• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

सानिया मिर्जा का भारत-पाक को एक कैटेगरी में रखना गलत नहीं है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 02 अक्टूबर, 2018 12:13 PM
  • 02 अक्टूबर, 2018 12:13 PM
offline
टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा मां बनने वाली हैं और अपने आने वाले बच्चे के विषय में उन्होंने जो भी बातें कही हैं उसपर हम सबके अलावा दोनों ही देशों भारत और पाकिस्तान की सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए.

जल्द ही टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के घर में किलकारियां गूंजने वाली हैं. सानिया मिर्जा बहुत जल्द मां बनने वाली हैं. इस खुशी को जाहिर करते हुए सानिया का तर्क है कि उन्हें अपने अजन्मे बच्चे के जेंडर यानी लिंग की नहीं, बल्कि उसके अच्छे स्वास्थ्य की चिंता है, जिसके लिए वह लगातार दुआ कर रही हैं. 2010 में पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी कर घर बसाने वाली सानिया फिल्हाल अपनी प्रेग्नेंसी का आनंद ले रही हैं.

सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव और अक्सर ही अपनी बेबाक बातों से आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ने वाली सानिया अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रेगनेंसी से जुड़ी तस्वीरें शेयर कर रही हैं. दक्षिण से प्रकाशित होने वाले अखबार द सियायत डेली से हुई बातचीत में सानिया ने कहा है कि, "मैं होने वाली मां के रूप में सिर्फ अपने होने वाले बच्चे को ही नहीं, बल्कि सभी बच्चों को यह महत्वपूर्ण संदेश देना चाहूंगी कि अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करो. चाहे वह कितना भी मुश्किल या साधारण व्यक्ति की पहुंच से बाहर ही क्यों न हो, और खुद पर भरोसा करो.'

सानिया मिर्जा ने एक ऐसा मुद्दा उठाया है जिसपर देश के प्रत्येक नागरिक को ध्यान देना चाहिए

इसके अलावा होने वाले बच्चे के विषय में प्रश्न पूछे जाने पर सानिया ने ये भी कहा कि, जहां तक मेरे बच्चे का सवाल है तो मैं आशा करती हूं और इसके लिए प्रार्थना करती हूं कि वह एक स्वस्थ बच्चा हो. इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह लड़का है या लड़की है, जो कि आज कुछ लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है.

हो सकता है कि सानिया की इस बात को हम पढ़ें और पढ़कर नकार दें. या फिर ये भी हो सकता है कि इतनी अहम बात पर हमारा ध्यान ही न जाए. मगर जब सानिया द्वारा कही गई इस बात का गहनता से अवलोकन किया जाए. तो मिलेगा कि एक ऐसे देश में जहां बुनियादी...

जल्द ही टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के घर में किलकारियां गूंजने वाली हैं. सानिया मिर्जा बहुत जल्द मां बनने वाली हैं. इस खुशी को जाहिर करते हुए सानिया का तर्क है कि उन्हें अपने अजन्मे बच्चे के जेंडर यानी लिंग की नहीं, बल्कि उसके अच्छे स्वास्थ्य की चिंता है, जिसके लिए वह लगातार दुआ कर रही हैं. 2010 में पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी कर घर बसाने वाली सानिया फिल्हाल अपनी प्रेग्नेंसी का आनंद ले रही हैं.

सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव और अक्सर ही अपनी बेबाक बातों से आलोचकों के मुंह पर ताला जड़ने वाली सानिया अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रेगनेंसी से जुड़ी तस्वीरें शेयर कर रही हैं. दक्षिण से प्रकाशित होने वाले अखबार द सियायत डेली से हुई बातचीत में सानिया ने कहा है कि, "मैं होने वाली मां के रूप में सिर्फ अपने होने वाले बच्चे को ही नहीं, बल्कि सभी बच्चों को यह महत्वपूर्ण संदेश देना चाहूंगी कि अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करो. चाहे वह कितना भी मुश्किल या साधारण व्यक्ति की पहुंच से बाहर ही क्यों न हो, और खुद पर भरोसा करो.'

सानिया मिर्जा ने एक ऐसा मुद्दा उठाया है जिसपर देश के प्रत्येक नागरिक को ध्यान देना चाहिए

इसके अलावा होने वाले बच्चे के विषय में प्रश्न पूछे जाने पर सानिया ने ये भी कहा कि, जहां तक मेरे बच्चे का सवाल है तो मैं आशा करती हूं और इसके लिए प्रार्थना करती हूं कि वह एक स्वस्थ बच्चा हो. इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह लड़का है या लड़की है, जो कि आज कुछ लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है.

हो सकता है कि सानिया की इस बात को हम पढ़ें और पढ़कर नकार दें. या फिर ये भी हो सकता है कि इतनी अहम बात पर हमारा ध्यान ही न जाए. मगर जब सानिया द्वारा कही गई इस बात का गहनता से अवलोकन किया जाए. तो मिलेगा कि एक ऐसे देश में जहां बुनियादी चिकित्सकीय सुविधाओं का आभाव हो सानिया की ये बात गहरा महत्व रखती है और उन्होंने एक छोटी सी बात में बड़ा मुद्दा उठाया है.

बात भारत में चिकित्सा और स्वास्थ्य पर हो तो हमारे लिए ये बताना बेहद जरूरी है कि आज भारत का शुमार उन देशों में है जहां हर रोज 3000 बच्चे केवल कुपोषण के चलते मर जाते हैं. हो सकता है कि ये बात विचलित कर दे मगर सच यही है कि बीमारी के नाम पर आज देश में सबसे ज्यादा बच्चों की ही मौत के मामले सरकारी फाइलों में दर्ज हैं. इसके अलावा भारत में प्रतिदिन हजारों महिलाओं का प्रसव के दौरान मरना भी इस बात की तस्दीख कर देता है कि सानिया की चिंता जायज है और देश के प्रत्येक नागरिक को इसपर फिक्रमंद होना चाहिए.

स्वास्थ्य सेवाओं के मद्देनजर, यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन की बातों पर गौर करें तो मिलता है कि किसी भी देश की सरकार को देश के स्वास्थ्य पर अपनी जीडीपी का कम से कम 5 प्रतिशत खर्च करना चाहिए. इसे अगर भारत के सन्दर्भ में देखें तो भारत इस मामले में अभी कहीं पीछे हैं और वो स्वास्थ्य पर जीडीपी का केवल 1.2 प्रतिशत खर्च करता है.

अब जब मामला ऐसा हो और हालात ऐसे हों, तो कोई भी मां यही चाहेगी कि उसका बच्चा एक ऐसे परिवेश में जन्म ले जहां कम से कम उसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले. अंत में हम बस इतना कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि आज स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में भारत विश्व में 145 वें नंबर पर है. जबकि बात अगर सानिया मिर्ज़ा के सुसराल पाकिस्तान की हो तो स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में पाकिस्तान 149वें नंबर पर आता है.

अतःकुल मिलाकर बात का सार बस इतना है कि सानिया की चिंता जायज है. साथ ही उन्होंने एक ऐसा मुद्दा उठाया है जिसपर अवश्य ही दोनों देशों की सरकारों को ध्यान देना चाहिए और उस दिशा में काम करते हुए कुछ सकारात्मक करना चाहिए ताकि कोई भी मां अपने बच्चे के जन्म के पूर्व कम से कम इस बात को सोचकर टेंशन न ले.

ये भी पढ़ें -

ओह! सानिया तुमने ये क्‍या किया...

सानिया मिर्जा को खेल रत्न दिए जाने का विवाद क्या जायज है?

सानिया ने दिया हमें गर्व करने का एक और मौका


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲