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सिंदूर लगाए वंदे मातरम कहने वाली नुसरत जहां को देख ट्रोल के सिर घूम गए

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 26 जून, 2019 03:30 PM
  • 26 जून, 2019 03:30 PM
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शादी के बाद पहली बार अपने शपथ ग्रहण के लिए सिंदूर लगाकर संसद आई नुसरत जहां के साथ जो हरकत ट्रोल्स ने की है वो साफ बताती है कि कुछ लोगों को धर्म के चश्‍मे से ही सबकुछ दिखता है.

पश्चिम बंगाल के बसीरहाट से सांसद नुसरत जहां सुर्खियों और ट्रोल्स के निशाने पर हैं. कारण बना है उनका सिंदूर लगाना और शपथ ग्रहण के बाद वंदे मातरम कहना और लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला के पैर छूना. ज्ञात हो कि शादी के बाद पहली बार शपथ लेने के सिलसिले में संसद पहुंची नुसरत के लुक को गैर-इस्लामी बताया जा रहा है. ध्यान रहे कि नुसरत की अभी हाल में ही शादी हुई है, तो वो एक सुहागन की तरह संसद पहुंची थीं. नुसरत ने हाथों में मेहंदी लगाई हुई थी और सुहाग की चूड़ियां पहनी थीं. साथ ही इनकी मांग में सिंदूर और माथे पर बिंदी थी. नुसरत का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ है. अतः माथे पर सिंदूर लगाए नुसरत को देखकर अपने को मुस्लिम धर्म का ठेकेदार कहने वाले लोगों की भावना का आहत होना स्वाभाविक था. संसद में हुए इस शपथग्रहण के बाद नुसरत अपने आलोचकों के निशाने पर आ गई हैं और उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. नुसरत के इस रूप को देखकर उन्हें ऐसी तमाम बातें कही गयीं हैं जो न सिर्फ संकीर्ण मानसिकता दर्शाती हैं. बल्कि ये भी बताती हैं कि हिंदू मुस्लिम से ऊपर उठकर सोचना अभी भी हमारे समाज के लिए दूर के सुहावने ढोल जैसा है.

सिंदूर लगाकर संसद आने और शपथ लेने के कारण नुसरत जहां की तीखी आलोचना हो रही है

नुसरत ने अपने शपथ ग्रहण का वीडियो अपने फेसबुक पर शेयर किया है. नुसरत के इस वीडियो का अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि सिंदूर- बिंदी लगाने और वंदे मातरम कहने के कारण इसपर ऐसे तमाम कमेंट्स आ रहे हैं जिनके अनुसार एक मुसलमान होने के नाते नुसरत का ऐसा करना इस्लाम विरोधी है.    

नुसरत के इस पोस्ट पर आरिफ उल इस्लाम नाम के यूजर ने लिखा है कि इन्हें (नुसरत को) अपना नाम बदल लेना चाहिए. इन्होंने अपना विश्वास और आस्था बेची है जिसकी सजा इन्हें एक...

पश्चिम बंगाल के बसीरहाट से सांसद नुसरत जहां सुर्खियों और ट्रोल्स के निशाने पर हैं. कारण बना है उनका सिंदूर लगाना और शपथ ग्रहण के बाद वंदे मातरम कहना और लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला के पैर छूना. ज्ञात हो कि शादी के बाद पहली बार शपथ लेने के सिलसिले में संसद पहुंची नुसरत के लुक को गैर-इस्लामी बताया जा रहा है. ध्यान रहे कि नुसरत की अभी हाल में ही शादी हुई है, तो वो एक सुहागन की तरह संसद पहुंची थीं. नुसरत ने हाथों में मेहंदी लगाई हुई थी और सुहाग की चूड़ियां पहनी थीं. साथ ही इनकी मांग में सिंदूर और माथे पर बिंदी थी. नुसरत का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ है. अतः माथे पर सिंदूर लगाए नुसरत को देखकर अपने को मुस्लिम धर्म का ठेकेदार कहने वाले लोगों की भावना का आहत होना स्वाभाविक था. संसद में हुए इस शपथग्रहण के बाद नुसरत अपने आलोचकों के निशाने पर आ गई हैं और उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. नुसरत के इस रूप को देखकर उन्हें ऐसी तमाम बातें कही गयीं हैं जो न सिर्फ संकीर्ण मानसिकता दर्शाती हैं. बल्कि ये भी बताती हैं कि हिंदू मुस्लिम से ऊपर उठकर सोचना अभी भी हमारे समाज के लिए दूर के सुहावने ढोल जैसा है.

सिंदूर लगाकर संसद आने और शपथ लेने के कारण नुसरत जहां की तीखी आलोचना हो रही है

नुसरत ने अपने शपथ ग्रहण का वीडियो अपने फेसबुक पर शेयर किया है. नुसरत के इस वीडियो का अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि सिंदूर- बिंदी लगाने और वंदे मातरम कहने के कारण इसपर ऐसे तमाम कमेंट्स आ रहे हैं जिनके अनुसार एक मुसलमान होने के नाते नुसरत का ऐसा करना इस्लाम विरोधी है.    

नुसरत के इस पोस्ट पर आरिफ उल इस्लाम नाम के यूजर ने लिखा है कि इन्हें (नुसरत को) अपना नाम बदल लेना चाहिए. इन्होंने अपना विश्वास और आस्था बेची है जिसकी सजा इन्हें एक दिन अवश्य मिलेगी. 

नुसरत को ऐसी ऐसी प्रतिक्रिया मिल रही हैं जिसमें कोई लॉजिक नहीं है

कमरुल इस्लाम नाम के यूजर ने लिखा है कि ये एक एमएलए होने के लायक नहीं हैं. (यहां हम कमरुल इस्लाम को ये जरूर बताना चाहेंगे कि नुसरत एमएलए नहीं एमपी हैं ) कमरुल का मानना है कि जब ये खुद ही अपने धर्म को लेकर सहज नहीं हैं तो इनके एरिया के लोग कैसे सहज होंगे.

सवाल ये है कि आखिर ;लोग धर्म की ठेकेदारी करना कब छोड़ेंगे

अबू खान नाम के यूजर ने व्यंग्य करते हुए नुसरत से कहा है कि इतनी अच्छी स्पीच के बाद यही वो 'जय श्री राम' भी बोल देतीं तो बहुत अच्छा रहता.

एक भारतीय के तौर पर जो नुसरत ने किया हमें उस पर गर्व करना चाहिए

वहीं रफीकुल इस्लाम नाम के यूजर और आलोचकों से दो हाथ आगे निकले. रफीकुल ने कहा है कि नुसरत की इस गलती का खामियाजा उनके माता पिता को भुगतना होगा और वो लोग नरक में जाएंगे.

शर्म तो उन लोगों को आनी चाहिए जो नुसरत को बेवजह ट्रोल कर रहे हैं

जबकि शबकत नाम के यूजर ने कहा है कि नुसरत को शर्म आनी चाहिए.

कह सकते हैं कि नुसरत को अपने इस रूप पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं

गौरतलब है कि शपथ लेते वक़्त न सिर्फ नुसरत ने भारतीय परिधान पहना था बल्कि उन्होंने वंदे मातरम भी कहा और उन्होंने पैर छूकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का आशीर्वाद भी लिया जिसकी सोशल मीडिया पर जबरदस्त तारीफ हुई है.

मामले पर @yours_handsome नाम के यूजर ने लिखा है कि नुसरत ने वंदे मातरम कहा है और लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला के पैर छुए हैं. इन्होंने मेरी इज्जत पा ली है.

@ErNamdeo नाम के यूजर ने इसे हिंदू मुस्लिम से जोड़ते हुए लिखा है कि एक सही हिंदू से शादी करके व्यक्ति के जीवन में बहुत सा परिवर्तन आता है. भोलेनाथ का आशीर्वाद बना रहे इनपर.

@questionsaglore ने भी नुसरत की जमकर तारीफ की है और कहा है कि वह चाहे जिस पार्टी से हो और चाहे कैसे भी विवाद उनकी ड्रेस को लेकर क्यों न उठे हों,  वह संसद में अच्छी तरह से तैयार होकर आई हैं और उन्होंने संसद की मर्यादा को बनाए रखा है.

@SkSaif813 नाम के यूजर ने इस पूरे मुद्दे पर बड़ी ही सुलझी हुई बात लिखी है. मैं उनके रवैये से प्यार करता हूं, एक मुस्लिम के रूप में, मैं भारतीय संस्कृति का संरक्षण करने के लिए उसका समर्थन करता हूं, मैं भारत मां की इज्जत करता हूं वो मेरी मां के बाद मेरी दूसरी मां है उस मां ने मुझे जन्म दिया है और इस मां ने मुझे आश्रय और संसाधन दिए हैं. हिंदुस्तान जिंदाबाद.

तमाम ऐसे भी यूजर थे जो इस मुद्दे पर भी राजनीति करने से नहीं चुके @ddpthorat नाम के यूजर ने लिखा है कि अपने इन दो सांसदों को देखकर ममता बनर्जी को बहुत गुस्सा आया होगा. इन्होंने वो काम कर दिए हैं जो ममता को बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं.

आज भले ही लोकसभा स्पीकर के पैर छूने को लेकर नुसरत की तारीफ हो. मगर दिलचस्प बात ये है कि अभी कुछ दिनों पहले ही नुसरत ने उस वक़्त खूब सुर्खियां बटोरी थीं जब इन्होंने अपनी दोस्त और टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती के साथ संसद परिसर में फोटो शूट कराया था. ऐसे तमाम यूजर्स थे जिन्होंने नुसरत और मिमी के इस फोटो सेशन पर अपना तर्क पेश करते हुए कहा था कि संसद परिसर की अपनी कुछ मर्यादाएं होती हैं और जो भी इन दोनों ने किया वो देश की संसद के प्रति इनका बचकाना रवैया और अपरिपक्वता दर्शाता है.

चूंकि नुसरत ने वंदे मातरम कहकर एक नई बहस की शुरुआत की है. ये इसलिए भी एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि इनकी पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी 'जय श्री राम' के नारे से असहज होने के कारण विपक्ष के निशाने पर हैं. विपक्ष लगातार ममता को मुस्लिम परस्त बता रहा है और यही कह रहा है कि ममता जय श्री राम के नारे का विरोध सिर्फ इसलिए कह रही हैं ताकि वो मुस्लिम तुष्टिकरण के तहत मुसलमानों के वोट हासिल कर पाएं.

बहरहाल, नुसरत द्वारा अपने शपथ ग्रहण पर पहने गए पहनावे पर जिस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. उनको देखकर एक बात तो साफ है कि, हिंदू मुस्लिम के इस दौर में आदमी अपनी सुविधा और सुचिता के अनुसार वो मुद्दा खोज ही लेता है जिसको हथियार बनाकर वो नफरत की इस आग में खर डालकर उसे और तेज कर सकता है. जो लोग भी आज नुसरत की सिंदूर के चलते आलोचना कर रहे हैं या फिर ओम बिड़ला का पैर छूने के चलते उनकी तारीफ कर रहे हैं सब के अपने अपने स्वार्थ हैं जिसका जैसा स्वार्थ है वो उस हिसाब का जवाब दे रहा है.

बहरहाल, नुसरत कितने दिन संस्कारी रहती हैं इसका फैसला वक़्त करेगा मगर एक बात तो साफ है उन्होंने वही किया जो एक सभ्य भारतीय नारी को करना चाहिए था.   

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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