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Nordic countries: जहां 5 देशों में से 4 की राष्ट्र प्रमुख महिलाएं हैं!

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 05 मई, 2022 06:08 PM
  • 05 मई, 2022 06:08 PM
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वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स की टॉप 10 लिस्ट में नॉर्डिक देश (Nordic Countries) लंबे समय से शामिल रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने यूरोप दौरे पर भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में अपने समकक्ष राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात की. यह सुखद है कि 5 नॉर्डिक देशों में से 4 की राष्ट्र प्रमुख महिलाएं (Women) हैं.

यूरोप दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस के राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात की. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन (India-Nordic Summit) में भी हिस्सा लिया. भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आइसलैंड, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के अपने समकक्षों के साथ मंच साझा किया. इस दौरे पर किए गए समझौतों और भारत में व्यापार की संभावनाओं जैसी तमाम बातों से इतर एक बात ने बहुत से लोगों का ध्यान खींचा. दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी में भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन की तस्वीर साझा की. जिसने कई लोगों का दिल जीत लिया. क्योंकि, इस तस्वीर में नजर आ रहा है कि 5 नॉर्डिक देशों में से 4 की राष्ट्र प्रमुख महिलाएं हैं. यह तस्वीर महिला सशक्तिकरण का सबसे बेहतरीन उदाहरण कही जा सकती है.

वैसे, वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स के टॉप 10 की लिस्ट में नॉर्डिक देशों की मौजूदगी महिलाओं द्वारा प्रशासित इन देशों की कहानी बहुत आसानी से कह देती है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने आइसलैंड की पीएम कैटरीन जैकब्सडॉटिरो, स्वीडन की पीएम मैग्डेलेना एंडरसन, डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन, फिनलैंड की पीएम सना मारिन और नॉर्वे के पीएम जोनास गहर स्टोर से मुलाकात की. जिसमें नॉर्वे के पीएम जोनास गहर स्टोर के अलावा सभी महिलाएं हैं. बताना जरूरी है कि जोनास गहर स्टोर बीते साल ही पीएम बने हैं. और, उनसे पहले नॉर्वे की पीएम एर्ना सोलबर्ग थीं. जो 2013 से नॉर्वे के पीएम पद पर काबिज थीं. और, वर्तमान में विपक्ष की नेता भी हैं. आइए जानते हैं कि ये महिला राष्ट्र प्रमुख कौन हैं?

 सना मारिन, मैग्डेलेना एंडरसन, नरेंद्र मोदी, मेटे फ्रेडरिकसेन, जोनास गहर स्टोर, कैटरीन जैकब्सडॉटिरो. (तस्वीर में बाएं से...

यूरोप दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस के राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात की. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन (India-Nordic Summit) में भी हिस्सा लिया. भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आइसलैंड, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के अपने समकक्षों के साथ मंच साझा किया. इस दौरे पर किए गए समझौतों और भारत में व्यापार की संभावनाओं जैसी तमाम बातों से इतर एक बात ने बहुत से लोगों का ध्यान खींचा. दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी में भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन की तस्वीर साझा की. जिसने कई लोगों का दिल जीत लिया. क्योंकि, इस तस्वीर में नजर आ रहा है कि 5 नॉर्डिक देशों में से 4 की राष्ट्र प्रमुख महिलाएं हैं. यह तस्वीर महिला सशक्तिकरण का सबसे बेहतरीन उदाहरण कही जा सकती है.

वैसे, वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स के टॉप 10 की लिस्ट में नॉर्डिक देशों की मौजूदगी महिलाओं द्वारा प्रशासित इन देशों की कहानी बहुत आसानी से कह देती है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने आइसलैंड की पीएम कैटरीन जैकब्सडॉटिरो, स्वीडन की पीएम मैग्डेलेना एंडरसन, डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन, फिनलैंड की पीएम सना मारिन और नॉर्वे के पीएम जोनास गहर स्टोर से मुलाकात की. जिसमें नॉर्वे के पीएम जोनास गहर स्टोर के अलावा सभी महिलाएं हैं. बताना जरूरी है कि जोनास गहर स्टोर बीते साल ही पीएम बने हैं. और, उनसे पहले नॉर्वे की पीएम एर्ना सोलबर्ग थीं. जो 2013 से नॉर्वे के पीएम पद पर काबिज थीं. और, वर्तमान में विपक्ष की नेता भी हैं. आइए जानते हैं कि ये महिला राष्ट्र प्रमुख कौन हैं?

 सना मारिन, मैग्डेलेना एंडरसन, नरेंद्र मोदी, मेटे फ्रेडरिकसेन, जोनास गहर स्टोर, कैटरीन जैकब्सडॉटिरो. (तस्वीर में बाएं से दाएं)

फिनलैंड की पीएम सना मारिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाली फिनलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री सना मरीन (Sanna Marin) ने 2019 में पहली बार पीएम पद संभाला था. उस दौरान सना मरीन की उम्र केवल 34 साल थी. अब उनकी उम्र 36 साल है. सना मरीन 2015 से ही फिनलैंड की संसद की सदस्य रही हैं. सना मारिन का बचपन काफी मुश्किलों से भरा रहा है. उनके जैविक माता-पिता के अलग होने के बाद सना मारिन को एक समलैंगिक पैरेंट्स ने पाला. पढ़ाई के दौरान सना मारिन ने एक बेकरी में कैशियर के तौर पर भी नौकरी की. सना मरीन इसी साल यूक्रेन के राष्ट्रपति वलाडिमीर जेलेंस्की की तरह ही सैन्य संगठन NATO में शामिल होने की बात कहकर चर्चा में आ गई थीं. हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद फिनलैंड के लोग शायद ही नाटो में शामिल होने की इच्छा रखेंगे. सना मारिन ने मार्कस से शादी की है. और, वह एक बच्ची की मां भी हैं.

डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन

डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन (44) ने 2019 में पीएम पद संभाला था. मेटे फ्रेडरिकसेन (Mette Frederiksen) डेनमार्क के इतिहास में 41 साल की उम्र में सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनी थीं. सोशल डेमोक्रेट की नेता मेटे फ्रेडरिकसेन डेनमार्क में तीन वाम और वामपंथी झुकाव वाले दलों के साथ समझौता कर अल्पमत सरकार चला रही हैं. वैसे, ये बात दिलचस्प है कि डेनमार्क में अल्पमत की सरकार पहले भी बनती और चलती रही है. मेटे फ्रेडरिकसेन बचपन से ही सामाजिक कार्यों के अभियानों से जुड़ी रही हैं. और, उन्होंने एक राजनेता के तौर पर ही अपने करियर की शुरुआत की थी. मेटे फ्रेडरिकसेन भी रूस की वजह से डेनमार्क में अमेरिकी सेना को जगह देने की पक्षधर हैं. शरणार्थियों को लेकर मेटे फ्रेडरिकसेन का मानना है कि इनकी वजह से जनसंख्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

आइसलैंड की पीएम कैटरीन जैकब्सडॉटिरो

46 वर्षीय कैटरीन जैकब्सडॉटिरो (katrin jakobsdottir) 2017 में आइसलैंड की पीएम बनी थीं. कैटरीन जैकब्सडॉटिरो ने 1999 से 2003 तक लैंग्वेज एडवाइजर के तौर पर एक न्यूज एजेंसी के साथ काम किया. 2004 से 2006 तक कैटरीन जैकब्सडॉटिरो ने फ्रीलांस के रूप में कई लेख लिखे हैं. वह एक पत्रिका की संपादक भी रही हैं. और, यूनिवर्सिटी ऑफ आइसलैंड में लेक्चरर के पद पर भी काम कर चुकी हैं. कैटरीन जैकब्सडॉटिरो आइसलैंड में नाटो की उपस्थिति के खिलाफ अपने कड़े रुख के लिए जानी जाती हैं. लेकिन, वामपंथी और ग्रीनलैंड के दलों के साथ हुए अपने समझौतों के चलते नाटो की सदस्यता वापस लेने के लिए रेफरेंडम या अपना विचार नहीं रखती हैं. कैटरीन ने आइसलैंड के यूरोपियन यूनियन में शामिल होने का भी विरोध किया है.

स्वीडन की पीएम मैग्डेलेना एंडरसन

55 वर्षीय मैग्डेलेना एंडरसन (Magdalena Andersson) ने बीते साल ही स्वीडन का पीएम पद संभाला है. स्वीडिश सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता मैग्डेलेना एंडरसन ने पार्टी की यूथ विंग को 1983 में ज्वाइन किया था. मैग्डेलेना एंडरसन अपने बचपन में एक मशहूर तैराक थीं. 1996 से 1998 तक मैग्डेलेना एंडरसन ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पॉलिटिकल एडवाइजर के तौर पर काम किया. 2004 से 2006 तक उन्होंने सिविल सर्विसेज में भी रहीं. 2014 में चुनाव लड़ने के लिए मैग्डेलेना एंडरसन ने स्वीडिश टैक्स एजेंसी से इस्तीफा दिया था. 2014 में स्वीडन की सरकार में वह फाइनेंस मिनिस्टर रहीं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मैग्डेलेना एंडरसन की सरकार अपनी विदेश नीति में बदलाव करने की कोशिश कर रही है. और, तटस्थता पर अपनी पोजिशन को फिर से परख रही है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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