• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

शादी के बाद 'वर्जिनिटी टेस्ट में फेल' दो बहुओं को घर से भगा दिया!

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 10 अप्रिल, 2021 07:02 PM
  • 10 अप्रिल, 2021 07:02 PM
offline
अभी भी दुनिया के कई देशों में वर्जिनिटी टेस्ट की वाहियात प्रथा देखने को मिल रही है. महाराष्ट्र में भी एक मामला सामने आया है. जबकि वर्जिनिटी टेस्ट पूरी तरह से अवैज्ञानिक है. ज़माना बदलने के बावजूद लोगों का दिमाग नहीं बदल रहा है.

दुनिया कहां से कहां पहुंच चुकी है, लेकिन लोग हैं कि अभी भी आदिम मानसिकता से बाहर नहीं निकलना चाहते. लोगों के दिमाग में भरा दकियानूसी मवाद अक्सर बाहर निकलता रहता है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक खबर सामने आई है जिसे जानकर लोगों की बुद्धि पर तरस और गुस्सा दोनों आता है. दरअसल, यहां की एक जाति पंचायत ने शादी के तीसरे दिन एक नववधु का वर्जिनिटी टेस्ट करवाया. टेस्ट में फेल होने की वजह से 5 दिन के अंदर ही नववधू और उसकी बहन को पतियों से अलग होने का फैसला सुनाते हुए मायके भेज दिया गया. मामला चार महीने पुराना है. इसी गुरुवार को पुलिस में शिकायत हुई है.

मराठी डेली, 'महाराष्ट्र टाइम्स' के मुताबिक़ दोनों लड़कियों को उनकी विधवा मां ने बहुत मुसीबतों से पाल-पोसकर बड़ा किया था. पढ़ाया लिखाया और पिछले साल 27 नंवबर 2020 नें एक ही मंडप में इस अरमान के साथ बेटियों की शादी बेलगांव में कर दी कि दोनों राजी खुशी अपने घर संसार में बस जाएं. एक लड़की का पति सेना में जबकि दूसरा प्राइवेट नौकरी करता है. लेकिन शादी के तीसरे दिन ही नववधुओं के सामने ऐसी परेशानी खड़ी हो गई जिसका कोई लॉजिक ही नहीं था.

टेस्ट में एक बहन फेल हुई और फिर ऐसे हुआ उत्पीड़न

दरअसल, दोनों लड़कियों के समुदाय में अब भी वर्जिनिटी टेस्ट की परंपरा है. शादी के तीसरे दिन दोनों नववधुओं को सफ़ेद चादर देकर इंटरकोर्स के दौरान इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई. इस तरह के टेस्ट में चादर पर खून के धब्बे आने के बाद वधू को पास मान लिया जाता है. लेकिन एक बहन की चादर पर खून के धब्बे नहीं आए तो मान लिया गया कि उसका शादी से पहले किसी और पुरुष के साथ नाजायज सम्बन्ध था. वाहियात टेस्ट के बाद लड़कियों का उत्पीडन शुरू हो गया. आत्महत्या करने या मायके चली जाने का दबाव डाला गया. मामले में हुई शिकायत के मुताबिक़ सेना में काम करने वाले पति ने जान से भी मारने की धमकी दी. महाराष्ट्र टाइम्स ने धमकी को कुछ इस तरह लिखा है- "मुझे तीन खून माफ है. तू आत्महत्या कर नहीं तो मैं तुझे गोलियों से भून दूंगा. ये सैनिकों के रोज का काम...

दुनिया कहां से कहां पहुंच चुकी है, लेकिन लोग हैं कि अभी भी आदिम मानसिकता से बाहर नहीं निकलना चाहते. लोगों के दिमाग में भरा दकियानूसी मवाद अक्सर बाहर निकलता रहता है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक खबर सामने आई है जिसे जानकर लोगों की बुद्धि पर तरस और गुस्सा दोनों आता है. दरअसल, यहां की एक जाति पंचायत ने शादी के तीसरे दिन एक नववधु का वर्जिनिटी टेस्ट करवाया. टेस्ट में फेल होने की वजह से 5 दिन के अंदर ही नववधू और उसकी बहन को पतियों से अलग होने का फैसला सुनाते हुए मायके भेज दिया गया. मामला चार महीने पुराना है. इसी गुरुवार को पुलिस में शिकायत हुई है.

मराठी डेली, 'महाराष्ट्र टाइम्स' के मुताबिक़ दोनों लड़कियों को उनकी विधवा मां ने बहुत मुसीबतों से पाल-पोसकर बड़ा किया था. पढ़ाया लिखाया और पिछले साल 27 नंवबर 2020 नें एक ही मंडप में इस अरमान के साथ बेटियों की शादी बेलगांव में कर दी कि दोनों राजी खुशी अपने घर संसार में बस जाएं. एक लड़की का पति सेना में जबकि दूसरा प्राइवेट नौकरी करता है. लेकिन शादी के तीसरे दिन ही नववधुओं के सामने ऐसी परेशानी खड़ी हो गई जिसका कोई लॉजिक ही नहीं था.

टेस्ट में एक बहन फेल हुई और फिर ऐसे हुआ उत्पीड़न

दरअसल, दोनों लड़कियों के समुदाय में अब भी वर्जिनिटी टेस्ट की परंपरा है. शादी के तीसरे दिन दोनों नववधुओं को सफ़ेद चादर देकर इंटरकोर्स के दौरान इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई. इस तरह के टेस्ट में चादर पर खून के धब्बे आने के बाद वधू को पास मान लिया जाता है. लेकिन एक बहन की चादर पर खून के धब्बे नहीं आए तो मान लिया गया कि उसका शादी से पहले किसी और पुरुष के साथ नाजायज सम्बन्ध था. वाहियात टेस्ट के बाद लड़कियों का उत्पीडन शुरू हो गया. आत्महत्या करने या मायके चली जाने का दबाव डाला गया. मामले में हुई शिकायत के मुताबिक़ सेना में काम करने वाले पति ने जान से भी मारने की धमकी दी. महाराष्ट्र टाइम्स ने धमकी को कुछ इस तरह लिखा है- "मुझे तीन खून माफ है. तू आत्महत्या कर नहीं तो मैं तुझे गोलियों से भून दूंगा. ये सैनिकों के रोज का काम है." नववधुओं के उत्पीड़न में पतियों के साथ उनकी सास भी शामिल रहीं.

प्रतीकात्मक फोटो

घर बनाने के लिए 10 लाख मांगे, मारा-पीटा भी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ससुरालवालों ने घर बनाने के लिए 10 लाख रुपये भी मांगे और दोनों को मारापीटा भी गया. शादी के महज पांच दिन के अंदर मामला जब जाति पंचायत में पहुंचा तो वहां भी नववधुओं को कोई राहत नहीं मिली. उल्टे मदद के नाम पर विधवा मां से 40 हजार रुपये ऐंठे गए. इस साल फरवरी में एक मंदिर में जाति की पंचायत जुटी और शादी को ख़त्म करने का फैसला सुनाया गया. पंचायत यहीं नहीं रुकी बल्कि लड़कियों और उनकी मां का जाति बहिष्कार भे एकर दिया गया. इस केस में प्रताड़ना का सामना करने वाली लड़कियों की मां ने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से मदद मांगी जिसके बाद राजारामपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है.

क्या वर्जिनिटी टेस्ट संभव है

बिल्कुल नहीं. दकियानूसों को कौन बताए कि जिस आधार पर वर्जिनिटी टेस्ट की जांच होती है वो वाहियात और अवैज्ञानिक है. आज की लाइफस्टाइल में दौड़ने, भागने, साइकिल चलाने या किसी स्पोर्ट्स में शामिल होने वाली लड़की हायमन प्रभावित हो सकते हैं. जरूरी नहीं कि लड़की के किसी पुरुष के साथ संबंध हों तभी हायमन खराब हो. वैसे दुनिया के कई देशों में महिलाओं को वर्जिनिटी टेस्ट की समस्या का सामना करना पड़ रहा है जो उनकी गरिमा और आत्मसम्मान के साथ उनका यौन शोषण भी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲