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ट्रंप की ये बातें जान लेंगे तो मोदी से प्यार करने लगेंगे

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 24 जनवरी, 2017 01:58 PM
  • 24 जनवरी, 2017 01:58 PM
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मोदी बनाम ट्रंप, क्या आपने कभी सोचा है मोदी की जगह अगर डोनाल्ड ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री होते तो क्या गजब होता? अगर ट्रंप की मोदी से तुलना की जाए तो मोदी-विरोधी भी संतोष ही करेंगे.

डोनाल्ड ट्रंप. ये वो नाम है जो पूरे विश्व में ऐसे चर्चित हो गया है, जैसे अमेरिका में नया प्रेसिडेंट नहीं न्यूक्लियर बम फट गया हो. सभी को ये चिंता है कि डोनाल्ड ट्रंप जो अब प्रेसिडेंट हैं इंटरनेशनल लेवल पर कुछ खास नहीं करेंगे. ग्लोबल कर्तव्यों की बात ना ही की जाए तो बेहतर है और ट्रंप दोस्तों (जिन देशों से अमेरिका के अच्छे रिश्ते हैं) को भी छोड़ देंगे. अब एक तरफ ट्रंप की तुलना मोदी से भी की जा रही है, लेकिन अगर ध्यान दिया जाए तो कुछ खास पहलुओं पर मोदी ट्रंप पर भारी पड़ते नजर आएंगे. इसे थोड़ा पॉजिटिव सेंस में लीजिए. मेरा मतलब ये है कि भले ही मोदी में सौ बुराइयां हों, लेकिन अगर हम उनकी तुलना ट्रंप से करेंगे तो ये जरूर लगेगा कि मोदी कुछ मामलों में बहुत बेहतर हैं.

 मोदी बनाम ट्रंप- आपके हिसाब से कौन बेहतर है?

1. कैम्पेन-

ट्रंप- अपने कैम्पेन में आक्रामक भाषण और विवादित बयान शामिल थे. ट्रंप के भाषणों में इस बात को साफ कर दिया गया था कि अमेरिका के अलावा, वो और किसी भी देश के हित में नहीं हैं. इसके अलावा, वो अप्रवासियों के पक्ष में नहीं थे. ट्रंप पर कई आरोप भी लगे. कैम्पेन के दौरान मुस्लिम, महिलाओं और अप्रवासियों पर ट्रंप ने काफी भड़काऊ बयान दिए थे.

मोदी- अपनी इलेक्शन कैम्पेन भी भारत तक सीमित थी. मोदी ने पूरी कैम्पेनिंग के दौरान अलग-अलग जगह जाकर रैलियां की जिनमें किसी भी तब्के के बारे में कोई भड़काऊ बात नहीं बोली. मोदी की कैम्पेनिंग भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था और महंगाई तक ही सीमित थी.

2. शपथ-  

ट्रंप-...

डोनाल्ड ट्रंप. ये वो नाम है जो पूरे विश्व में ऐसे चर्चित हो गया है, जैसे अमेरिका में नया प्रेसिडेंट नहीं न्यूक्लियर बम फट गया हो. सभी को ये चिंता है कि डोनाल्ड ट्रंप जो अब प्रेसिडेंट हैं इंटरनेशनल लेवल पर कुछ खास नहीं करेंगे. ग्लोबल कर्तव्यों की बात ना ही की जाए तो बेहतर है और ट्रंप दोस्तों (जिन देशों से अमेरिका के अच्छे रिश्ते हैं) को भी छोड़ देंगे. अब एक तरफ ट्रंप की तुलना मोदी से भी की जा रही है, लेकिन अगर ध्यान दिया जाए तो कुछ खास पहलुओं पर मोदी ट्रंप पर भारी पड़ते नजर आएंगे. इसे थोड़ा पॉजिटिव सेंस में लीजिए. मेरा मतलब ये है कि भले ही मोदी में सौ बुराइयां हों, लेकिन अगर हम उनकी तुलना ट्रंप से करेंगे तो ये जरूर लगेगा कि मोदी कुछ मामलों में बहुत बेहतर हैं.

 मोदी बनाम ट्रंप- आपके हिसाब से कौन बेहतर है?

1. कैम्पेन-

ट्रंप- अपने कैम्पेन में आक्रामक भाषण और विवादित बयान शामिल थे. ट्रंप के भाषणों में इस बात को साफ कर दिया गया था कि अमेरिका के अलावा, वो और किसी भी देश के हित में नहीं हैं. इसके अलावा, वो अप्रवासियों के पक्ष में नहीं थे. ट्रंप पर कई आरोप भी लगे. कैम्पेन के दौरान मुस्लिम, महिलाओं और अप्रवासियों पर ट्रंप ने काफी भड़काऊ बयान दिए थे.

मोदी- अपनी इलेक्शन कैम्पेन भी भारत तक सीमित थी. मोदी ने पूरी कैम्पेनिंग के दौरान अलग-अलग जगह जाकर रैलियां की जिनमें किसी भी तब्के के बारे में कोई भड़काऊ बात नहीं बोली. मोदी की कैम्पेनिंग भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था और महंगाई तक ही सीमित थी.

2. शपथ-  

ट्रंप- शपथ के बाद उनका पहला दिन सिर्फ विवादों में ही बीता. शपथ लेने के बाद ट्रंप ने इस बात को लेकर गुस्सा जाहिर किया की मीडिया ने उनके उद्घाटन समारोह की झूठी रिपोर्टिंग की और जितने लोग दिखाए गए थे उससे ज्यादा लोगों ने इस समारोह में हिस्सा लिया. ट्रंप के पहले 24 घंटे काफी खराब रहे हैं. दुनिया भर में प्रेटोस्ट हुआ सो हुआ, लेकिन ट्रंप ने प्रेसिडेंट बनने से पहले किए कई वादे भी तोड़ दिए. ट्रंप ने वादा किया था कि प्रेसिडेंट बनने के बाद पहले घंटे, पहले दिन में जो वो पहला पेपर साइन करेंगे उससे अंतर्राष्ट्रीय ठग और ड्रग डीलरों को काफी नुकसान होगा और उनका सफाया होगा. बहरहाल 24 घंटे बीत चुके हैं और ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. ट्रंप ने कहा था कि वो बुरे लोगों (Bad one's) को अपने कार्यकाल के पहले दिन ही अमेरिका से बाहर निकाल देंगे. वो भी नही हुआ और ट्रंप सिर्फ खिसियाकर मीडिया को दोष देते रहे कि उनके इनॉगरेशन की फेक कवरेज की गई है. इसके अलावा, ट्रंप शपथ लेने के बाद पहले 24 घंटे सिर्फ जश्न में ही व्यस्त रहे.

ये भी पढ़ें- ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी प्रेस का जंगी ऐलान..

मोदी-  

जीत के बाद मोदी के शपथ समारोह में पाकिस्‍तान सहित सभी सार्क देशों को निमंत्रण गया था. भारत के बाकी देशों से मधुर संबंध रहें इसका एक संदेश था. मोदी के पहले 24 घंटे काफी रोचक रहे थे. ऑफिस ज्वाइन करते ही मोदी ने यूपी ट्रेन एक्सिडेंट में हताहत हुए लोगों के परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की थी. इसके बाद सभी SAARC देशों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. नवाज शरीफ के साथ हैदराबाद हाउस में 45 मिनट की बैठक की थी और शाम तक साउथ ब्लॉक में पहली कैबिनेट मीटिंग की थी. कुल मिलाकर शपथ लेने के बाद मोदी ने पहला दिन काफी उठापटक के बीच गुजारा था.

मोदी का शपथ समारोह-

जीत के बाद दी गई मोदी की पहली स्पीच-

3. महिलाएं- मोदी संवेदनशील और ट्रंप....

ट्रंप- महिलाओं को लेकर ट्रंप का बयान यकीनन निंदनीय है. किसी भी ऐसे इंसान से महिलाओं के सम्मान की उम्मीद की जाती है जो किसी देश का लीडर हो, लेकिन अगर ट्रंप को देखें तो कभी भी महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना उनके बयानों में नहीं दिखी है.

महिलाओं को लेकर दी गई ट्रंप का बयान-

मोदी- मोदी ने महीलाओं को लेकर कई कोई विवादित बात नहीं की. उनके बयानों और भाषणों में महिलाओं को प्रति आदर हमेशा झलकता है.

महिलाओं को लेकर दी गई मोदी की स्पीच-

4. धर्म -

ट्रंप - मुस्लिमों को लेकर काफी आक्रामक रहे हैं. ये पूरी दुनिया को पता है कि ट्रंप मुस्लिम विरोधी हैं. अपने बयानों में वो इस बात को लेकर काफी उग्र रहे हैं कि मुस्लिमों को अमेरिका से बैन कर देना चाहिए. ट्रंप ने अरब देशों के प्रति भी अपनी पॉलिसी साफ कर दी है.

ट्रंप का मुस्लिमों को लेकर दिया बयान-

मोदी- इस मामले में हम मोदी को विवादित जरूर कह सकते हैं. गुजरात दंगों को लेकर मोदी की आलोचना और अमेरिका में वीजा बैन भी विवादों का ही विषय रहा है, लेकिन मोदी ने मुस्लिमों के खिलाफ कोई भी ऐसा बयान नहीं दिया है जिससे उनके एंटी मुस्लिम होने की बात साबित होती हो. हालांकि, ऐसे आरोप मोदी पर कई बार लगे हैं.

अजान के वक्त मोदी ने रोकी अपनी स्पीच...

मोदी का मुस्लिम को लेकर बयान-










इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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