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गुजरात की लेडी सिंघम सुनीता यादव का भी वही गुनाह जो मंत्री के बेटे का था!

    • आईचौक
    • Updated: 15 जुलाई, 2020 07:47 PM
  • 15 जुलाई, 2020 07:47 PM
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गुजरात (Gujarat) में लेडी सिंघम (Lady Singham) नाम से मशहूर हुईं कांस्टेबल सुनीता यादव (Sunita Yadav) भी उसी गलती के साथ पकड़ी गई हैं, जिसका इल्जाम गुजरात के मंत्री किशोर कानाणी (Kishore Kanani) के बेटे पर था.

गुजरात पुलिस से ताल्लुक रखने वाली सुनीता यादव (Gujarat woman cop Sunita Yadav) अपने वायरल वीडियो (Viral Video) के कारण देश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन को लेकर गुजरात के मंत्री किशोर कानाणी के बेटे और सुनीता यादव के बीच हुई बहस का वीडियो देखने के बाद सोशल मीडिया पर लेडी सिंघम भी कहा जा रहा है. खबर आई कि इस घटना के बाद सुनीता को ट्रांसफर कर दिया गया है. नतीजे में i stand with Sunita yadav, Stop Transfer Sunita Yadav और i support Sunita Yadav जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे. जहां एक ओर देश में सुनीता यादव के पक्ष में माहौल बन रहा था, वहीं सुनीता की एक तस्वीर ने बहस का रुख मोड़ दिया. जिस गलती के लिए सुनीता मंत्री पुत्र को डपट रही थी, उनकी एक पुरानी तस्वीर बता रही है कि वैसा ही गुनाह उन्होंने भी किया था. सुनीता का बड़ा ऐतराज इसी बात पर था कि एक मंत्री पुत्र अपनी गाड़ी पर MLA की तख्ती लगाकर क्यों चल रहा है. लेकिन, जिस सुनीता यादव को VVIP कल्चर के खिलाफ जंग लड़ने वाली योद्धा के रूप में देखा जा रहा था, उनके पिता की निजी कार पर पुलिस की तख्ती लगी मिल गई्र!

अपनी एक तस्वीर के कारण सुनीता यादव आलोचना का सामना कर रही हैं

उनकी सोशल मीडिया टाइमलाइन पर लोगों को एक तस्वीर मिली, जिसमें सिविल ड्रेस में सुनीता अपने पिता के साथ अपनी कार के आगे खड़ीं हैं. और पीछे उनकी कार के शीशे पर पुलिस लिखा हुआ दिख रहा है. सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के वायरल होने पर सुनीता ने जो सफाई दी है, वह कतई गले नहीं उतरती है.

मंगलवार को करीब 45 मिनट के फेसबुक लाइव में सुनीता ने अपनी उस तस्वीर का बेहद लचरता से बचाव किया. उसके मुताबिक- 'मैं मानती हूं कि हमारी पर्सनल कार पर पुलिस का बोर्ड लगाना गलत था. मुझे...

गुजरात पुलिस से ताल्लुक रखने वाली सुनीता यादव (Gujarat woman cop Sunita Yadav) अपने वायरल वीडियो (Viral Video) के कारण देश में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन को लेकर गुजरात के मंत्री किशोर कानाणी के बेटे और सुनीता यादव के बीच हुई बहस का वीडियो देखने के बाद सोशल मीडिया पर लेडी सिंघम भी कहा जा रहा है. खबर आई कि इस घटना के बाद सुनीता को ट्रांसफर कर दिया गया है. नतीजे में i stand with Sunita yadav, Stop Transfer Sunita Yadav और i support Sunita Yadav जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे. जहां एक ओर देश में सुनीता यादव के पक्ष में माहौल बन रहा था, वहीं सुनीता की एक तस्वीर ने बहस का रुख मोड़ दिया. जिस गलती के लिए सुनीता मंत्री पुत्र को डपट रही थी, उनकी एक पुरानी तस्वीर बता रही है कि वैसा ही गुनाह उन्होंने भी किया था. सुनीता का बड़ा ऐतराज इसी बात पर था कि एक मंत्री पुत्र अपनी गाड़ी पर MLA की तख्ती लगाकर क्यों चल रहा है. लेकिन, जिस सुनीता यादव को VVIP कल्चर के खिलाफ जंग लड़ने वाली योद्धा के रूप में देखा जा रहा था, उनके पिता की निजी कार पर पुलिस की तख्ती लगी मिल गई्र!

अपनी एक तस्वीर के कारण सुनीता यादव आलोचना का सामना कर रही हैं

उनकी सोशल मीडिया टाइमलाइन पर लोगों को एक तस्वीर मिली, जिसमें सिविल ड्रेस में सुनीता अपने पिता के साथ अपनी कार के आगे खड़ीं हैं. और पीछे उनकी कार के शीशे पर पुलिस लिखा हुआ दिख रहा है. सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के वायरल होने पर सुनीता ने जो सफाई दी है, वह कतई गले नहीं उतरती है.

मंगलवार को करीब 45 मिनट के फेसबुक लाइव में सुनीता ने अपनी उस तस्वीर का बेहद लचरता से बचाव किया. उसके मुताबिक- 'मैं मानती हूं कि हमारी पर्सनल कार पर पुलिस का बोर्ड लगाना गलत था. मुझे इसका अधिकार नहीं था. मैंने देखा था कि कई लोग अपनी गाड़ी पर पुलिस को बोर्ड लगाते हैं तो मैंने भी लगा लिया. जब ये तस्वीर ली गई तब मैं अपने पिता के साथ दूसरे राज्य जा रही थी. और हमारा वहां पहुंचना जरूरी था. मैंने सोचा यदि कार पर पुलिस लिखा होगा तो मेरे स्टाफ के पुलिस वाले मेरे साथ अच्छा व्यवहार करेंगे. पुलिस वाले फ्रस्टेशन में काम करते हैं. वे बहुत काम करते हैं, इसलिए उनका दिमाग गरम होता है.'

सुनीता यादव की ये सफाई उनके उस रुख के खिलाफ है, जो उन्होंने उस रात मंत्री के बेटे खिलाफ दिखाया था. यदि मंत्री का बेटा अपनी कार पर MLA लिखवा कर जिस फेवर का लाभ लेना चाहता है, सुनीता यादव वही काम अपनी कार पर पुलिस लिखकर कर रही थीं. यानी मौका आने पर दोनों में से कोई भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहा है.

वीवीआईपी कल्चर हमारी जड़ों में गहरा बैठा हुआ है. यदि मंत्री विधायक अपनी लाल बत्ती के रौब के साए में रहना चाहते हैं, तो पुलिस महकमे में खाकी वर्दे और डंडे की अकड़ आसानी से देखी जा सकती है. मंत्री के बेटे के साथ हो रही बहस में सुनीता यादव को देखा जा सकता है कि वे कई बार मारने के लिए डंडा उठा रही हैं.

मुद्दा VVIP और दबदबे वाले कल्चर का है. इस पूरे मामले में मंत्री का बेटा तो दोषी है ही. लेकिन, सुनीता यादव का दामन भी साफ नहीं है.

सुनीता यादव ने अपनी बात इस फेसबुक लाइव के माध्यम सेे कही है:

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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