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UPSC में टॉप करने वाली लड़कियों ने बता दिया है कि भविष्य हमारा है

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 30 मई, 2022 09:01 PM
  • 30 मई, 2022 09:01 PM
offline
जितनी परीक्षा बच्चों की होती होती है, उससे अधिक बेचैनी मां-बाप को होती है. अगर माता-पिता बेटियों की जल्दी शादी करा देंगे, ससुराल वाले पढ़ने नहीं देंगे तो बेटियां IAS कैसे बनेंगी? इसलिए एक बधाई तो इन बच्चियों के माता-पिता और परिवार के सदस्यों को जाती है.

PSC Result देखकर हमें 'एक बार फिर लड़कियों ने मारी बाजी' हेडलाइन की याद आ गई. जो 10 वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम के बाद हम अधिकतर अखबारों में देखते हैं. इस बार तो एकदम गजब ही हो गया.

मतलब सिविल सेवा की फाइनल परीक्षा (PSC civil services final exam) में तीन लड़कियों ने टॉप किया है. जिसमें पहले रैंक पर श्रुति शर्मा, दूसरे पर अंकिता अग्रवाल और तीसरे पर गामिनी सिंगला हैं. अब 'बाजी मारी वाली लाइन' सिविल परीक्षा के लिए लिखी जाएगी और यह छोटी बात नहीं है.

इन लड़कियों ने बता दिया है कि आने वाला भविष्य हमारा है. इसलिए अब हम लड़कियों को कोसना बंद कर दीजिए और सभी लोग मिलकर बधाई दीजिए.

सिविल सेवा की फाइनल परीक्षा में तीन लड़कियों ने टॉप किया है

आज PSC Result के टॉप 10 टॉपर में 4 लड़कियां हैं. जिन्होंने ना जाने कितनी लड़कियों को प्रेरित किया है कि, हां सपने सच होते हैं. लोग कह रहे हैं कि यह महिलाओं को बधाई देने का वक्त है, यह आने वाले समय की आहट है.

एक तरफ गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास 'टॉम्ब ऑफ सैंड' को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से नवाजा गया. वहीं दूसरी तरफ हिंदी की उपन्यासकार महुआ माझी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया. इन यूपीएससी टॉपर लड़कियों ने हमें गर्व करने का एक और मौका दे दिया है. इन लड़कियों की खुशी में आज देश के अधिकतर लोग शामिल हैं.

वे कह रहे हैं कि लड़कियों तुम्हारा स्वागत है. हमें तुमपर गर्व है. सोशल मीडिया पर मिलने वाली बधाई इस बात का सबूत है. लिंक हम नीचे दे रहे हैं जिसे आप आराम से देख सकते हैं.

PSC Result देखकर हमें 'एक बार फिर लड़कियों ने मारी बाजी' हेडलाइन की याद आ गई. जो 10 वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम के बाद हम अधिकतर अखबारों में देखते हैं. इस बार तो एकदम गजब ही हो गया.

मतलब सिविल सेवा की फाइनल परीक्षा (PSC civil services final exam) में तीन लड़कियों ने टॉप किया है. जिसमें पहले रैंक पर श्रुति शर्मा, दूसरे पर अंकिता अग्रवाल और तीसरे पर गामिनी सिंगला हैं. अब 'बाजी मारी वाली लाइन' सिविल परीक्षा के लिए लिखी जाएगी और यह छोटी बात नहीं है.

इन लड़कियों ने बता दिया है कि आने वाला भविष्य हमारा है. इसलिए अब हम लड़कियों को कोसना बंद कर दीजिए और सभी लोग मिलकर बधाई दीजिए.

सिविल सेवा की फाइनल परीक्षा में तीन लड़कियों ने टॉप किया है

आज PSC Result के टॉप 10 टॉपर में 4 लड़कियां हैं. जिन्होंने ना जाने कितनी लड़कियों को प्रेरित किया है कि, हां सपने सच होते हैं. लोग कह रहे हैं कि यह महिलाओं को बधाई देने का वक्त है, यह आने वाले समय की आहट है.

एक तरफ गीतांजलि श्री के हिंदी उपन्यास 'टॉम्ब ऑफ सैंड' को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से नवाजा गया. वहीं दूसरी तरफ हिंदी की उपन्यासकार महुआ माझी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया. इन यूपीएससी टॉपर लड़कियों ने हमें गर्व करने का एक और मौका दे दिया है. इन लड़कियों की खुशी में आज देश के अधिकतर लोग शामिल हैं.

वे कह रहे हैं कि लड़कियों तुम्हारा स्वागत है. हमें तुमपर गर्व है. सोशल मीडिया पर मिलने वाली बधाई इस बात का सबूत है. लिंक हम नीचे दे रहे हैं जिसे आप आराम से देख सकते हैं.

इस बार लड़कियों ने जिस तरह IAS में अपना वर्चस्व स्थापित किया है. यह उन लड़कियों को हौसला देगा जो IAS बनने का सपना देख रही हैं. जिनका लक्ष्य PSC की परीक्षा पास करना है. जो अपने लिए समाज से लड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही हैं. यूपीएससी की इतनी कठिन परीक्षा में महिलाओं की भागीदारी और सफलता को देखकर सच में बहुत अच्छा लग रहा है.

ये लड़कियां किसी और आसमान से नहीं उतरी हैं. ये भी इसी धरती की प्राणी हैं. इनके घरवालों भी हमारी और आपकी तरह ही हैं. बस उन्होंने अपनी बेटियों का उनके फैसले में साथ दिया है. उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोका है. उन्हें वो करने दिया जो वे चाहती हैं.

जितनी परीक्षा बच्चों की होती होती है, उससे अधिक बेचैनी मां-बाप को होती है. अगर माता-पिता बेटियों की जल्दी शादी करा देंगे, ससुराल वाले पढ़ने नहीं देंगे तो बेटियां IAS कैसे बनेंगी? इसलिए एक बधाई तो इन बच्चियों के माता-पिता और परिवार के सदस्यों को जाती है. तो हमें भी अपनी बेटियों को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए और उनकी सफलता पर खुद को गदगद होने का मौका देना चाहिए...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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