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लोकसभा चुनाव 2019 में 'अपराधियों' को भी बहुमत!

    • आईचौक
    • Updated: 29 मई, 2019 01:38 PM
  • 27 मई, 2019 05:55 PM
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Lok Sabha Election 2019 में 43% सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से कई पर तो आतंकवाद, हत्या, रेप जैसे गंभीर आरोपों पर मामले दर्ज किए गए हैं.

Lok Sabha Election 2019 Results| लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद चारों तरफ Narendra Modi छाए हुए हैं. PM Modi Varanasi Visit के साथ ही Amit shah और नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए विश्वनाथ मंदिर में पूजा कर ली है. जहां एक ओर लगभग पूरा भारत ही भाजपा के साथ भगवा हो गया है वहीं अधिकतर भाजपा वोटर्स असल में मोदी सपोर्टर थे. भाजपा को अधिकतर वोट नरेंद्र मोदी के नाम पर पड़े हैं. ऐसे में कई सांसद ऐसे भी चुने गए हैं जिनका या तो पहली बार राजनीति से पाला पड़ा है, या फिर वो उस इलाके के बारे में ज्यादा जानते नहीं थे. साध्वी प्रज्ञा के सांसद बनने को लेकर भी कई लोग बातें कर रहे हैं क्योंकि उनपर आपराधिक और आतंकी गतिविधियों के आरोप लगे हैं. पर क्या ऐसे आरोपों के साथ साध्वी प्रज्ञा अकेली हैं?

लोकसभा चुनाव 2019 में जो सांसद चुनकर गए हैं उसमें से लगभग आधों के ऊपर आपराधिक गतिविधियों के आरोप लगे हैं और यही नहीं बाकायदा केस दर्ज है. 2014 लोकसभा चुनावों के मुकाबले ये 26% ज्यादा है. ये आंकड़े Association of Democratic Reforms की रिपोर्ट के आधार पर लिए गए हैं.

Lok Sabha Election 2019 में कितने सांसदों के खिलाफ हैं आपराधिक मामले?

दरअसल, चुनाव खत्म होने के बाद ADR द्वारा 539 प्रत्याशियों की प्रोफाइल का आंकलन किया गया. उसमें जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले थे. 539 में से 233 सांसद यानी 43% के ऊपर किसी न किसी तरह के अपराध का आरोप है.

लोकसभा चुनाव 2019 में कई सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 

इसमें से भाजपा के 116 सांसद हैं यानी भाजपा के कुल जीतने वालों की लिस्ट में से 39% आपराधिक मामलों वाले सांसद भाजपा में ही हैं. इसके अलावा, 29 सांसद कांग्रेस से हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि जितने भी सांसद कांग्रेस...

Lok Sabha Election 2019 Results| लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद चारों तरफ Narendra Modi छाए हुए हैं. PM Modi Varanasi Visit के साथ ही Amit shah और नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए विश्वनाथ मंदिर में पूजा कर ली है. जहां एक ओर लगभग पूरा भारत ही भाजपा के साथ भगवा हो गया है वहीं अधिकतर भाजपा वोटर्स असल में मोदी सपोर्टर थे. भाजपा को अधिकतर वोट नरेंद्र मोदी के नाम पर पड़े हैं. ऐसे में कई सांसद ऐसे भी चुने गए हैं जिनका या तो पहली बार राजनीति से पाला पड़ा है, या फिर वो उस इलाके के बारे में ज्यादा जानते नहीं थे. साध्वी प्रज्ञा के सांसद बनने को लेकर भी कई लोग बातें कर रहे हैं क्योंकि उनपर आपराधिक और आतंकी गतिविधियों के आरोप लगे हैं. पर क्या ऐसे आरोपों के साथ साध्वी प्रज्ञा अकेली हैं?

लोकसभा चुनाव 2019 में जो सांसद चुनकर गए हैं उसमें से लगभग आधों के ऊपर आपराधिक गतिविधियों के आरोप लगे हैं और यही नहीं बाकायदा केस दर्ज है. 2014 लोकसभा चुनावों के मुकाबले ये 26% ज्यादा है. ये आंकड़े Association of Democratic Reforms की रिपोर्ट के आधार पर लिए गए हैं.

Lok Sabha Election 2019 में कितने सांसदों के खिलाफ हैं आपराधिक मामले?

दरअसल, चुनाव खत्म होने के बाद ADR द्वारा 539 प्रत्याशियों की प्रोफाइल का आंकलन किया गया. उसमें जो नतीजे सामने आए वो चौंकाने वाले थे. 539 में से 233 सांसद यानी 43% के ऊपर किसी न किसी तरह के अपराध का आरोप है.

लोकसभा चुनाव 2019 में कई सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 

इसमें से भाजपा के 116 सांसद हैं यानी भाजपा के कुल जीतने वालों की लिस्ट में से 39% आपराधिक मामलों वाले सांसद भाजपा में ही हैं. इसके अलावा, 29 सांसद कांग्रेस से हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि जितने भी सांसद कांग्रेस की तरफ से चुने गए हैं उसमें से 57% पर आपराधिक मामला चल रहा है. यहीं जेडीयू का प्रतिशत 81 है. JD के 13 सांसदों पर आपराधिक आरोप हैं. इसके अलावा, DMK के 10 (यानी कुल DMK के सांसदों में से 43%) और TMC के 9 सांसद (यानी कुल TMC सांसदों का 41% हिस्सा) ऐसे हैं जिनपर आपराधिक मामलों को लेकर आरोप हैं.

2014 में इसके मुकाबले ठीक थे हालात...

2014 लोकसभा चुनाव के बाद 185 लोकसभा सांसद यानी कुल सांसदों में से 34% के ऊपर आपराधिक मामले थे. इनमें से 112 सांसदों पर गंभीर जुर्म के आरोप थे जिसमें कत्ल, रेप आदि शामिल थे. 2009 में ये आंकड़ा 162 था यानी कुल सांसदों में से 30%. उसमें से 14% पर ही गंभीर आरोप थे.

मौजूदा लोकसभा में 29% सांसदों पर गंभीर आरोप हैं जिसमें रेप, कत्ल, हत्या की कोशिश, महिलाओं के खिलाफ जुर्म के आरोप लगे हैं.

2009 के मुकाबले 2019 में गंभीर आपराधिक गतिविधियों के आरोप वाले सांसदों की संख्या में 109% का इजाफा हुआ है.

भ्रष्टाचार के आरोपों वाले सांसद-

इसमें सबसे पहला नाम तो Karti P. Chidambaram (कार्ति पी चिदंबरम) का ही है. ये कांग्रेस लीडर पी. चिदंबरम के बेटे हैं. तमिलनाडु के शिवगंगा से 3.5 लाख वोटों से जीते हैं. कार्ति पर Enforcement Directorate द्वारा कार्यवाई की जा रही है. इनपर Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत कार्यवाई हो रही है. इनपर Aircel-Maxis डील 2006 के खिलाफ आरोप हैं. जिसमें रिश्वत लेना भी शामिल है.

इसी के साथ, DMK के दयानिधी मारन भी इसी केस में एक आरोपी हैं और ये चेन्नई सेंट्रल से 3.1 लाख वोटों से जीते हैं. DMK के दो अन्य लीडर जो भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिए गए थे वो हैं A. Raja और Kanimozhi. ये दोनों भी काफी बड़े मार्जिन से चुनाव जीते हैं.

कत्ल के आरोप वाले सांसद-

उन 43% में से 11 सांसद ऐसे हैं जिनपर हत्या का आरोप है. इसमें 5 भाजपा के हैं, दो बसपा के हैं, 1 कांग्रेस से है, 1 एनसीपी से और 1 YSR कांग्रेस पार्टी से. 1 निर्दलीय प्रत्याशी है. ये चौंकाने वाली बात है. SP-BSP-RLD गठबंधन के अफजल अंसारी जो उत्तर प्रदेश के पूर्व डॉन मुख्तार अंसारी के भाई हैं उनपर चुनाव के घोषणा पत्र के अनुसार कत्ल, कत्ल की कोशिश, पब्लिक सर्वेट के साथ हाथा-पाई, आपराधिक गतिविधियों के 5 केस चल रहे हैं. उनके भाई मुख्तार अंसारी पर भी ऐसे दर्जनों मामले हैं जो अभी जेल में हैं. अफजल अंसारी ने यूनियन मिनिस्टर मनोज सिन्हा को गाजीपुर सीट से 1 लाख वोटों से हराया है. इसके अलावा, कांग्रेस के शशि थरूर पर भी अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के सिलसिले में केस दर्ज है.

भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर जो नई सांसद बनी हैं उनपर आतंकी गतिविधियों के आरोप हैं और 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस के मामले में उनपर कोर्ट केस चल रहा है. भाजपा को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाने के कारण लोगों की तीखी प्रतिक्रिया झेलनी पड़ी है.

इनमें से 29 सांसदों पर हेट स्पीच देने के आरोप हैं.

2019 लोकसभा चुनावों का सबसे ज्यादा आपराधिक केस वाला प्रत्याशी-

Dean Kuriakose जो कांग्रेस के सांसद हैं उनपर 203 आपराधिक केस दर्ज हैं. इसमें हत्या, घर में घुसना, डकैती, फिरौती की मांग, धमकाने आदि के केस शामिल हैं. डीन केरल के इडुक्की संसद क्षेत्र से सांसद हैं. वैसे तो इनपर 204 आपराधिक मामले दर्ज थे, लेकिन एक से ये 1600 रुपए का फाइन देकर बरी कर दिए गए हैं. 37 साल के डीन पेशे से वकील हैं और अभी भी 203 मामले इनपर चल रहे हैं. इनमें से 37 मामले काफी गंभीर हैं.

हालांकि, इन चुनावों में सबसे ज्यादा आपराधिक मामलों की घोषणा करने वाला प्रत्याशी भाजपा का था जो सांसद नहीं बन पाया. ये थे K. Surendran जो केरल के Pathanamthitta संसद क्षेत्र से चुनाव लड़े थे. इनपर 240 आपराधिक मामले दर्ज थे.

कुल मिलाकर इस बार आपराधिक मामलों वाले सांसदों का रिकॉर्ड टूट गया है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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