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घूरने वाले जवान पर बौखलाने वाली विद्या बालन को रणवीर की नंगी तस्वीरों पर आंखें सेकनी है!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 03 अगस्त, 2022 12:43 PM
  • 03 अगस्त, 2022 12:40 PM
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विद्या बालन एक तरफ तो उस जवान को छिछोरा करार देती हैं जो उनको घूर रहा था. वहीं दूसरी तरफ वे रणवीर सिंह की नंगी तस्वीरों पर कहती हैं कि हमें भी आंख सेकने का मौका दिया जाए...तो क्या सिर्फ पुरुषों का घूरना ही गुनाह-ए-अज़ीम है?

विद्या बालन (Vidya Balan) एक तरफ तो उस जवान को छिछोरा करार देती हैं जो उनके ब्रेस्ट को घूर रहा था. वहीं दूसरी तरफ वे रणवीर सिंह की नंगी तस्वीरों पर कहती हैं कि हमें भी आंख सेकने का मौका दिया जाए...

ये क्या बात हुई भला? विद्या यहां दो तरह की बातें कर रही हैं. मतलब वे पुरुष को घूर सकती हैं लेकिन उन्हें कोई ना घूरे? तो क्या सिर्फ पुरुषों का ही ताड़ना गुनाह-ए-अज़ीम है? क्या महिलाओं को यह संसार किसी पुरुष को घूरने की आजादी देता है? आखिर विद्या बालन अपनी ही कही बाते से इस कदर कैसे बदल सकती हैं? विद्या बालन का ही सही है चित भी मेरी, पट भी मेरी...विद्या बालन ने दो तरह की बातें कही हैं, और दोनों में खुद को सही साबित भी कर दिया है.

असल में कुछ सालों सालों पहले तुम्हारी सुलु के प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में विद्या बालन खुद के साथ हुई छेड़खानी की घटना का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि "जब मैं कॉलेज में थी तो लोकल ट्रेन से सफर करती थी. एक बार वीटी रेलने स्टेशन पर एक आर्मी का जवान खड़ा था. वह मुझे घूरे जा रहा था. वह मेरे ब्रेस्ट को देखे जा रहा था. इसके बाद उसने मेरी तरफ देखा और आंख मार दी...मैं हैरान रह गई और मेरे तन-बदन में गुस्से से आग लग गई. मैं तमतमाई हुई उसके पास पहुंची और उससे पूछा कि वह मुझे क्यों घूर रहा था? उसने मुझे क्यों आंख मारी? यह छिछोरापन है." इस तरह विद्या बालन ने उस जवान को सबक सिखाई थी. विद्या का कहना था कि "ट्रेन में कोई चिकोटी काट लेता था तो धक्के मारता था. मैं तो मार देती है. मुझे बहुत गुस्सा आता था और बहुत तकलीफ होती थी."

रणवीर सिंह बॉलीवुड एक्टर हैं तो विद्या बालन ने उनके नंगेपन को अप्रूवल दे दिया है

वहीं अब जब रणवीर सिंह की न्यूड फोटोशूट से बवाल मचा दिया है तो यह कह...

विद्या बालन (Vidya Balan) एक तरफ तो उस जवान को छिछोरा करार देती हैं जो उनके ब्रेस्ट को घूर रहा था. वहीं दूसरी तरफ वे रणवीर सिंह की नंगी तस्वीरों पर कहती हैं कि हमें भी आंख सेकने का मौका दिया जाए...

ये क्या बात हुई भला? विद्या यहां दो तरह की बातें कर रही हैं. मतलब वे पुरुष को घूर सकती हैं लेकिन उन्हें कोई ना घूरे? तो क्या सिर्फ पुरुषों का ही ताड़ना गुनाह-ए-अज़ीम है? क्या महिलाओं को यह संसार किसी पुरुष को घूरने की आजादी देता है? आखिर विद्या बालन अपनी ही कही बाते से इस कदर कैसे बदल सकती हैं? विद्या बालन का ही सही है चित भी मेरी, पट भी मेरी...विद्या बालन ने दो तरह की बातें कही हैं, और दोनों में खुद को सही साबित भी कर दिया है.

असल में कुछ सालों सालों पहले तुम्हारी सुलु के प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में विद्या बालन खुद के साथ हुई छेड़खानी की घटना का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि "जब मैं कॉलेज में थी तो लोकल ट्रेन से सफर करती थी. एक बार वीटी रेलने स्टेशन पर एक आर्मी का जवान खड़ा था. वह मुझे घूरे जा रहा था. वह मेरे ब्रेस्ट को देखे जा रहा था. इसके बाद उसने मेरी तरफ देखा और आंख मार दी...मैं हैरान रह गई और मेरे तन-बदन में गुस्से से आग लग गई. मैं तमतमाई हुई उसके पास पहुंची और उससे पूछा कि वह मुझे क्यों घूर रहा था? उसने मुझे क्यों आंख मारी? यह छिछोरापन है." इस तरह विद्या बालन ने उस जवान को सबक सिखाई थी. विद्या का कहना था कि "ट्रेन में कोई चिकोटी काट लेता था तो धक्के मारता था. मैं तो मार देती है. मुझे बहुत गुस्सा आता था और बहुत तकलीफ होती थी."

रणवीर सिंह बॉलीवुड एक्टर हैं तो विद्या बालन ने उनके नंगेपन को अप्रूवल दे दिया है

वहीं अब जब रणवीर सिंह की न्यूड फोटोशूट से बवाल मचा दिया है तो यह कह रही हैं कि इसमें क्या बुराई है? जिन्हें पसंद नहीं है वे ना देंखे. हमें तो आंखें सेकने मौका मिला है. यानी रणवीर सिंह बॉलीवुड एक्टर हैं तो विद्या बालन ने उनके नंगेपन को अप्रूवल दे दिया है. अब लोग रणवीर सिंह को घूर सकते हैं, क्योंकि वे एक मशहूर अभिनेता हैं. तो क्या अब विद्या बालन की नजरें ललचा गई हैं या फिर बात यहां स्टार और आम इंसान के बीच की खाई की है? अब विद्या अभिनेत्री हैं तो किसी को ताड़ सकती हैं, है ना? कहीं ऐसा तो नहीं है कि एक्टर बनने के बाद नंगेपन और घूरने का परमिट मिल जाता है?

विद्या को एक एक्टर का नंगा होना और उसे घूरना कूल लग रहा है? इस हिसाब से तो जब वह जवान उन्हें घूर रहा था तब नजरें दूसरी और घुमा लेनी चाहिए थीं. विद्या के हिसाब से तो वह भी तो आंखें सेंक रहा था. कहीं विद्या यह तो नहीं कहना चाह रहीं हैं कि आम लोगों में और एक्टर में अंतर है...

पितृसत्ता के अनुसार, पुरुष नंगा भी हो सकता है लेकिन महिला को अपने पहनावे को लेकर ध्यान रखना चाहिए. इसलिए विद्या बालन को आंख सेकने वाला बयान देने से पहले एक बार ठिठकना चाहिए था कि मैं जो बोल रही हूं उसका बाकी महिलाओं पर क्या असर होगा? विद्या बालन का रणवीर को घूरना सही है और उस जवान का विद्या को घूरना गलत, मगर कैसे?

मतलब एक्टर-एक्ट्रेस के लिए सब लागू है लेकिन सारी पाबंदियां आम इंसान के लिए हैं. ये विद्या बालन हैं इसलिए पुरुष को घूरकर आंखें सेंक सकती हैं लेकिन कोई इन्हें घूर कर देखे तो मिर्ची लग जाएगी. इनकी कही बातों से महिला-पुरुष और आम इंसान और अभिनेता वाला भेद दिख रहा है...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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