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कर्ज वसूली के लिए अंडरवियर के साथ इज्‍जत की नीलामी!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 19 फरवरी, 2021 05:17 PM
  • 19 फरवरी, 2021 05:09 PM
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कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण लगे लॉकडाउन (Lockdown) का पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीके से असर देखने को मिला. लेकिन यूक्रेन (Ukraine News In Hindi) में जो हुआ उसे सुनकर आपको भी हैरानी हो सकती है.

कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण लगे लॉकडाउन (Lockdown) का पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीके से असर देखने को मिला. लेकिन यूक्रेन (kraine News In Hindi) में जो हुआ उसे सुनकर आपको भी हैरानी हो सकती है. यहां कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण हजारों लोगों की नौकरी चली गई. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई, कर्जे में डूबे लोगों से पैसा वसूलने के लिए उनके अंडरवियर तक नीलाम (auction in kraine) किए जा रहे है.

दरअसल, इस देश में 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनके घर से किसी ना किसी व्यक्ति की नौकरी गई है. ऐसा कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से हुआ है. यहां की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. कोरोना की वजह से यहां मंदी छाई हुई हैं. ऐसे में यहां डिफाल्टरों की भी संख्या में इज़ाफा हो रहा है.

इस दुनिया में जीने के लिए पैसा कितना जरूरी है हम सभी जानते हैं. हर शख्स कभी ना कभी अपनी लाइफ में कर्ज जरूर लेता है या देता है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. अब जब लोगों को पैसे की जरूरत होती है तो वे बैंक से लोन लेते हैं. कई लोग ऐसे होते हैं जो कर्ज तो बड़े आराम से ले लेते हैं लेकिन चुकाने के टाइम पर आनाकानी करते हैं और गायब हो जाते हैं. बैंक वाले बेचारे फिर चक्कर लगाते रहते हैं.

नीलामी में बिक रहे एक अंडरवियर की कीमत 50 रूपए है, लेकिन उसके साथ इज्जत भी जा रही है.

हालांकि कई लोग जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाना चाहते. वहीं कई लोगों की मजबूरी होती है क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते. लेकिन यूक्रेन वालों ने कर्ज वसूली के लिए अनोखा तरीका निकाला है. एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रेल सिटी Kryvyi में जस्टिस मिनीस्ट्री वेबसाइट पर यह ऐड दिया गया है. जहां एक अंडरवियर की कीमत 50 रूपए है.

अब सवाल यह है कि जिनके पास नौकरी नहीं है. जो...

कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण लगे लॉकडाउन (Lockdown) का पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीके से असर देखने को मिला. लेकिन यूक्रेन (kraine News In Hindi) में जो हुआ उसे सुनकर आपको भी हैरानी हो सकती है. यहां कोरोना संकट की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण हजारों लोगों की नौकरी चली गई. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई, कर्जे में डूबे लोगों से पैसा वसूलने के लिए उनके अंडरवियर तक नीलाम (auction in kraine) किए जा रहे है.

दरअसल, इस देश में 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनके घर से किसी ना किसी व्यक्ति की नौकरी गई है. ऐसा कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से हुआ है. यहां की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. कोरोना की वजह से यहां मंदी छाई हुई हैं. ऐसे में यहां डिफाल्टरों की भी संख्या में इज़ाफा हो रहा है.

इस दुनिया में जीने के लिए पैसा कितना जरूरी है हम सभी जानते हैं. हर शख्स कभी ना कभी अपनी लाइफ में कर्ज जरूर लेता है या देता है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. अब जब लोगों को पैसे की जरूरत होती है तो वे बैंक से लोन लेते हैं. कई लोग ऐसे होते हैं जो कर्ज तो बड़े आराम से ले लेते हैं लेकिन चुकाने के टाइम पर आनाकानी करते हैं और गायब हो जाते हैं. बैंक वाले बेचारे फिर चक्कर लगाते रहते हैं.

नीलामी में बिक रहे एक अंडरवियर की कीमत 50 रूपए है, लेकिन उसके साथ इज्जत भी जा रही है.

हालांकि कई लोग जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाना चाहते. वहीं कई लोगों की मजबूरी होती है क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते. लेकिन यूक्रेन वालों ने कर्ज वसूली के लिए अनोखा तरीका निकाला है. एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंट्रेल सिटी Kryvyi में जस्टिस मिनीस्ट्री वेबसाइट पर यह ऐड दिया गया है. जहां एक अंडरवियर की कीमत 50 रूपए है.

अब सवाल यह है कि जिनके पास नौकरी नहीं है. जो आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं अगर उनके साथ ऐसा किया जा रहा है तो वह किस हद तक सही है. साथ ही क्या अंडरवियर की नीलामी करने से पूरे कर्जे की वसूली हो जाएगी, अगर नहीं तो फिर ऐसा करने के पीछे मायने क्या हैं.

जानकारी के अनुसार, यहां डिफाल्टरों की भेड़ें और गाय तक की नीलामी की जा रही है. पिछली साल तो सेल में दो कुत्तों का इश्तेहार लगा था. यह मामला काफी चर्चा में भी रहा था. लोगों ने MP, Yevgeniy Brahar का मज़ाक उड़ाया था क्योंकि उन्होंने एक बुजुर्ग महिला के बारे में कहा था कि कर्ज चुकाने के लिए उन्हें अपने डॉग ही बेच देने चाहिए. यही नहीं यहां कुछ सामान को दान में दे दिए जाते हैं.

यूक्रेन में यह परंपरा 2015 से शुरू की गई थी, जिसके तहत अब तक 365 मिलियन यूरो की प्रॉपटी सेल की जा चुकी है. ऐसा उन लोगों के साथ किया जाता है जो अपना कर्ज नहीं चुका पाते हैं. फिलहाल यह देश कोरोना की मार झेल रहा है. लोगों के पास नौकरी नहीं है. पता नहीं यह देश आर्थिक मंदी से कब तक उभर पाएगा और कब वहां के लोगों की हालत में सुधार होगा…

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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