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'मुगलों' पर मनोज मुंतशिर के बयान से हैरत कैसी? उन्होंने अपना पाला 2019 में चुन लिया है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 29 अगस्त, 2021 05:02 PM
  • 29 अगस्त, 2021 05:02 PM
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फ़िल्म केसरी के गाने 'तेरी मिट्टी को' अवार्ड न मिलने से खफा खफा चल रहे गीतकार मनोज मुंतशिर ने अपना पाला 2019 में ही चुन लिया था. आज वो मुगलों को डकैत कहें या कल अंग्रेजों को जेबकतरा बताएं हैरत होनी ही नहीं चाहिए.

2019 में आई अक्षय कुमार परिणीति चोपड़ा स्टारर फ़िल्म 'केसरी' याद है आपको? फ़िल्म अच्छी थी और उससे भी अच्छा था फ़िल्म का गाना 'तेरी मिट्टी में मिल जावां'. ये गाना इतना सूदिंग और इमोशनल कर देने वाला है कि हममें से तमाम लोग ऐसे हैं, जिन्होंने आज भी अपने फोन की कॉलर ट्यून में इस गाने को लगा रखा है. बात अगर इस गीत की हो तो इसे शब्द दिए थे गीतकार मनोज मुंतशिर ने.

अपनी रिलीज के बाद जिस तरह गीत पॉपुलर हुआ मनोज के अलावा तमाम फैंस ऐसे थे जिनका मानना था कि इस गाने को 'अवार्ड' मिलना ही चाहिए मगर जब दीगर अवार्ड्स फंक्शन में इस गाने को जगह नहीं मिली, तब मनोज मुंतशिर ने अपना गुस्सा जाहिर किया और तमाम तरह के आरोप लगाए थे. ध्यान रहे तब मनोज को राइट विंग ग्रुप्स का पूरा समर्थन मिला था और गाने की आड़ में तमाम तरह की नफरत फैलाने वाली बातें हुईं थीं. तब जैसे हालात बने मनोज का नजरिया बदलता गया और अब बात मुग़लों को डकैत कहने पर आकर खत्म तो हुई मगर जैसा सोशल मीडिया का दस्तूर है एक नए संवाद को पंख मिल गए हैं.

मुगलों पर बयान देकर गीतकार मनोज मुंतशिर ने लोगों को एक नई बहस में पड़ने का मौका दे दिया है

दरअसल हुआ कुछ यूं है कि बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर कबीर खान ने अपने एक इंटरव्यू में मुग़ल बादशाहों को लेकर बड़ी अजीब ओ गरीब बात कही थी. अपने बयान में कबीर ने मुगलों को राष्ट्र निर्माता बताया था और मुगलों को हत्यारा कहे जाने पर अपना रोष प्रकट किया था. बात क्योंकि राष्ट्र और मुगलों से जुड़ी थी तो प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक था. गीतकार मनोज मुंतशिर ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. मनोज ने इस मैटर पर एक वीडियो बनाया और उसे अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल से शेयर किया.

वीडियो का कंटेंट ऐसा था जिसके बाद उसका शेयर होना लाजमी था. मनोज ने जिस सोच के साथ...

2019 में आई अक्षय कुमार परिणीति चोपड़ा स्टारर फ़िल्म 'केसरी' याद है आपको? फ़िल्म अच्छी थी और उससे भी अच्छा था फ़िल्म का गाना 'तेरी मिट्टी में मिल जावां'. ये गाना इतना सूदिंग और इमोशनल कर देने वाला है कि हममें से तमाम लोग ऐसे हैं, जिन्होंने आज भी अपने फोन की कॉलर ट्यून में इस गाने को लगा रखा है. बात अगर इस गीत की हो तो इसे शब्द दिए थे गीतकार मनोज मुंतशिर ने.

अपनी रिलीज के बाद जिस तरह गीत पॉपुलर हुआ मनोज के अलावा तमाम फैंस ऐसे थे जिनका मानना था कि इस गाने को 'अवार्ड' मिलना ही चाहिए मगर जब दीगर अवार्ड्स फंक्शन में इस गाने को जगह नहीं मिली, तब मनोज मुंतशिर ने अपना गुस्सा जाहिर किया और तमाम तरह के आरोप लगाए थे. ध्यान रहे तब मनोज को राइट विंग ग्रुप्स का पूरा समर्थन मिला था और गाने की आड़ में तमाम तरह की नफरत फैलाने वाली बातें हुईं थीं. तब जैसे हालात बने मनोज का नजरिया बदलता गया और अब बात मुग़लों को डकैत कहने पर आकर खत्म तो हुई मगर जैसा सोशल मीडिया का दस्तूर है एक नए संवाद को पंख मिल गए हैं.

मुगलों पर बयान देकर गीतकार मनोज मुंतशिर ने लोगों को एक नई बहस में पड़ने का मौका दे दिया है

दरअसल हुआ कुछ यूं है कि बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर कबीर खान ने अपने एक इंटरव्यू में मुग़ल बादशाहों को लेकर बड़ी अजीब ओ गरीब बात कही थी. अपने बयान में कबीर ने मुगलों को राष्ट्र निर्माता बताया था और मुगलों को हत्यारा कहे जाने पर अपना रोष प्रकट किया था. बात क्योंकि राष्ट्र और मुगलों से जुड़ी थी तो प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक था. गीतकार मनोज मुंतशिर ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. मनोज ने इस मैटर पर एक वीडियो बनाया और उसे अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल से शेयर किया.

वीडियो का कंटेंट ऐसा था जिसके बाद उसका शेयर होना लाजमी था. मनोज ने जिस सोच के साथ वीडियो बनाया था वो सोच सार्थक हुई और वीडियो वायरल हो गया. इस वीडियो में मनोज मुंतशिर ने मुगल सम्राटों की तुलना डैकतों से की है. आप किसके वंशज हैं?' टाइटल से मनोज ने वीडियो को शेयर किया है. वीडियो में जो लहजा मनोज का है उसके अनुसार, 'पिछली कई सदियों से हमने अपने इतिहास की जमीनें लावारिस छोड़ रखी हैं.

हम इस हद तक ब्रेनवॉश्ड हो गए कि अचानक हमारी प्री प्राइमरी टेक्स्ट बुक्स से ग से गणेश हटाकर ग से गधा लिख दिया गया और हमारे माथे पर बल तक नहीं पड़ा. हमारे घर तक आने वाली सड़कों के नाम भी किसी अकबर, हुमायूं, जहांगीर जैसे ग्लोरिफाइड डकैत के नाम पर रख दिए गए और हम रिबन काटते मौकापरस्त नेताओं को देखकर तालियां बजाते रहे.

चित्तौड़गढ़ में 30 हज़ार सिविलियन्स को जिहाद के नाम पर काट डालने वाला आदर्श राजा था? आगरा के किले के सामने मीना बाज़ार लगवाने वाला जिल्लेइलाही था? जिल्लेइलाही, यानी ख़ुदा की परछाई. ये कौन सा खुदा है, जिसकी परछाई इतनी काली है?

अपने हीरोज़ और विलेन्स जात-पात से ऊपर उठकर चुनिए, जो इस महान देश की परंपरा है. रावण एक ब्राह्मण था. भगवान ब्रह्मा की डायरेक्ट ब्लड लाइन में जन्मा था, लेकिन आपने किसी ब्राह्मण को रावण की स्तुति करते देखा है?

इस वीडियो को बनाने के लिए मनोज ने इतिहास की कौन सी किताबें पढ़ी हैं इसकी तो हमें कोई जानकारी नहीं है लेकिन इतना जरूर है इस वीडियो के माध्यम से मनोज मुंतशिर ने राइट विंग या ये कहें कि हिंदूवादी संगठनों को बल्लियों उछलने का मौका दे दिया है.

मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है. एक्टर ऋचा चड्ढा, डायरेक्टर नीरज घेवान और गीतकार और पटकथा लेखक मयूर पूरी, इतिहासकार इरफान हबीब जैसे लोग जहां मामले के मद्देनजर मनोज के विरोध में मुखर होकर अपनी बात कह रहे हैं वहीं निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री जैसे लोग भी हैं जो मनोज का खुलकर समर्थन कर रहे हैं.

बात विरोध की चल रही है तो मनोज से मुखातिब होकर नीरज घेवान ने लिखा है कि, 'कट्टरता के साथ जातिवाद का समावेश.'

मामले पर ट्वीट करते हुए मयूर पूरी ने बड़े ही सभ्य लहजे में लिखा है कि, 'लेखकों को अपने काम से नफरत फैलाने वालों की तरह काम नहीं करना चाहिए. किसी देश का पूरी तरह से गुलाबी इतिहास नहीं है. पर लेखकों का आग लगाने का नहीं बल्कि आग बुझाने का काम करना चाहिए. प्लीज बुरा न मानें, लेकिन मैं थोड़ा निराश हूं कि आप इस तरह का काम कर रहे हैं.'

इतिहासकार इरफान हबीब भी मनोज की बातों से आहत हैं उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि, 'मनोज मुंतशिर जैसे लेखकों को 'विषवमन' करते और 'झूठे तथा काल्पनिक तर्कों को इतिहास के तौर पर पेश करते हुए' देखने पर निराशा हुई.'

वहीं लोग मनोज का समर्थन भी कर रहे हैं. विवेक रंजन अग्निहोत्री ने कहा है कि 'मनोज मुंतशिर सार्वजनिक रूप से अपनी कविताओं में अपना नजरिया निडर होकर पेश करते रहे हैं. आप नहीं जानते इसका यह मतलब नहीं है कि वह अचानक से बदल गए हैं.'

बहरहाल अब जबकि मनोज का ये नजरिया हमारे सामने आ ही गया है. तो एक बात हमें समझ लेनी चाहिए कि फिल्म केसरी की रिलीज के दौरान जब उनका गाना तेरी मिटटी फिल्म इंडस्ट्री द्वारा नकारा गया तब ही मनोज मुंतशिर ने अपना पाला चुन लिया था. आज वो मुगलों को डकैत कहें या कल अंग्रेजों को जेबकतरा बताएं हमें हैरत होनी ही नहीं चाहिए. 

बाकी बात बस इतनी है कि सेलिब्रिटी कोई बयान बेवजह नहीं देते. हर चीज के पीछे उनका फायदा छिपा होता है. ऐसे में अब जब मनोज ने मुगलों पर अपना पक्ष रख दिया है तो ये बात बहुत दूर तक जाने वाली है और इसका बड़ा फायदा उन्हें भविष्य में मिलने वाला है. आगे क्या होगा इसे जानने के लिए हमें केवल इंतजार ही करना होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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