• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

इन 5 वजहों से भारत में कमजोर पड़ रही है कोरोना की दूसरी लहर

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 21 मई, 2021 04:20 PM
  • 21 मई, 2021 04:20 PM
offline
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे कोरोना प्रभावित राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट को राहत का संकेत माना जा सकता है. 13 मई को कोविड-19 के 3,62,727 नए मरीज मिले थे. वहीं, 20 मई को कोरोना के 276000 मामले सामने आए हैं. इनमें 77 फीसदी मामले 10 राज्यों से हैं.

भारत में कोरोना की दूसरी लहर की सुनामी बीते कुछ दिनों में कमजोर पड़ती नजर आ रही है. कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है. लेकिन, कोविड-19 की वजह से होने वाली मौतें का बढ़ता आंकड़ा एक बड़ी चिंता का विषय बनकर सामने आया है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे कोरोना प्रभावित राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट को राहत का संकेत माना जा सकता है. 13 मई को कोविड-19 के 3,62,727 नए मरीज मिले थे. वहीं, 20 मई को कोरोना के 276000 मामले सामने आए हैं. इनमें 77 फीसदी मामले 10 राज्यों से हैं. इस दौरान कोरोना संक्रमण के लिए की जा रही टेस्टिंग में भी कमी नहीं की गई. कोरोना टेस्टिंग का औसत भी करीब 17 लाख रहा है. आइए जानते हैं कि वे क्या 5 वजह हैं, जिनकी चलते कोरोना की दूसरी लहर कुछ कमजोर पड़ रही है?

रिकवरी रेट में बढ़ोत्तरी

भारत में बीते 10 में से 9 दिनों में कोरोना संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा कोविड-19 को मात देने वालों की संख्या दर्ज की गई है. रिकवरी रेट में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जो एक अच्छा संकेत कहा जा सकता है. देश में 20 मई को 3,69,077 रिकवरी दर्ज की गई. देश में 3 मई को रिकवरी रेट 81.7 फीसदी था, जो अब बढ़कर 86.7 फीसदी हो गया है. कई राज्यों में रिकवरी रेट 90 फीसदी के आंकड़े को पार कर चुका है. उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में रिकवरी रेट 91.4 फीसदी तक पहुंच गया है. कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामलों वाले राज्य महाराष्ट्र में भी रिकवरी रेट 91 फीसदी तक पहुंच गया है. असम, अरुणाचल, त्रिपुरा में भी रिकवरी रेट काफी बढ़ गया है.

पॉजिटिविटी रेट में कमी

कोरोना संक्रमण की रफ्तार में बीते 6 दिनों में कमी दर्ज की गई है. देश में...

भारत में कोरोना की दूसरी लहर की सुनामी बीते कुछ दिनों में कमजोर पड़ती नजर आ रही है. कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है. लेकिन, कोविड-19 की वजह से होने वाली मौतें का बढ़ता आंकड़ा एक बड़ी चिंता का विषय बनकर सामने आया है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे कोरोना प्रभावित राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट को राहत का संकेत माना जा सकता है. 13 मई को कोविड-19 के 3,62,727 नए मरीज मिले थे. वहीं, 20 मई को कोरोना के 276000 मामले सामने आए हैं. इनमें 77 फीसदी मामले 10 राज्यों से हैं. इस दौरान कोरोना संक्रमण के लिए की जा रही टेस्टिंग में भी कमी नहीं की गई. कोरोना टेस्टिंग का औसत भी करीब 17 लाख रहा है. आइए जानते हैं कि वे क्या 5 वजह हैं, जिनकी चलते कोरोना की दूसरी लहर कुछ कमजोर पड़ रही है?

रिकवरी रेट में बढ़ोत्तरी

भारत में बीते 10 में से 9 दिनों में कोरोना संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा कोविड-19 को मात देने वालों की संख्या दर्ज की गई है. रिकवरी रेट में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जो एक अच्छा संकेत कहा जा सकता है. देश में 20 मई को 3,69,077 रिकवरी दर्ज की गई. देश में 3 मई को रिकवरी रेट 81.7 फीसदी था, जो अब बढ़कर 86.7 फीसदी हो गया है. कई राज्यों में रिकवरी रेट 90 फीसदी के आंकड़े को पार कर चुका है. उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में रिकवरी रेट 91.4 फीसदी तक पहुंच गया है. कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामलों वाले राज्य महाराष्ट्र में भी रिकवरी रेट 91 फीसदी तक पहुंच गया है. असम, अरुणाचल, त्रिपुरा में भी रिकवरी रेट काफी बढ़ गया है.

पॉजिटिविटी रेट में कमी

कोरोना संक्रमण की रफ्तार में बीते 6 दिनों में कमी दर्ज की गई है. देश में 14 मई को पॉजिटिविटी दर 18.38 फीसदी थी, जो 20 मई को घटकर 13.43 फीसदी हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश के 22 राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है. 13 राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 5 से 15 फीसदी के बीच है. देश के 303 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 15.2 फीसदी पर आ गया है. 29 अप्रैल से 5 मई के बीच 210 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 21 फीसदी से ज्यादा था. गोवा में हालात चिंताजनक हैं, यहां पॉजिटिविटी रेट 43 फीसदी है.

लॉकडाउन

कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम करने में लॉकडाउन ने भी एक अहम भूमिका निभाई है. कई राज्यों में कड़े प्रतिबंधों के साथ आंशिक लॉकडाउन लगाया है, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में काफी मदद मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों को सुझाव दिया था कि वे संपूर्ण लॉकडाउन की जगह माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर जोर दें. राज्यों ने कुछ प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन लगाकर कोरोना चेन तोड़ने की कोशिश की और वे इसमें कामयाब होते दिख रहे हैं. रोजाना सामने आने वाले नए मामलों में कमी से यह बात साफ तौर पर जाहिर है.

कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में एक्टिव केस में गिरावट दर्ज की गई है.

ज्यादा प्रभावित राज्यों में सुधरे हालात

कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में एक्टिव केस में गिरावट दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रोजाना सामने आने वाले नए मामलों में कमी दर्ज की गई है. बिहार, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए थे, लेकिन अब इन राज्यों में हालात सुधार की ओर हैं. इन सभी राज्यों में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में काफी गिरावट दर्ज की गई है. इसे एक शुभ संकेत कहा जा सकता है.

R (रिप्रोडक्शन) वैल्यू का कम होना

भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के साथ ही रिप्रोडक्शन वैल्यू (R value) अचानक से बढ़ गई थी. देश में फिलहाल रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 से नीचे है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल मे रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 से कम होने की बात कही थी. एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर औसतन कितने लोग संक्रमित हो सकते हैं, इन संक्रमित लोगों की संख्या को रिप्रोडक्शन वैल्यू कहा जाता है. देश में रिप्रोडक्शन वैल्यू में आई कमी इशारा करती है कि कोरोना महामारी का संक्रमण थम रहा है. रिप्रोडक्शन वैल्यू में कमी के चलते ही देश की एक बड़ी आबादी तक ये महामारी नहीं पहुंच पाई है. भारत में अब तक कुल 1.8 फीसदी आबादी ही कोरोना संक्रमित हुई है.

राहत के बावजूद सतर्कता जरूरी

पॉजिटिविटी रेट में कमी, रिकवरी रेट में बढ़ोत्तरी, रिप्रोडक्शन वैल्यू के कम होने के बाद हालात में सुधार दर्ज किया गया है. लेकिन, अभी भी कोरोना संक्रमण के रोजाना मामले दो लाख से ज्यादा सामने आ रहे हैं. इस स्थिति में कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर में किसी भी प्रकार की कमी लोगों के लिए घातक हो सकती है. लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई सभी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲