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'डोंट टच माई बॉडी यू आर फीमेल आई एम मेल', शुभेंदु अधिकारी के साथ ये क्या हो गया?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 14 सितम्बर, 2022 08:31 PM
  • 14 सितम्बर, 2022 08:20 PM
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शुभेंदु अधिकारी ने कड़क आवाज में महिला पुलिस अधिकारी से कहा, 'मुझे मत छुओ, तुम महिला हो और मैं पुरुष..'. अब जिस तरह आजकल महिला-पुरुष समानता की बातें होती हैं उस हिसाब से तो शुभेंदु अधिकारी सही हैं.

"डोंट टच माई बॉडी यू आर फीमेल आई एम मेल... मैं कानून का पालन करने वाला इंसान हूं..." कोलकाता में हिंसक प्रदर्शन के बीच बेचारे शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के साथ धोखा हो गया.

असल में बीजेपी के 'नबन्ना' अभियान में कोलकाता की सड़कों पर बवाल हो गया. जिसके बाद पुलिस को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना पड़ा. वहां मौजूद महिला पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को काबू में करने की कोशिश में लगी थीं. वे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बाद उन्हें वैन में बैठाने की कोशिश कर रहीं थीं. तभी गलती से महिला पुलिस शुभेंदु अधिकारी से टकरा गई. अब वह तो अपनी ड्यूटी कर रही थी मगर उससे धक्का लगते ही शुभेंदु अधिकारी ने कड़क आवाज में जोर से कहा कि मुझे मत छुओ, तुम महिला हो और मैं पुरुष...

अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. कई लोगों का कहना है कि वाह नेता जी ने क्या तो समानता की बात कही है. वहीं कुछ का कहना है कि महिला पुलिस के हाथों अरेस्ट होता देख शुभेंदु अधिकारी को दूसरा कुछ नहीं सूझा...बेचारे और क्या ही करते, दूसरा कोई चारा भी तो नहीं था.

कोलकाता में हिंसक प्रदर्शन के बीच बेचारे शुभेंदु अधिकारी के साथ धोखा हो गया

जिस तरह इन दिनों महिला-पुरुष समानता की बातें होती हैं उस हिसाब से ही शुभेंदु अधिकारी ने यह लाइन सही ही कही है. सही है, जब किसी महिला को अरेस्ट करने के लिए एक फीमेल कॉन्स्टेबल का होना जरूरी है, तो फिर पुरुष को महिला अरेस्ट करते वक्त कैसे छू सकती है?

जो नियम महिलाओं के लिए लागू हैं वह पुरुषों के लिए क्यों नहीं? अब पुरुषों की इज्जत महिलाओं से कम है क्या? सारी विशेष सुविधाएं महिलाओं की ही झोली में क्यों जाएं? इस...

"डोंट टच माई बॉडी यू आर फीमेल आई एम मेल... मैं कानून का पालन करने वाला इंसान हूं..." कोलकाता में हिंसक प्रदर्शन के बीच बेचारे शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के साथ धोखा हो गया.

असल में बीजेपी के 'नबन्ना' अभियान में कोलकाता की सड़कों पर बवाल हो गया. जिसके बाद पुलिस को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना पड़ा. वहां मौजूद महिला पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को काबू में करने की कोशिश में लगी थीं. वे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बाद उन्हें वैन में बैठाने की कोशिश कर रहीं थीं. तभी गलती से महिला पुलिस शुभेंदु अधिकारी से टकरा गई. अब वह तो अपनी ड्यूटी कर रही थी मगर उससे धक्का लगते ही शुभेंदु अधिकारी ने कड़क आवाज में जोर से कहा कि मुझे मत छुओ, तुम महिला हो और मैं पुरुष...

अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. कई लोगों का कहना है कि वाह नेता जी ने क्या तो समानता की बात कही है. वहीं कुछ का कहना है कि महिला पुलिस के हाथों अरेस्ट होता देख शुभेंदु अधिकारी को दूसरा कुछ नहीं सूझा...बेचारे और क्या ही करते, दूसरा कोई चारा भी तो नहीं था.

कोलकाता में हिंसक प्रदर्शन के बीच बेचारे शुभेंदु अधिकारी के साथ धोखा हो गया

जिस तरह इन दिनों महिला-पुरुष समानता की बातें होती हैं उस हिसाब से ही शुभेंदु अधिकारी ने यह लाइन सही ही कही है. सही है, जब किसी महिला को अरेस्ट करने के लिए एक फीमेल कॉन्स्टेबल का होना जरूरी है, तो फिर पुरुष को महिला अरेस्ट करते वक्त कैसे छू सकती है?

जो नियम महिलाओं के लिए लागू हैं वह पुरुषों के लिए क्यों नहीं? अब पुरुषों की इज्जत महिलाओं से कम है क्या? सारी विशेष सुविधाएं महिलाओं की ही झोली में क्यों जाएं? इस दुनिया में पुरुषों के भी अधिकार हैं और यही बात शुभेंदु अधिकारी ने एक लाइन में बता दिया है. कहीं पुरुष अधिकार की बात करने वाले इन्हें घर बुलाकर अवार्ड ना दे दें.

पहले की जमाने पर जहाज डूबने पर पायलट कहता था कि पहले बच्चों और महिलाओं को बचाओ, आज के जमाने में अगर ऐसी नौबत आएगी तो महिलाएं कहेंगी पहले किसी महिला सुरक्षाकर्मी को बुलाओ...

होने को तो यह भी हो सकता है कि शुभेंदु अधिकारी को यह बात अच्छी ना लगी हो कि एक महिला होकर मुझे कैसे अरेस्ट कर सकती है? इसकी इतनी मजाल की एक औरत होकर मुझे हाथ लगा रही है. वो छोटी सी बात पर इस कदर भड़कर रिएक्ट कर रहे हैं, कि जैसे उनके साथ क्या हो गया हो? हो सकता है कि महिला अधिकारी के ऐसा करने से शुभेंदु अधिकारी की बेइज्जकी खराब हो गई हो, और उन्हें गुस्सा आ गया हो और उन्होंने अंग्रेजी में दे मारा हो "डोंट टच माई बॉडी यू आर फीमेल आई एम मेल." मगर नेती जी तो ऐसे मेल और फीमेल शब्द के बारे में बता रहे हैं जैसे उस फीमेल पुलिस अधिकारी को पता ही नहीं था कि वह क्या है?

अब उनके मन में क्या था यह तो वही जान सकते हैं, मगर एक लाइन कहकर उन्होंने पुरुषहित की बात तो कर ही दी है, जिस हिसाब से वह महिला-पुरुष पर ज्ञान दे रहे हैं हो सकता है कि आने वाले समय में यह एक नया मुद्दा बनकर समाने उभरे...

अब आप वीडियो देखिए और खुद सोचिए कि गलती किसकी है?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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