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गोरा बच्चा पैदा हो इसलिए गर्भवती महिला को कैसे-कैसे टिप्स दे दिए जाते हैं

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 12 अप्रिल, 2022 09:20 PM
  • 12 अप्रिल, 2022 09:20 PM
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महिला के मां बनते ही लोगों इस बात की अपेक्षा करते हैं कि आने वाला बेबी बेटा ही होना चाहिए. वह गोरा भी होना चाहिए. इसलिए कमरे में बाल-गोपाल की मूर्ति रख दी जाती है. इसके बाद घर की दीवारों पर गोरे और सुंदर बच्चों के पोस्टर चिपकाए जाते हैं.

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा (Sania Mirza) के पति पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक ने खुलासा किया है कि गोरे बच्चे की खातिर सानिया ने प्रेग्नेंसी की दौरान सेब खाए थे. यदि वो यही बात बच्‍चे की सेहत को लेकर कहते तो शायद खटकता नहीं. दो पढ़े-लिखे जागरूक युवा, जो सोसायटी के लिए रोल मॉडल हैं, वे अपने बच्चे के रंग को लेकर ऐसा ख्याल करते हैं तो थोड़ा आश्चर्य होता है.

वैैैसे सानिया की कहानी कोई अनूठी नहीं है. हमारे घरों में जब किसी महिला के गर्भावस्था (pregnancy) के बारे में पता लगता है तो कई परिवारों में प्रार्थनाएं होने लगती हैं कि बेटा (baby boy) होना चाहिए. इसके बाद दूसरा ख्याल आता है कि बच्चा सुंदर और गोरा होना चाहिए. फिर बाकी की बातें. कुल मिलाकर घर के लोगों की यही चाहत होती है कि बेटा गोरा चिट्टा एकदम सुपस्टार की तरह दिखे. घर की महिलाएं होने वाली मां के लिए 10 तरह के उपाय बताती हैं कि क्या करने से पुत्ररत्न की प्राप्ति होगी? क्या खाने से बच्चे की काया उनके मन मुताबिक होगी.

गोरे बच्चे के लिए क्या जतन किए जाते हैं?

सबसे पहले तो दीवारों पर गोरे और सुंदर बच्चों के पोस्टर चिपकाए जाते हैं. जो कि लड़का ही होता है. इतने से भी मन नहीं भरता तो बेटा पैदा करने के नाम पर तरह-तरह की दवाइयां खिलाई जाती हैं, जिनका फायदा तो कुछ नहीं मिलता हां नुकसान जरूर होता है. मां बनने वाली महिला को अधिक से अधिक भोजन करने की सलाह दी जाती है, ताकि वह बेटा पैदा कर सके.

गूगल बाबा पर तो इस बारे में हजारों बातें बताई गईं हैं. यकीन ना हो तो बस 'गोरा बच्चा' शब्द को इंटरनेट पर सर्च करके देखिए. जिसमें सेब, दूध, नारियल, केसर, घी, सौंफ, संतरा, अनानास, पालक, बादाम, केला, ब्रोकली, गाजर का जूस, आंवला, अंडे का सफेद भाग और अंगूर का जूस पीने के की सलाह दी गई है. कई लोग आयुर्वेदिक दवाइयां भी लेते हैं.

टेनिस स्टार सानिया मिर्जा (Sania Mirza) के पति पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक ने खुलासा किया है कि गोरे बच्चे की खातिर सानिया ने प्रेग्नेंसी की दौरान सेब खाए थे. यदि वो यही बात बच्‍चे की सेहत को लेकर कहते तो शायद खटकता नहीं. दो पढ़े-लिखे जागरूक युवा, जो सोसायटी के लिए रोल मॉडल हैं, वे अपने बच्चे के रंग को लेकर ऐसा ख्याल करते हैं तो थोड़ा आश्चर्य होता है.

वैैैसे सानिया की कहानी कोई अनूठी नहीं है. हमारे घरों में जब किसी महिला के गर्भावस्था (pregnancy) के बारे में पता लगता है तो कई परिवारों में प्रार्थनाएं होने लगती हैं कि बेटा (baby boy) होना चाहिए. इसके बाद दूसरा ख्याल आता है कि बच्चा सुंदर और गोरा होना चाहिए. फिर बाकी की बातें. कुल मिलाकर घर के लोगों की यही चाहत होती है कि बेटा गोरा चिट्टा एकदम सुपस्टार की तरह दिखे. घर की महिलाएं होने वाली मां के लिए 10 तरह के उपाय बताती हैं कि क्या करने से पुत्ररत्न की प्राप्ति होगी? क्या खाने से बच्चे की काया उनके मन मुताबिक होगी.

गोरे बच्चे के लिए क्या जतन किए जाते हैं?

सबसे पहले तो दीवारों पर गोरे और सुंदर बच्चों के पोस्टर चिपकाए जाते हैं. जो कि लड़का ही होता है. इतने से भी मन नहीं भरता तो बेटा पैदा करने के नाम पर तरह-तरह की दवाइयां खिलाई जाती हैं, जिनका फायदा तो कुछ नहीं मिलता हां नुकसान जरूर होता है. मां बनने वाली महिला को अधिक से अधिक भोजन करने की सलाह दी जाती है, ताकि वह बेटा पैदा कर सके.

गूगल बाबा पर तो इस बारे में हजारों बातें बताई गईं हैं. यकीन ना हो तो बस 'गोरा बच्चा' शब्द को इंटरनेट पर सर्च करके देखिए. जिसमें सेब, दूध, नारियल, केसर, घी, सौंफ, संतरा, अनानास, पालक, बादाम, केला, ब्रोकली, गाजर का जूस, आंवला, अंडे का सफेद भाग और अंगूर का जूस पीने के की सलाह दी गई है. कई लोग आयुर्वेदिक दवाइयां भी लेते हैं.

शोएब ने खुलासा किया है कि सानिया मिर्जा ने गोरे बच्चे के लिए सेब खाए थे. इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

क्या न खाने की सलाह

बच्चा काला न हो जाए इसके लिए गर्भवती महिला को जामुन, बथुआ साग, चाय, कॉफी और चॉकलेट खाने के लिए मना कर दिया जाता है. हालांकि जामुन और साग के सेवन से बच्चे का रंग काला होता है यह कहीं साबित नहीं हुआ है.

सानिया मिर्जा ने गोरे बच्चे के लिए खाया सेब

निदा यासिर के शो में शोएब मलिक ने खुलासा किया कि सानिया ने गोरे बच्चे के लिए सेब खाए थे. मुझे लगता है कि यह नुस्खा काम कर गया क्योंकि बच्चा गोरा है. सानिया की मां ने उसे खूब सेब खिलाए थे. ऐसी कई महिलाओं ने हमें बताया कि प्रेगनेंसी के समय किसी ने केसर वाला दूध पिया तो किसी ने क्यूट बच्चों के पोस्टर लगाए. हैरानी तब होती है जब पढ़े-लिखे लोग भी इस मायाजाल में उलझ जाते हैं.

प्रेगनेंसी में अच्छा खाना, योग करना, अच्छी किताबे पढ़ना और टहलने में कोई बुराई नहीं है लेकिन यह इस सोच के साथ नहीं कि बेटा चाहिए. अगर ये सारी बातें सेहत को ध्यान में रखखर पूरी अच्छी बात है, लेकिन मन में गोरे बच्चे की अपेक्षा रखना गलत है. मान लीजिए इतना करने के बाद भी अगर बच्चा काला पैदा हो जाए तो, आप निराश हो जाएंगे और पैसा भी बर्बाद होगा. सोचना तो यह चाहिए कि बच्चा काला हो या गोरा, बेटा हो या बेटी बस स्वस्थ हो, क्योंकि आखिरकार वह संतान तो आपकी ही होगी.

हमारे देश में वैसे भी गोरे, काले, मोटे, पतले हर तरह के लोग रहते हैं. कई बार गोरे लोगों के भी बच्चे काले हो जाते हैं. बच्चे के जेंडर और उसके रंग को लेकर हमारे समाज में कूट-कूट बुराई भरी हुई है. जब सारा जमाना ही इसी के पीछे पागल है तो ऐसे में सानिया के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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