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सांपों को खबर लग गई है... सेक्स को लेकर इंसान भी जहरीला हो गया है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 01 सितम्बर, 2021 05:48 PM
  • 01 सितम्बर, 2021 05:48 PM
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ऑस्ट्रेलिया में सांपों के हमले में इजाफा हुआ है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सांप इंसान को अपना सेक्स पार्टनर समझ रहे हैं और इसी के चलते वो इंसानों के ऊपर एक के बाद एक हमले कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स भले ही अपने तर्क गढ़ते रहें लेकिन सच्चाई यही है कि सांपों को खबर लग गयी है कि इंसान भी तो सेक्स को लेकर जहरीला ही है.

सांपों को लेकर तथ्य यही है कि सांप, मानव बस्ती से घबराते हैं. बावजूद इसके अगर गलती से सांप हमारे आस पास आ भी गए तो भी बतौर जीव वो हमसे दूर रहते हैं और हमें बेवजह नहीं छेड़ते. देश विदेश में तमाम शोध हुए हैं जो इस बात का खुलासा करते हैं कि सांप तभी डंसता या हमला करता है जब उसकी जान पर बन आई होती है या उसे अपने आसपास शिकार/ खतरा दिखाई देता है. बड़े बुजुर्ग लाख ये कहें कि जब कभी भी रास्ते पर सांप मिल जाए तो सबसे पहले उसे मार दो लेकिन प्रकृति की सीख अलग है.

प्रकृति यही सीख देती है कि हमें भी सांपों को नुकसान पहुंचाने का कोई हक नहीं है. कुल मिलाकर बरसों से नेचर का यही नियम चला आ रहा है कि सांप अपने और मनुष्य अपने रास्तों पर हैं. अब तक दोनों के बीच सामंजस्य भी दिखा और सौहार्द भी. मगर ये सदैव रहे? सुदूर ऑस्ट्रेलिया में घटित एक घटना के बाद थोड़ा शक होता है. हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में ₹इंसान के ऊपर सांपों के हमले के मामलों में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है. सांपों के अटैक के मद्देनजर मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने बीते दिनों ही अपनी तरह का एक अनोखा खुलासा किया है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सांप इंसान को अपना सेक्स पार्टनर समझ रहे हैं और इसी के चलते वो इंसानों के ऊपर एक के बाद एक हमले कर रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया में सांपों से जुड़ा अपने में एक अनोखा मामला सामने आया है

एक्सपर्ट्स भले ही अपने तर्क गढ़ते रहें लेकिन सच्चाई यही है कि सांपों को खबर लग गयी है कि इंसान भी तो सेक्स को लेकर जहरीला ही है. इस बात को सुनकर विचलित या फिर आहत होने की कोई जरूरत नहीं है. किसी लड़की को बहला फुसला कर बलात्कार या गैंगरेप करने ऑटो, बस, मेट्रो, ट्रेन में बैठी महिला या स्कूटी चलाती लड़की को आंखों में हवस लिए देखने के बीच एक बड़ा सच यही है कि एक...

सांपों को लेकर तथ्य यही है कि सांप, मानव बस्ती से घबराते हैं. बावजूद इसके अगर गलती से सांप हमारे आस पास आ भी गए तो भी बतौर जीव वो हमसे दूर रहते हैं और हमें बेवजह नहीं छेड़ते. देश विदेश में तमाम शोध हुए हैं जो इस बात का खुलासा करते हैं कि सांप तभी डंसता या हमला करता है जब उसकी जान पर बन आई होती है या उसे अपने आसपास शिकार/ खतरा दिखाई देता है. बड़े बुजुर्ग लाख ये कहें कि जब कभी भी रास्ते पर सांप मिल जाए तो सबसे पहले उसे मार दो लेकिन प्रकृति की सीख अलग है.

प्रकृति यही सीख देती है कि हमें भी सांपों को नुकसान पहुंचाने का कोई हक नहीं है. कुल मिलाकर बरसों से नेचर का यही नियम चला आ रहा है कि सांप अपने और मनुष्य अपने रास्तों पर हैं. अब तक दोनों के बीच सामंजस्य भी दिखा और सौहार्द भी. मगर ये सदैव रहे? सुदूर ऑस्ट्रेलिया में घटित एक घटना के बाद थोड़ा शक होता है. हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में ₹इंसान के ऊपर सांपों के हमले के मामलों में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है. सांपों के अटैक के मद्देनजर मैक्वेरी यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने बीते दिनों ही अपनी तरह का एक अनोखा खुलासा किया है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सांप इंसान को अपना सेक्स पार्टनर समझ रहे हैं और इसी के चलते वो इंसानों के ऊपर एक के बाद एक हमले कर रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया में सांपों से जुड़ा अपने में एक अनोखा मामला सामने आया है

एक्सपर्ट्स भले ही अपने तर्क गढ़ते रहें लेकिन सच्चाई यही है कि सांपों को खबर लग गयी है कि इंसान भी तो सेक्स को लेकर जहरीला ही है. इस बात को सुनकर विचलित या फिर आहत होने की कोई जरूरत नहीं है. किसी लड़की को बहला फुसला कर बलात्कार या गैंगरेप करने ऑटो, बस, मेट्रो, ट्रेन में बैठी महिला या स्कूटी चलाती लड़की को आंखों में हवस लिए देखने के बीच एक बड़ा सच यही है कि एक मनुष्य के रूप में सेक्स ने हमारे अंदर जहर भर दिया है और हमें जहरीला कर दिया है.

आप अक्सर सुनते होंगे कि किसी सिर फिर ने 3 महीने की मासूम का बलात्कार कर दिया कहीं 85 साल की बूढ़ी औरत की अस्मत 16 या 17 साल के किशोर ने लूटी या फिर उन खबरों की बात करें जिनमें एक महिला/ लड़की पर तब एसिड फेंक दिया जाता है जब वो अपने बॉयफ्रेंड द्वारा दी जा रही किस या गलत तरह से छूने का विरोध करती है. खुद बताइये क्या ये सेक्स का जहर नहीं है?

बताते चलें कि ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का शुमार ऐसे महाद्वीप में है जहां सांपों की तमाम प्रजातियां वास करती हैं और यहां पाए जाने वाले अधिकांश सांप जिनमें पानी के सांप भी शामिल हैं, बेहद जहरीले हैं और हर साल तमाम लोगों की मौत की वजह बनते हैं. ऐसे में इन दिनों ऑस्ट्रेलियाई लोग डरे हुए हैं. देश में सर्प दंश के मामले दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं.

मामले में ये बात भी काबिल ए गौर है कि ऑस्ट्रेलिया में जो हमले हुए हैं उनमें सांपों के सबसे ज्यादा हमले वो हैं जिनका सामना पानी में उतरे डाइवर्स को करना पड़ा है. सांपों के हमलों के बाद तरह तरह के कयास लग रहे और अब जबकि शोध हुआ है तमाम तरह के कयासों से पर्दा हट चुका है और सच्चाई शीशे की तरह हमारे सामने आ गयी है.

हाल के दिनों में सी स्नेक्स समुंद्र में उतरे गोताखोरों पर आक्रामक होते और हमला करते नजर आए हैं. सांप और उसके हमलों को लेकर जो शोध हुआ है वो यही बता रहा है कि ये हमले इसलिए हुए हैं क्योंकि सांप इंसानों को अपना सेक्स पार्टनर समझ रहा है और हमले के जरिये उन्हें रिझाने की कोशिश कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया की मैक्वेरी यूनिवर्सिटी ने जो रिसर्च की है उसके अनुसार सांप डाइवर्स पर अटैक कर उन्हें कई जगह से काट रहे हैं.

ध्यान रहे कि समुंद्र में रहने वाली सांपों की तमाम प्रजातियां ऐसी हैं जो जमीन पर रहने वाले सांपों से कहीं ज्यादा विषैली हैं इसलिए इंसानों को डर लगना कहीं न कहीं स्वाभाविक भी है. बात आंकड़ों की हो तो समुद्री सांप के काटने का सबसे पहला मामला 1935 में सामने आया था जहां एक व्यक्ति की मौत हुई थी वहीं दूसरा मामला 2018 में देखने को मिला.

बात हाल फिलहाल की हो तो हर बीतते दिन के साथ ऑस्ट्रेलिया में रोज नए मामले दिखाई सुनाई पड़ रहे हैं. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के गोताखोरों ने लगातार अटैक की बात कंफर्म की है. चूंकि बात सी स्नेक के हमले की हुई है तो बताना जरूरी है कि सी स्नेक के काटने से मौत की संभावना तो कम होती है लेकिन मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, उलटी और लकवा मारने जैसे सिम्पटम्स दिखाई देते हैं.

सांपों के हमले के मद्देनजर यूनिवर्सिटी ने अपना जो रिसर्च पेपर पेश किया है वो भी बहुत दिलचस्प है. रिसर्च पेपर के अनुसार सांप समुंद्र में उतरे स्कूबा डाइवर्स को अपना पोटेंशियल लवर समझ कर उनकी कमर के नीचे लिपट कर उन्हें काट रहे हैं. इस मामले पर लगातार शोध जारी हैं और एक ताजे शोध में ये बात निकलकर सामने आई है कि अगस्त के बाद अटैक के मामले कम हो जाएंगे क्योंकि यह वो समय होगा जब सांपों का मेटिंग पीरियड खत्म हो जाएगा.

बहरहाल शोध कुछ कहें लेकिन सच्चाई यही है कि सेक्स के भावों में बहकर ऊपर इंसान जो कुछ कर रहा है वो बात सी स्नेक्स तक पहुंच गई है. अब क्योंकि जहर ही जहर की काट है तो सेक्स के नाम पर इंसानों को काटा जा रहा है और उन्हें इस बात का एहसास कराया जा रहा है कि पीड़ा और डर होता क्या है?

कैसा लगता होगा उस इंसान को जिसके सामने मौत नाच रही होती है. कुल मिलाकर ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया के सेक्स के प्रभाव में इंसानों को अपना निशाना बनाने वाले सी स्नेक्स भी हम इंसानों, हमारे जहर हमारी जहरीली फितरत को समझ चुके हैं.

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