• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

US President के लिए कमला vs तुलसी? भारत की उम्‍मीद, और कश्‍मकश

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 06 फरवरी, 2019 10:16 PM
  • 06 फरवरी, 2019 10:16 PM
offline
अमेरिकी प्रेसिडेंट के इलेक्शन में डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर देने के लिए इस बार दो ऐसी महिलाएं सामने आई हैं जिनका भारतीय कनेक्शन उन्हें खास बनाता है. तुलसी गब्बार्ड और कमला हैरिस दोनों ही नई पहल कर सकती हैं.

अमेरिका में 2020 के इलेक्शन की दौड़ अभी से ही शुरू हो गई है. मौजूदा अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर देने के लिए अभी से कैंडिडेट आवेदन दे चुके हैं और भारत के लिए इस बार के इलेक्शन सबसे अहम हो सकते हैं. कारण ये है कि इस बार दो ऐसी महिलाएं अमेरिकी प्रेसिडेंट की रेस में आई हैं जिनका भारत से गहरा नाता है. पहली हैं कमला हैरिस जो भारतीय मूल की हैं. उनके पिता जमैका के थे और मां तमिल. दूसरी हैं तुलसी गब्बार्ड जो वैसे तो मूलत: भारत की नहीं हैं, लेकिन उनकी मां और तुलसी खुद हिंदू धर्म को मानती हैं. ये दोनों ही महिलाएं अपने-अपने काम में बेहतरीन हैं और दोनों ही डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं.

कमला हैरिस और तुलसी गब्बार्ड दोनों की ही कैंपेन में भारतीय कनेक्शन अहम है.

कमला हैरिस: वकालत और राजनीति की बेहतरीन जानकार-

कमला हैरिस का जन्म 1964 में कैलिफोर्निया में हुआ था. उनकी मां श्यामला गोपालन हैरिस ब्रेस्ट कैंसर साइंटिस्ट हैं, जो 1960 में ही अमेरिका चली गई थीं. पिता भी जमैका से अमेरिका 1961 में पहुंच गए थे. कमला ने पॉलिटिकल साइंस और लॉ की डिग्री ली है. ये एक अमेरिकी अटॉर्नी हैं, राजनीतिज्ञ हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य हैं.

कमला 1990 से ही कानून के दांव पेंच लगा रही हैं. वो सेनफ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी और सिटी अटॉर्नी रह चुकी हैं. 2010 में वो कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल चुनी गई थीं. 2014 में एक बार फिर वो चुनी गईं और 2016 में वो कैलिफोर्निया की सिनेटर बन गईं.

वो Medicare-for-all आंदोलन को सपोर्ट कर रही थीं और उसके बाद DREAM Act पास करने में सफल रहीं. साथ...

अमेरिका में 2020 के इलेक्शन की दौड़ अभी से ही शुरू हो गई है. मौजूदा अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर देने के लिए अभी से कैंडिडेट आवेदन दे चुके हैं और भारत के लिए इस बार के इलेक्शन सबसे अहम हो सकते हैं. कारण ये है कि इस बार दो ऐसी महिलाएं अमेरिकी प्रेसिडेंट की रेस में आई हैं जिनका भारत से गहरा नाता है. पहली हैं कमला हैरिस जो भारतीय मूल की हैं. उनके पिता जमैका के थे और मां तमिल. दूसरी हैं तुलसी गब्बार्ड जो वैसे तो मूलत: भारत की नहीं हैं, लेकिन उनकी मां और तुलसी खुद हिंदू धर्म को मानती हैं. ये दोनों ही महिलाएं अपने-अपने काम में बेहतरीन हैं और दोनों ही डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं.

कमला हैरिस और तुलसी गब्बार्ड दोनों की ही कैंपेन में भारतीय कनेक्शन अहम है.

कमला हैरिस: वकालत और राजनीति की बेहतरीन जानकार-

कमला हैरिस का जन्म 1964 में कैलिफोर्निया में हुआ था. उनकी मां श्यामला गोपालन हैरिस ब्रेस्ट कैंसर साइंटिस्ट हैं, जो 1960 में ही अमेरिका चली गई थीं. पिता भी जमैका से अमेरिका 1961 में पहुंच गए थे. कमला ने पॉलिटिकल साइंस और लॉ की डिग्री ली है. ये एक अमेरिकी अटॉर्नी हैं, राजनीतिज्ञ हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य हैं.

कमला 1990 से ही कानून के दांव पेंच लगा रही हैं. वो सेनफ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी और सिटी अटॉर्नी रह चुकी हैं. 2010 में वो कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल चुनी गई थीं. 2014 में एक बार फिर वो चुनी गईं और 2016 में वो कैलिफोर्निया की सिनेटर बन गईं.

वो Medicare-for-all आंदोलन को सपोर्ट कर रही थीं और उसके बाद DREAM Act पास करने में सफल रहीं. साथ ही, उन्होंने वर्किंग और मिडिल क्लास अमेरिकियों के टैक्स कम कर, अमीरों के टैक्स बढ़ाने के लिए भी काम किया.

जनवरी 2019 में ही उन्होंने अपने राष्ट्रपति की दौड़ में हिस्सा लेने की बात सार्वजनिक की थी. उन्होंने मिडिल क्लास के टैक्स कम करने को अपने चुनावी कैंपेन का हिस्सा बनाया है.

तुलसी गब्बार्ड: एक सैनिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ

तुलसी गब्बार्ड 1981 में अमेरिकी सामोआ (Leloaloa) में पैदा हुई थीं. उनके पिता सामोअन हैं और मां हिंदू धर्म का पालन करती हैं. तुलसी शुरू से ही कई धर्मों से जुड़ी हुई हैं. पर बड़े होने पर उन्होंने हिंदू धर्म का पालन करना शुरू कर दिया.

2002 में 21 साल की तुलसी अमेरिकी इतिहास में सबसे कम उम्र की महिला बनी थीं जो यू.एस. स्टेट विधानसभा में चुनी गई थीं. तुलसी ने 2004-2005 में आर्मी मेडिकल यूनिट में भी काम किया है. वो हवाई आर्मी नेशनल गार्ड की टीम के मेडिकल यूनिट में थीं और ईराक में पोस्टेड थीं. इसके बाद उन्हें कुवैत शिफ्ट कर दिया गया था.

तुलसी गब्बार्ड को हमेशा से ही अपने उग्र भाषणों और सोच के लिए समर्थन मिलता रहा है.

डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ी तुलसी हवाई से यूएस रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर 2013 से कार्यरत हैं. वो अमेरिका में अबॉर्शन राइट्स का सपोर्ट करती हैं, वो भी Medicare for All आंदोलन का हिस्सा हैं, साथ ही वो मिडिल ईस्ट और कई अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मुद्दों की अच्छी जानकार हैं. तुलसी ने सीरियन प्रेसिडेंट बशर अल असद को आक्रमण से हटाए जाने का विरोध भी किया था. तुलसी और कमला के बीच ये अहम अंतर है कि तुलसी को अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकारी अच्छी है.

तुलसी ने भी जनवरी में ही अपने राष्ट्रपति की रेस में हिस्सा लेने का ऐलान किया था.

सेमीफाइनल में इंडिया Vs इंडिया जैसी है लड़ाई-

कमला और तुलसी दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन हैं, लेकिन अगर आगे बढ़ने की बात है तो दोनों में से एक ही आगे बढ़ पाएगी. दरअसल, अमेरिकी इलेक्शन में अंत में सिर्फ दो ही उम्मीदवार आगे बढ़ सकते हैं. दोनों अलग-अलग पार्टी से होते हैं. क्योंकि तुलसी और कमला दोनों ही डेमोक्रेटिक पार्टी की हैं इसलिए उन्हें एक दूसरे से लड़ना होगा और एक दूसरे से आगे निकलने की रेस ही ये तय करेगी कि आगे कौन जाएगा. हालांकि, तुलसी और कमला के अलावा, डेमोक्रेटिक पार्टी के ही कई उम्मीदवार हैं जो इस रेस का हिस्सा हैं. उनमें से एक हैं क्रिस्टीन गिलिब्रैंड. इसलिए ये कहना कि कौन आगे निकलकर ट्रंप को टक्कर देगा ये बहुत मुश्किल है फिर भी दो ऐसे उम्मीदवार जिनका भारत से कनेक्शन है उन्हें देखकर थोड़ी उम्मीद तो बढ़ी है.

वहां रहने वाले एशियन और अन्य अल्पसंख्यक ये सोच सकते हैं कि अगर कोई प्रेसिडेंट किसी अन्य मूल का बना तो उनके लिए पॉलिसी बेहतर होंगी. जैसे बराक ओबामा के समय अमेरिका की पॉलिसी अल्पसंख्यकों के लिए बेहतर थीं और बराक ओबामा अमेरिका के सबसे सफल राष्ट्रपतियों में से एक साबित हुए हैं.

हिंदू-मुस्लिम की दीवार यहां भी

तुलसी गब्बार्ड और कमला हैरिस की सोच एकदम अलग है. जहां तुलसी एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकारी के साथ-साथ इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ हैं. उन्हें नरेंद्र मोदी के करीबी भी माना जाता है. 2014 में अपने भारत दौरे के वक्त तुलसी ने NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिका अपने एक अहम मिशन में पीछे रह गया और वो है कट्टर इस्लामपंथियों को हराना. यहां तक कि तुलसी ने राष्ट्रपति ओबामा की इस्लाम को आतंकवाद से न जोड़ने की पॉलिसी को भी कई बार गलत कहा है. साथ ही, प्रेसिडेंट ट्रंप की दीवार वाली पॉलिसी को भी गलत मानती हैं. 2011 से 2018 तक तुलसी को जो डोनेशन मिली है वो अधिकतर हिंदू परिवारों से है.

इसके विपरीत कमला हैरिस इस्‍लामोफोबिया के खिलाफ हैं. वो मुसलमानों के खिलाफ कैलिफोर्निया में बढ़ते अपराधों की निंदा करती हैं. वो अपने कैंपेन में ये भी कहती हैं कि आतंकवाद को किसी अन्य धर्म से जोड़कर देखना सही नहीं है.

भारत के लिए क्या फायदेमंद?

जहां तक भारत की बात है तो तुलसी गब्बार्ड के मामले में ज्यादा बेहतर रिस्पॉन्स मिल सकता है. कमला हैरिस की अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी कुछ साफ नहीं है, लेकिन तुलसी के मामले में ये काफी हद तक साफ है और हिंदू होने के कारण तुलसी को अमेरिका में रह रहे कई हिंदू परिवारों का समर्थन मिल सकता है.

पिछले कुछ सालों में भारत-अमेरिका के रिश्ते ठीक हुए हैं और आर्थिक विकास के मामले में, इस्लामिक कट्टरपंथ के मामले में, चीन के विरोध के मामले में अमेरिका और भारत एक ही साथ खड़े दिखते हैं. ऐसे में 2019 भारतीय इलेक्शन और 2020 अमेरिकी इलेक्शन आगे आने वाले समय में बेहतर नीतियां बनाने या फिर संबंध बिगड़ने दोनों के लिए अहम हो सकते हैं.

फिलहाल तो डेमोक्रेटिक पार्टी पहले से ही प्रेसिडेंशियल इलेक्शन कैंडिडेट्स के बोझ तले दबी हुई है और ऐसे में तुलसी और कमला के लिए सिर्फ यही उम्मीद है कि वहां मौजूद भारतीय-अमेरिकी परिवार इन दोनों महिलाओं का समर्थन करें.

ये भी पढ़ें-

अगर बच्चे झूठ नहीं बोलते, तो इस मासूम को दो दिन का 'मोगली' ही समझिए!

जिसकी वजह से ये ठंड दोबारा लौटी है, उसका भी तो हाल देख लीजिए


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲