इसका एहसास अलग-अलग समय पर हो सकता है. इस बारे में आपकी क्या राय है?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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