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शबनम की फांसी: प्यार के नाम पर ऐसी हैवानियत! क्या वो प्यार था भी?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 18 फरवरी, 2021 06:42 PM
  • 18 फरवरी, 2021 04:58 PM
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आजाद भारत में पहली बार किसी महिला अपराधी (Shabnam case) को फांसी (shabnam hanging) देने की तैयारी चल रही है. जिसने भी यह खबर सुनी हक्का-बक्का रह गया और यह सोचने लगा कि आखिर इस महिला ने ऐसा किया क्या होगा?

आजाद भारत में पहली बार किसी महिला अपराधी (Shabnam case) को फांसी (shabnam hanging) देने की तैयारी चल रही है. जिसने भी यह खबर सुनी हक्का-बक्का रह गया और यह सोचने लगा कि आखिर इस महिला ने ऐसा किया क्या (Amroha news) होगा. सोचना लाज़िमी भी है एक नाजुक सी दिखने वाली महिला इतना जघन्य अपराध (Shabnam Crime) कर सकती है किसने सोचा था. दरअसल, जिस महिला को फांसी (Sabnam Death) दी जा रही है उसका नाम शबनम है और वह अमरोहा की रहने वाली है. फिलहाल शबनम मथुरा के जेल (Mathura Jail) में बंद है. दरअसल, शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया जिसके बाद से ही प्रशासन फांसी की तैयारी में जुट गया है.

निर्भया दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के जल्लाद पवन दो बार मथुरा जेल का नीरिक्षण भी कर चुके हैं. डेथ वारंट आने के बाद शबनम और उसके प्रेमी सलीम दोनों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. फिलहाल फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन शबनम का फांसी पर लटकना तय है.

शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर घर के सात लोगों की हत्या की थी

सूफी परिवार में जन्मी शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल से एमए किया था. शबनम घर की एकलौती बेटी थी, जिसे सभी परिजन बहुत प्यार करते थे. शबनम ने जो अपने घरवालों के साथ किया उसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता. उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिजनों की हत्या कर दी. जिसमें उसका 10 महीने का इक भतीजा भी था. इतना ही नहीं जुर्म छुपाने के लिए शबनम ने नाटक भी किया.

क्या है शबनम के जुर्म की कहानी

भोली और नाजुक सी दिखने वाली शबनम ने बड़ी ही बेरहमी और पत्थर दिल से अपने ही घर के सात सदस्यों को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला. इस घटना को अंजाम देने के लिए उसने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर...

आजाद भारत में पहली बार किसी महिला अपराधी (Shabnam case) को फांसी (shabnam hanging) देने की तैयारी चल रही है. जिसने भी यह खबर सुनी हक्का-बक्का रह गया और यह सोचने लगा कि आखिर इस महिला ने ऐसा किया क्या (Amroha news) होगा. सोचना लाज़िमी भी है एक नाजुक सी दिखने वाली महिला इतना जघन्य अपराध (Shabnam Crime) कर सकती है किसने सोचा था. दरअसल, जिस महिला को फांसी (Sabnam Death) दी जा रही है उसका नाम शबनम है और वह अमरोहा की रहने वाली है. फिलहाल शबनम मथुरा के जेल (Mathura Jail) में बंद है. दरअसल, शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया जिसके बाद से ही प्रशासन फांसी की तैयारी में जुट गया है.

निर्भया दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के जल्लाद पवन दो बार मथुरा जेल का नीरिक्षण भी कर चुके हैं. डेथ वारंट आने के बाद शबनम और उसके प्रेमी सलीम दोनों को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. फिलहाल फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन शबनम का फांसी पर लटकना तय है.

शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर घर के सात लोगों की हत्या की थी

सूफी परिवार में जन्मी शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल से एमए किया था. शबनम घर की एकलौती बेटी थी, जिसे सभी परिजन बहुत प्यार करते थे. शबनम ने जो अपने घरवालों के साथ किया उसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता. उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिजनों की हत्या कर दी. जिसमें उसका 10 महीने का इक भतीजा भी था. इतना ही नहीं जुर्म छुपाने के लिए शबनम ने नाटक भी किया.

क्या है शबनम के जुर्म की कहानी

भोली और नाजुक सी दिखने वाली शबनम ने बड़ी ही बेरहमी और पत्थर दिल से अपने ही घर के सात सदस्यों को कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला. इस घटना को अंजाम देने के लिए उसने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर प्लान बनाया. हत्या करने से पहले उसने अपने घरवालों को बेहोशी की दवा खिलाई और फिर सबको मौत के घाट उतार दिया. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

दरअसल, अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम का सलीम से प्रेम संबंध था. शबनम अच्छे घर से थी और उसके परिवार के पास काफी जमीन भी थी. वहीं सलीम मजदूरी का काम करता था और पांचवी फेल था. यही कारण था कि शबनम के घरवाले इस इस संबंध के खिलाफ थे. 

उन्हें क्या पता था कि जिस बेटी से वे इतना प्यार करते थे वही उन्हें मौत के घाट उतार देगी. 14 अप्रैल 2008 की रात शबनम ने इस वारदात को बड़ी चालाकी से अंजाम दिया. उसके व्यवहार से किसी को भी उस पर शक नहीं हुआ. हत्या के बाद 25 साल की शबनम ने शोर मचाना शुरु कर दिया. वह चीखने लगी, उसने पुलिस को चकमा दिया. उसने वारदात को लूटपाट बताया. घर में खून से लथपथ सात लाशें पड़ी थींं. बची थी तो बस शबनम. उसने कहा कि वह बाथरूम में थी इसलिए बच गई.

लेकिन जुर्म कहां छुपता है, पुलिस ने देखा कि हत्या के समय किसी ने भी सेल्फ डिफेंस की कोशिश नहीं की. वहीं लूटपाट की भी कोई निशानी नहीं मिली. साथ ही पोस्टमार्टम में हत्या से पहले बेहोशी की दवा देने का पता चला. पुलिस को शबनम पर शक हुआ. थोड़े दिनों बाद शबनम की प्रेंग्नेंसी का पता चला, जबकि उसकी शादी भी नहीं हुई थी. फिर पुलिस ने शबनम और उसके प्रेमी सलीम से पूछताछ की, जिसके बाद दोनों ने सारी बातें कबूल की. वहीं पुलिस ने जुर्म में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली थी. जेल में बंद शबनम ने एक बेटे को जन्म दिया जो कई साल उसके साथ रहा लेकिन जब शबनम को उसकी फांसी की सजा का पता चलो तो उसने बेटे को एक दोस्त को सौंप दिया.

शबनम और सलीम में प्यार था भी?

प्यार एक ऐसा एहसास है जिसमें इंसान दूसरों से भी प्यार करने लगता है. नफरत को भूलने लगता है. प्यार में कोई इतना घिनौना काम कैसे कर सकता है. प्यार करना गलत नहीं है, लेकिन प्यार में जो शबनम और सलीम ने किया वह माफी के लायक नहीं. वह तो प्यार भी नहीं है. प्यार फूल की तरह खूशबू फैलाता है जहर नहीं. ऐसी घटनाएं मन में सवाल पैदा करती हैं कि आखिर शबनम ने ऐसा कैसे कर दिया...

फिलहाल दोनों को फांसी देने के लिए बक्सर से रस्सी मंगाई जा रही है. यह फांसी घर मथुरा के जिला कारागार में लगभग 150 साल पहले बना था, लेकिन देश आजाद होने के बाद किसी भी महिला को फांसी नहीं दी गई थी. यह उत्तर प्रदेश का इकलौता महिला फांसी घर है, जहां शबनम को फांसी दी जाएगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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