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भारत की आम समस्या! इस शहर से आईडिया ले सकते हैं मोदी जी

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 10 फरवरी, 2017 05:03 PM
  • 10 फरवरी, 2017 05:03 PM
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सार्वजनिक जगहों पर शौचालय की कमी के कारण भारत में गंदगी फैलती है, उसका एक खूबसूरत इलाज पेरिस में ढूंढ निकाला गया है. मोदी जी के स्‍वच्‍छता मिशन में शायद यह काम आ सकता है.

भारत में एक ऐसी इमर्जेंसी... जिसके लिए लोग कानून तक तोड़ देते हैं और वो है सार्वजनिक जगहों पर पेशाब करना. हालांकि, यह कानूनन अपराध है, लेकिन अब जोर की लगी हो तो किसे मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान और कानून याद रहता है. भारत में कानून को तोड़ने वाले सड़क किनारे या खाली जगह पर टॉयलेट करके उस जगह को खराब कर देते हैं. देखा गया है कि जहां दीवारों पर लिखा रहता है कि यहां पेशाब करना मना है वहीं लोग अपना काम कर जाते हैं. और ये समस्या भारत में आम है. सुलभ शौचालय ढूंढने की बजाय लोग खुले में यह काम करना ज्यादा पसंद करते हैं. भारत में ही नहीं फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी खुले में पेशाब करना आम समस्या था. ये शहर भी ऐसे लोगों से त्रस्त थे. इस मुसीबत से निपटने के लिए पेरिस ने एक नायाब तरीका अपनाया जिसका नाम है यूरिट्रॉटटियोर (uritrottoir). पेरिस में हर गली, मुहल्ले में इस डिब्बे को रखा गया है. 

ये हैं यूरिट्रॉटटियोर और अब लोग दीवार पर टॉयलेट करने की जगह इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. आइए जानते हैं क्या है इस यूरिट्रॉटटियोर में खास बात...

क्या खास बात है यूरिट्रॉटटियोर में

यूरिट्रॉटटियोर को बड़े ही खास तरह से बनाया गया है. कानून तोड़ने वाले भी बड़े ही आराम से टॉयलेट कर सकते हैं और इससे फायदा भी मिल सकता है. जी हां, फ्रांस ने इसका भी तोड़ निकाला है. पेशाब करने वाला करके चला जाएगा. इसके बाद इसकी प्रोसेस शुरू होती है. पेशाब सोखने के लिए इस डिब्बे के अंदर सूखी घांस, लकड़ी के तुकड़े और लकड़ी का बुरादा रखा जाता है. कार्बन होने की वजह से इसमें से बदबू भी नहीं आती.

भारत में एक ऐसी इमर्जेंसी... जिसके लिए लोग कानून तक तोड़ देते हैं और वो है सार्वजनिक जगहों पर पेशाब करना. हालांकि, यह कानूनन अपराध है, लेकिन अब जोर की लगी हो तो किसे मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान और कानून याद रहता है. भारत में कानून को तोड़ने वाले सड़क किनारे या खाली जगह पर टॉयलेट करके उस जगह को खराब कर देते हैं. देखा गया है कि जहां दीवारों पर लिखा रहता है कि यहां पेशाब करना मना है वहीं लोग अपना काम कर जाते हैं. और ये समस्या भारत में आम है. सुलभ शौचालय ढूंढने की बजाय लोग खुले में यह काम करना ज्यादा पसंद करते हैं. भारत में ही नहीं फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी खुले में पेशाब करना आम समस्या था. ये शहर भी ऐसे लोगों से त्रस्त थे. इस मुसीबत से निपटने के लिए पेरिस ने एक नायाब तरीका अपनाया जिसका नाम है यूरिट्रॉटटियोर (uritrottoir). पेरिस में हर गली, मुहल्ले में इस डिब्बे को रखा गया है. 

ये हैं यूरिट्रॉटटियोर और अब लोग दीवार पर टॉयलेट करने की जगह इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. आइए जानते हैं क्या है इस यूरिट्रॉटटियोर में खास बात...

क्या खास बात है यूरिट्रॉटटियोर में

यूरिट्रॉटटियोर को बड़े ही खास तरह से बनाया गया है. कानून तोड़ने वाले भी बड़े ही आराम से टॉयलेट कर सकते हैं और इससे फायदा भी मिल सकता है. जी हां, फ्रांस ने इसका भी तोड़ निकाला है. पेशाब करने वाला करके चला जाएगा. इसके बाद इसकी प्रोसेस शुरू होती है. पेशाब सोखने के लिए इस डिब्बे के अंदर सूखी घांस, लकड़ी के तुकड़े और लकड़ी का बुरादा रखा जाता है. कार्बन होने की वजह से इसमें से बदबू भी नहीं आती.

कुछ दिनों बाद वो खाद में तब्दील हो जाता है. फिर उस खाद को पौधों के लिए उपयोग कर लिया जाता है.  uritrottoir अपने सेंसर से ये भी संकेत देता है कि अब उसे बदलने का वक्त आ चुका है. यही नहीं यहां पुरुषों के लिए फ्रांस ने ये जुगाड़ निकाला है वहीं महिलाओं के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की जाने वाली है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि उसमें क्या खास होगा. कुल मिलाकर इस तकनीक से पेरिस में ये आम समस्या बड़े ही आम तरह से हल हो गई. भारत को भी इसी तरह की तकनीक का इस्तेमाल होना चाहिए. जिससे मोदी जी भी खुश और पेशाब कर चुपके से भागने वाले भी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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