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तो क्या जापान में इंसानी मांस परोसने वाला रेस्टोरेंट खुल गया है?

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 08 दिसम्बर, 2017 11:26 AM
  • 08 दिसम्बर, 2017 11:26 AM
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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बार फिर यह बहस शुरू हो गई है कि क्या वास्तव में जापान के टोक्यो में एक ऐसा रेस्टोरेंट खुला है, जिसमें खाने में इंसान का मांस दिया जा रहा है.

पिछले साल एक खबर फैली थी कि जापान में इंसानी मांस परोसने वाला रेस्टोरेंट खुल गया है. यह दावा किया जा रहा है कि इस रेस्टोरेंट में इंसानों का मांस परोसा जाता है. आखिर हम किस ओर जा रहे हैं? एक इंसान दूसरे इंसान को खाएगा... यह सोचकर भी रूह कांप जाती है. इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बार फिर यह बहस शुरू हो गई है कि क्या वास्तव में जापान के टोक्यो में एक ऐसा रेस्टोरेंट खुला है, जिसमें खाने में इंसान का मांस दिया जा रहा है. कुछ न्यूज रिपोर्ट का दावा भी है कि जापान में इंसान का मांस खाने को 2014 में मंजूरी मिल चुकी है.

इस रेस्टोरेंट का नाम The Resoto ototo no shoku ryohin यानी Edible Brothers बताया जा रहा था, जहां पर इंसान के मांस से बने व्यंजन परोसे जाने की अफवाह थी. यह भी कहा जा रहा था कि इसकी कीमत 100 यूरो (करीब 7,600 रुपए) से 1000 यूरो (करीब 76,000 रुपए) तक होती है. रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि वह इंसान के मीट में ऐसे मसाले डालते हैं, जिनसे उसका बुरा स्वाद दूर किया जा सके.

मरने से पहले लोग बेचते हैं खुद को?

रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि मरने से पहले ही लोग अपना शरीर एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत इस रेस्टोरेंट को बेच देते हैं. एक इंसानी शरीर की कीमत 35,800 डॉलर यानी करीब 23-24 लाख रुपए तय की जाती है. जब किसी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार के लोग रेस्टोरेंट से कॉन्ट्रैक्ट के पैसे ले लेते हैं और फिर मृतक का शव उन्हें दे दिया जाता है. सिर्फ उन्हीं लोगों के इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत पैसे मिलते हैं जो कम उम्र में ही मर जाते हैं.

फर्जी साबित हुए सारे दावे

अब कुछ ऐसी न्यूज रिपोर्ट सामने आई हैं, जिन्होंने इन दावों को झूठा साबित कर दिया और कोरी अफवाह बताया है. इस अफवाह को हवा देने का काम एक आर्टिकल ने किया था, जो 12...

पिछले साल एक खबर फैली थी कि जापान में इंसानी मांस परोसने वाला रेस्टोरेंट खुल गया है. यह दावा किया जा रहा है कि इस रेस्टोरेंट में इंसानों का मांस परोसा जाता है. आखिर हम किस ओर जा रहे हैं? एक इंसान दूसरे इंसान को खाएगा... यह सोचकर भी रूह कांप जाती है. इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बार फिर यह बहस शुरू हो गई है कि क्या वास्तव में जापान के टोक्यो में एक ऐसा रेस्टोरेंट खुला है, जिसमें खाने में इंसान का मांस दिया जा रहा है. कुछ न्यूज रिपोर्ट का दावा भी है कि जापान में इंसान का मांस खाने को 2014 में मंजूरी मिल चुकी है.

इस रेस्टोरेंट का नाम The Resoto ototo no shoku ryohin यानी Edible Brothers बताया जा रहा था, जहां पर इंसान के मांस से बने व्यंजन परोसे जाने की अफवाह थी. यह भी कहा जा रहा था कि इसकी कीमत 100 यूरो (करीब 7,600 रुपए) से 1000 यूरो (करीब 76,000 रुपए) तक होती है. रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि वह इंसान के मीट में ऐसे मसाले डालते हैं, जिनसे उसका बुरा स्वाद दूर किया जा सके.

मरने से पहले लोग बेचते हैं खुद को?

रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि मरने से पहले ही लोग अपना शरीर एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत इस रेस्टोरेंट को बेच देते हैं. एक इंसानी शरीर की कीमत 35,800 डॉलर यानी करीब 23-24 लाख रुपए तय की जाती है. जब किसी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार के लोग रेस्टोरेंट से कॉन्ट्रैक्ट के पैसे ले लेते हैं और फिर मृतक का शव उन्हें दे दिया जाता है. सिर्फ उन्हीं लोगों के इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत पैसे मिलते हैं जो कम उम्र में ही मर जाते हैं.

फर्जी साबित हुए सारे दावे

अब कुछ ऐसी न्यूज रिपोर्ट सामने आई हैं, जिन्होंने इन दावों को झूठा साबित कर दिया और कोरी अफवाह बताया है. इस अफवाह को हवा देने का काम एक आर्टिकल ने किया था, जो 12 जुलाई 2016 को ह्यूमर के लिए मशहूर La Voz Popular (The Popular Voice) में छापा गया था. दरअसल, इस स्टोरी को 'अप्रैल फूल डे' यानी 1 अप्रैल को ध्यान में रखते हुए लिखा गया था, जिसे पूरी दुनिया की मीडिया ने अलग-अलग तरीके से सच मानते हुए पब्लिश कर दिया. स्टोरी में 'रेसिडेंट एविल 6' जॉम्बी वीडियो गेम के लिए बनाए गए पुतलों की तस्वीरें भी लगाई गई थीं, जिनसे यह अफवाह और भी सच्ची लगने लगी.

यहां खाया जाता है इंसानी मांस

हॉलीवुड की कुछ डरावनी फिल्मों में तो आपने देखा होगा कि एक इंसान दूसरे को खाता है, लेकिन कुछ जगहों पर यह वास्तव में भी देखा गया है. 1972 में एक प्लेन क्रैश के दौरान 16 लोग 71 दिनों तक खुद को जिंदा बचाने में सफल हो सके थे. उन्हीं में से एक थे पेड्रो एल्गोर्टा (Pedro Algorta) जिनके पास इंसानी मांस खाने के अलावा कोई और चारा नहीं था. वह 71 दिनों तक इस प्लेन क्रैश में मारे गए अन्य लोगों के बर्फ में जमे हुए हाथ, पैर आदि खाकर खुद को जिंदा बचाने में सफल हो सके. इतना ही नहीं, बनारस में अघोरी भी मुर्दा लोगों को खाते हैं. यूं तो यह अधिकतर देशों में गैर-कानूनी है, लेकिन कुछ जगहों पर ऐसा किया जाता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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