• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

यूपी में दीपावली पर सूरन की सब्जी क्यों बनाई जाती है, जानिए...

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 03 नवम्बर, 2021 10:16 PM
  • 03 नवम्बर, 2021 10:16 PM
offline
आइए बताते हैं कि सदियों से दीपालवी के दिन सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा क्यों चली आ रही है? खासकर यूपी के क्षेत्रों में इसे बड़े प्यार और विश्वास के साथ बनाया और खाया जाता है, ऐसी क्या बात है कि सूरन को दीवाली से जोड़कर देखा जाता है?

सूरन यानी ओल या फिर जिमीकंद की सब्जी भले ही बाकी दिनों में हमारे घरों में ना के बराबर बनाई जाती है लेकिन दीवाली (diwali 2021) के दिन इसे पकवानों के बीच बनाकर शामिल करना शुभ माना गया है. आज के जमाने में भले ही दीपावली के दिन नए-नए पकवान बनाने लगे हैं लेकिन सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा को लोग आज भी निभा रहे हैं.

घरों के बड़े बुजुर्ग पहले ही बच्चों को बोल देते हैं कि जो मन करे वो बनाओ लेकिन सूरन की सब्जी बनना मत भूलना. आइए बताते हैं कि सदियों से दीपावली के दिन सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा क्यों चली आ रही है? खासकर यूपी के क्षेत्रों में इसे बड़े प्यार और विश्वास के साथ बनाया और खाया जाता है, ऐसी क्या बात है कि सूरन को दीवाली से जोड़कर देखा जाता है?

दीवाली के दिन सूरन खाना शुभ माना गया है

असल में हिंदू धर्म में दीवाली पर सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा मानी जाती है कि बनारस से आई है. काशी के लोग पूरे परिवार के लिए सूरन की सब्जी बनाते हैं और बड़े चाव से खाते हैं. यह एक ऐसी सब्जी है जो दिखने में गोलाकर होती है. सूरन को आलू की तरह ही जमीन के नीचे उगाया जाता है और जड़ खोदने के बाद इसे निकाला जाता है.

कहा जाता है कि सूरन को निकालने के बाद भी इसकी जड़ें जमीन में रह जाती हैं और इन्हीं जड़ों से अगली साल दिवाली तक दोबारा सूरन तैयार हो जाता है. अपनी इसी खासियत के कारण सूरन को दिवाली पर्व की उन्नति और खुशहाली से जोड़कर देखा जाता है. इस वजह से ही दिवाली के दिन सूरन की सब्जी बनाना और खाना शुभ माना जाता है.

वैसे सूरन की सब्जी बनाना सबके बस की बात भी नहीं है. इसे काटना और पकाना दोनों आसान नहीं है. जब हम इसे काटते हैं तो हाथों में खुजली होने लगती है और यह पकाने पर जल्दी गलता भी नहीं हैं. इतना ही नहीं अगर इसे आपने...

सूरन यानी ओल या फिर जिमीकंद की सब्जी भले ही बाकी दिनों में हमारे घरों में ना के बराबर बनाई जाती है लेकिन दीवाली (diwali 2021) के दिन इसे पकवानों के बीच बनाकर शामिल करना शुभ माना गया है. आज के जमाने में भले ही दीपावली के दिन नए-नए पकवान बनाने लगे हैं लेकिन सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा को लोग आज भी निभा रहे हैं.

घरों के बड़े बुजुर्ग पहले ही बच्चों को बोल देते हैं कि जो मन करे वो बनाओ लेकिन सूरन की सब्जी बनना मत भूलना. आइए बताते हैं कि सदियों से दीपावली के दिन सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा क्यों चली आ रही है? खासकर यूपी के क्षेत्रों में इसे बड़े प्यार और विश्वास के साथ बनाया और खाया जाता है, ऐसी क्या बात है कि सूरन को दीवाली से जोड़कर देखा जाता है?

दीवाली के दिन सूरन खाना शुभ माना गया है

असल में हिंदू धर्म में दीवाली पर सूरन की सब्जी बनाने की परंपरा मानी जाती है कि बनारस से आई है. काशी के लोग पूरे परिवार के लिए सूरन की सब्जी बनाते हैं और बड़े चाव से खाते हैं. यह एक ऐसी सब्जी है जो दिखने में गोलाकर होती है. सूरन को आलू की तरह ही जमीन के नीचे उगाया जाता है और जड़ खोदने के बाद इसे निकाला जाता है.

कहा जाता है कि सूरन को निकालने के बाद भी इसकी जड़ें जमीन में रह जाती हैं और इन्हीं जड़ों से अगली साल दिवाली तक दोबारा सूरन तैयार हो जाता है. अपनी इसी खासियत के कारण सूरन को दिवाली पर्व की उन्नति और खुशहाली से जोड़कर देखा जाता है. इस वजह से ही दिवाली के दिन सूरन की सब्जी बनाना और खाना शुभ माना जाता है.

वैसे सूरन की सब्जी बनाना सबके बस की बात भी नहीं है. इसे काटना और पकाना दोनों आसान नहीं है. जब हम इसे काटते हैं तो हाथों में खुजली होने लगती है और यह पकाने पर जल्दी गलता भी नहीं हैं. इतना ही नहीं अगर इसे आपने ऐसे ही बना दिया तो खाने पर गले में खरास भी होना लगती है.

इसलिए इसे काटने के लिए सरसों का तेल हाथों में लगा लेना चाहिए और कुछ देर नीबूं का रस डालकर छोड़ देना चाहिए. हालांकि इसे खाने के कई फायदे भी हैं क्योंकि यह हमारी सेहत के लिए लाभकारी है.

दरअसल, सूरन में एंटीऑक्सीडेंट्स, बीटा केरोटीन, विटामिन, खनिज, कैलोरी, फैट, कार्ब्स, प्रोटीन, पोटेशियम और घुलनशील फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं. अब ये बताने की जरूरत नहीं है कि ये सभी तत्व हमारे शरीर के लिए कितने लाभदायक होते हैं. साफ शब्दों में कहें तो सूरन शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.

यह कैंसर के इलाज में भी बेहद कारगर है. इसमें ग्लूकोज की मात्रा कम होती है इसलिए इसे डायबिटीज मरीज भी खा सकते हैं. अगर डायबिटीज मरीज हर सप्ताह इसका सेवन करें तो उनका ब्लड शुगर भी सुधर जाएगा. 

शायद, हमारे पूर्वजों ने सूरन के इतने फायदें देखें होंगे तभी तो इसे त्योहार से जोड़ा होगा और इसे खाना जरूरी बना दिया ताकि बच्चें-बड़े सभी इसका लाभ ले सकें. तो आप भी इस दिवाली सूरन की सब्जी बनाइए और इसका लुफ्त उठाइए. हां इसके स्वाद की चिंता मत कीजिए क्योंकि अगर इसे अच्छे से बना दिया जाए तो सारी सब्जियां इसके आगे फेल हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲