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Valentine week : प्रेम का इजहार और स्क्रीन शॉट का डर

    • महेंद्र गुप्ता
    • Updated: 08 फरवरी, 2018 02:06 PM
  • 08 फरवरी, 2018 02:06 PM
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आज के समय में आशिकों के बीच सबसे बड़ी समस्या ये है कि ये प्यार तो करना जानते हैं मगर अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाते. इस कारणवो व्यक्ति इनसे दूर होता जाता है जिनसे ये प्रेम करते हैं.

प्रेम का इज़हार एक विशिष्ठ कला है. इस कला में पारंगत लोग अपने फॉर्मूले को उजागर नहीं करते. जैसे कोका कोला का फॉर्मूला हो. ज्ञान सिंह भी पिछले 3 साल से इस फॉर्मूला पर काम कर रहा था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. ज्ञान सारे भाव व्यक्त कर सकता था, सिवाय प्रेम के. उसका कोमल दिल रोजी पर आया था, लेकिन उसे शक था कि रोजी का बॉयफ्रेंड है. उसे लगता था, 'न जाने रोजी को मुझसे पहले कितने लोगों ने प्रोपोज किया होगा? कुछ ने घुटनों के बल तो कुछ ने पैसों के बल. लेकिन इस बार प्रोपोज डे पर मैं भी इस फेहरिस्त में शामिल होऊंगा. पिछले 2 बार की तरह ढेर नहीं होऊंगा.'

वेलेंटाइन वीक पर आशिकों के बीच स्क्रीन शॉट्स भी एक भारी मुसीबत हैं.

उसने तय कर लिया कि रोजी जब आज लंच पर मिलेगी उससे पूछ ही लेगा कि उसका कोई बॉयफ्रेंड तो नहीं.  जब ज्ञान मौका पाकर उसके पास बैठा ही था कि उसका एक दोस्त राजकुमार टपक पड़ा. इतना बड़ा ग्रहण है ये राजकुमार कि जब भी ज्ञान रोजी के साथ होता है आ टपकता है.किसी तरह ज्ञान ने अपना सवाल कल पर डाल दिया. फिर सोचा किसी और से भी तो पूछ सकता है. लेकिन उसे पता चल गया कि मैं रोजी पर फील्डिंग जमा रहा हूँ तो? आइडिया कैंसिल.

फिर विचार आया व्हाट्सएप पर सीधा प्रोपोज कर देगा, लेकिन यदि उसने स्क्रीन शॉट ले लिया तो सबूत बन जाएंगा. बदनामी भी हो सकती है.कहेगी देखो ज्ञान मुझ पर कैसा लट्टू है. ज्ञान ने तय किया कि अलग तरह से प्रोपोज करेगा, फिल्मी नहीं, बल्कि बुद्धजीवियों वाला. 'क्या तुम मेरे साथ अपना बुढ़ापा जीना चाहोगी?' हां ये ठीक है. फिर सारा विश्लेषण कर दूंगा, 'प्लीज मुझे अकेला मत छोड़ो. बहुत चाहता हूं तुम्हें. सदा खुश रखूंगा. बस अब जिंदगी में तुम ही हो. हँसना, उठना, खाना, पीना, लुढ़कना सब कुछ.

प्रेम का इज़हार एक विशिष्ठ कला है. इस कला में पारंगत लोग अपने फॉर्मूले को उजागर नहीं करते. जैसे कोका कोला का फॉर्मूला हो. ज्ञान सिंह भी पिछले 3 साल से इस फॉर्मूला पर काम कर रहा था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. ज्ञान सारे भाव व्यक्त कर सकता था, सिवाय प्रेम के. उसका कोमल दिल रोजी पर आया था, लेकिन उसे शक था कि रोजी का बॉयफ्रेंड है. उसे लगता था, 'न जाने रोजी को मुझसे पहले कितने लोगों ने प्रोपोज किया होगा? कुछ ने घुटनों के बल तो कुछ ने पैसों के बल. लेकिन इस बार प्रोपोज डे पर मैं भी इस फेहरिस्त में शामिल होऊंगा. पिछले 2 बार की तरह ढेर नहीं होऊंगा.'

वेलेंटाइन वीक पर आशिकों के बीच स्क्रीन शॉट्स भी एक भारी मुसीबत हैं.

उसने तय कर लिया कि रोजी जब आज लंच पर मिलेगी उससे पूछ ही लेगा कि उसका कोई बॉयफ्रेंड तो नहीं.  जब ज्ञान मौका पाकर उसके पास बैठा ही था कि उसका एक दोस्त राजकुमार टपक पड़ा. इतना बड़ा ग्रहण है ये राजकुमार कि जब भी ज्ञान रोजी के साथ होता है आ टपकता है.किसी तरह ज्ञान ने अपना सवाल कल पर डाल दिया. फिर सोचा किसी और से भी तो पूछ सकता है. लेकिन उसे पता चल गया कि मैं रोजी पर फील्डिंग जमा रहा हूँ तो? आइडिया कैंसिल.

फिर विचार आया व्हाट्सएप पर सीधा प्रोपोज कर देगा, लेकिन यदि उसने स्क्रीन शॉट ले लिया तो सबूत बन जाएंगा. बदनामी भी हो सकती है.कहेगी देखो ज्ञान मुझ पर कैसा लट्टू है. ज्ञान ने तय किया कि अलग तरह से प्रोपोज करेगा, फिल्मी नहीं, बल्कि बुद्धजीवियों वाला. 'क्या तुम मेरे साथ अपना बुढ़ापा जीना चाहोगी?' हां ये ठीक है. फिर सारा विश्लेषण कर दूंगा, 'प्लीज मुझे अकेला मत छोड़ो. बहुत चाहता हूं तुम्हें. सदा खुश रखूंगा. बस अब जिंदगी में तुम ही हो. हँसना, उठना, खाना, पीना, लुढ़कना सब कुछ.

ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक लोग इसी चिंता में हैं कि प्यार का इजहार कैसे करें.

ज्ञान ने हिम्मत कर ही ली कि प्रोपोज डे पर इस बार फैसला हो ही जायेगा. दुर्भाग्य से लंच में फिर राजकुमार टपक गया. जब वो चला गया तो ज्ञान ने रोजी को चाय पर मिलने के लिये राजी किया. बड़ी हिम्मत कर उसने कह ही दिया. 'रोजी क्या तुम अपने बुढ़ापे के हसीन पल मेरे साथ बिताना पसन्द करोगी?' 'क्या?' रोजी का 'क्या' ऐसी थी जैसे तत्काल किडनी निकालकर देने को कहा हो. रोजी भांप गई ज्ञान के इरादे.

बोली, 'बुढ़ापे का बुढ़ापे में देखा जायेगा. अभी मेरी जवानी खराब मत करो. मुझे जाना है?' कहाँ? 'रचित आ रहा है, उसके साथ फ्लैट देखने जाना है'  'ये कौन है?' 'रचित को नहीं जानते? मेरा बॉयफ्रेंड.'ज्ञान बोला, ओके.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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