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पीरियड्स की साथी सेनेटरी पैड, यदि तुम भी भरोसा तोड़ोगी तो हम लड़कियों का क्या होगा?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 24 नवम्बर, 2022 09:51 PM
  • 24 नवम्बर, 2022 09:51 PM
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डियर सेनेटरी पैड हमें यकीन था कि तुम हमारी सेहत लिए लाभकारी हो, इसलिए तो कई महिलाओं ने जैसे-तैसे गंदा कपड़ा छोड़कर आंख बंद कर हर महीने तुम्हारा इस्तेमाल किया. हमें बताया गया था कि तुम्हें इस्तेमाल करने से हम कई गंभीर बीमीरियों से बच जाएंगे, मगर ये क्या यहां तो तुम ही हमारी सेहत की दुश्मन बन गई.

डियर, सेनेटरी पैड

इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि तुम हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह हो. सुना है कि तुम कैंसर और बाझपन का कारण बन सकती हो. हम तुम पर आरोप नहीं लगा रहे बल्कि यह खुलासा एनजीओ टॉक्सिक्स लिंक की स्टडी में हुआ है. ना-ना हमारा मन यह मानने को नहीं कह रहा है. 

हमें यकीन था कि तुम हमारे लिए लाभकारी हो इसलिए तो कई महिलाओं ने जैसे-तैसे गंदा कपड़ा छोड़कर हर महीने आंख बंद कर तुम्हारा इस्तेमाल करना सीखा. हमें बताया गया था कि तुम्हें इस्तेमाल करने से हम कई गंभीर बीमीरियों से बच जाएंगे, मगर ये क्या? यहां तो तुम ही तो हमारे सेहत की दुश्मन बन गई.

हम तुम्हारे बिना तो हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते. तुम्हारे होने से ही हम हर महीने पीरियड्स के 4, 5 दिन आराम से गुजारते हैं. हमें नहीं पता था कि तुम्हारे अंदर जहरीले रसायल पल रहे हैं जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. तुम हमारी जिंदगी का इतना अहम हिस्सा हो कि हम जहां भी जाएं तुम्हें अपने हैंडबैग में साथ लिए फिरते हैं.

जो लड़कियां तुम्हारा इस्तेमाल नहीं कर पाती थीं, उन्हें कई इनजीओ ने जागरूक कर तुमको उन तक पहुंचाया था. तुम्हारा नाम लेकर उनके माता-पिता को कितना तो समझाया था. अब वही तुम पर उंगली उठा कर कहेंगे कि देखो हमने तो पहले ही कहा था कि कपड़ा ही सबसे बढ़िया हैं, ये पैड-वैड का चक्कर ही बेकार है. कहीं इस नई स्टडी की बात मानकर दोबारा लड़कियां पैड का इस्तेमाल करना बंद कर कपड़े पर पहुंच जाएं तो?

तुम्हारे बारे में टीवी में कितने बढ़ियां-बढ़िया ऐड दिखाए गए, अब समझ आया कि वे सिर्फ झूठे लुभावने थे. तो क्या वे ऐड तुम्हारे बारे में झूठ बोल रहे थे. ऐड में तुम्हें पहनकर चमकने वाली लड़कियों के चेहरे का तेज झूठ था? अब समझ आया कि ऐड में तुम्हें पहनकर नाचती-खेलती जिन लड़कियों को देखकर हम तुम्हें बाजार से घर लाते थे, वह तो सच था ही नहीं.

डियर, सेनेटरी पैड

इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि तुम हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह हो. सुना है कि तुम कैंसर और बाझपन का कारण बन सकती हो. हम तुम पर आरोप नहीं लगा रहे बल्कि यह खुलासा एनजीओ टॉक्सिक्स लिंक की स्टडी में हुआ है. ना-ना हमारा मन यह मानने को नहीं कह रहा है. 

हमें यकीन था कि तुम हमारे लिए लाभकारी हो इसलिए तो कई महिलाओं ने जैसे-तैसे गंदा कपड़ा छोड़कर हर महीने आंख बंद कर तुम्हारा इस्तेमाल करना सीखा. हमें बताया गया था कि तुम्हें इस्तेमाल करने से हम कई गंभीर बीमीरियों से बच जाएंगे, मगर ये क्या? यहां तो तुम ही तो हमारे सेहत की दुश्मन बन गई.

हम तुम्हारे बिना तो हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते. तुम्हारे होने से ही हम हर महीने पीरियड्स के 4, 5 दिन आराम से गुजारते हैं. हमें नहीं पता था कि तुम्हारे अंदर जहरीले रसायल पल रहे हैं जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं. तुम हमारी जिंदगी का इतना अहम हिस्सा हो कि हम जहां भी जाएं तुम्हें अपने हैंडबैग में साथ लिए फिरते हैं.

जो लड़कियां तुम्हारा इस्तेमाल नहीं कर पाती थीं, उन्हें कई इनजीओ ने जागरूक कर तुमको उन तक पहुंचाया था. तुम्हारा नाम लेकर उनके माता-पिता को कितना तो समझाया था. अब वही तुम पर उंगली उठा कर कहेंगे कि देखो हमने तो पहले ही कहा था कि कपड़ा ही सबसे बढ़िया हैं, ये पैड-वैड का चक्कर ही बेकार है. कहीं इस नई स्टडी की बात मानकर दोबारा लड़कियां पैड का इस्तेमाल करना बंद कर कपड़े पर पहुंच जाएं तो?

तुम्हारे बारे में टीवी में कितने बढ़ियां-बढ़िया ऐड दिखाए गए, अब समझ आया कि वे सिर्फ झूठे लुभावने थे. तो क्या वे ऐड तुम्हारे बारे में झूठ बोल रहे थे. ऐड में तुम्हें पहनकर चमकने वाली लड़कियों के चेहरे का तेज झूठ था? अब समझ आया कि ऐड में तुम्हें पहनकर नाचती-खेलती जिन लड़कियों को देखकर हम तुम्हें बाजार से घर लाते थे, वह तो सच था ही नहीं.

हमें यकीन था कि तुम हमारे लिए लाभकारी हो इसलिए तो हमने कपड़ा छोड़कर हर महीने तुम्हारा इस्तेमाल किया 

मैं तो तुम्हारे बारे में सोचकर स्कूल के दिनों में पहुंच जाती हूं. जब पहली बार पीरियड हुआ था तो मैं तुम्हारे बारे में जानती भी नहीं थी. जब जाना तो यही समझाया गया कि तुम्हें दुनिया की नजरों से छिपाकर रखना है. तुम्हें खरीदने से पहले मेडिकल स्टोर पर सबके जाने का इंतजार करना है. फिर अखबार के पन्नों में लपेट कर काली पॉलिथीन में डालकर छिपा कर तुम्हें घर लाना है. भाई ने गलती से पूछ लिया कि तुम क्या खरीद कर लाई तो तो डर के मारे प्राण सूख जाते. पिताजी को शायद मालूम होता फिर भी वे ऐसे मुंह फेर लेते जैसे उन्हें कुछ नहीं पता. मां मुंह में आंचल दबाकर धीरे से बोलती दरवाजे पर ही खड़ी रहेगी या भीतर जाएगी.

डियर सेनेटरी पैड, मेरी एक सहेली जब कपड़ा इस्तेमाल करने की वजह से 4, 5 दिन स्कूल नहीं आई थी...तब तुम ही तो उसकी साथी बनी थी और वह क्लास में पिछड़ने से बच गई थी. स्कूल के फंक्शन में कितनी बार तुम्हारे साथ हमने डांस किया था.

एक तुम ही तो हो जो उन दिनों में हमारा साथ देती हो. वरना मितली आना, पैरों में ऐंठन होना कमर में दर्द, औऱ ब्रेस्ट पेन को कोई पुरुष नहीं समझता ना हम लड़कियां समझा पाती हैं. मगर माफ करना अब तुम्हें ही लेकर हमारे मन में शंका पैदा हो गई है.

तुमने हमें हौसाल दिया, उतना नहीं जितना टीवी के विज्ञापनों में दिखाया जाता है मगर तुम्हें इस्तेमाल कर हम लड़कियां सहज तो हो ही जाती हैं. तुम हम लड़कियों की पक्की सहेली हो जो स्कूल के दिनों से लेकर कॉलेज, और ऑफिस तक साथ हो. अब तुम्हारे बारे में बात करने में भले शर्म नहीं आती मगर बैग से बाथरूम तक का सफर अब भी तुम्हें छिपाकर ही तय किया जाता है. हमने तुम्हें जब पूरी तरह अपना लिया तब तुमने हमें दगा दे दिया?

जब पीरियड्स होता है तो तुम हर लड़की की साथिन बन जाती हो. उन्हें संभालती हो तभी तो वे दूसरी महिलाओं से तुम्हें इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं.

हमारे देश में अभी भी बहुत सी महिलाएं तुम्हारा इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं, ऐसे में तुम्हारे बारे में ये डरावनी खबर उन्हें डरा सकती है. उनके घरवालों को उन्हें तुमसे दूर रखने का बहाना मिल सकता है. ऐसे में तुमसे निवेदन है कि तुम जल्दी से बेहतर हो जाओ ताकि लड़कियां तुमसे दूर न हो सकें, क्योंकि तुम्हारे बिना अपने होने की कल्पना करना बड़ा ही डरावना है...

तुम्हें इस्तेमाल करने वाली तमाम लड़कियां...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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