राजनीति से इतर की एक दुनिया है जहां सिर्फ मां और बेटे हैं. इस तस्वीर को वह इंसान समझ सकता है, जिसके पास सिर्फ मां हो. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ऐसी तीन तस्वीरें अपनी कहानी खुद बयां कर रही हैं. जब राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की परवाह करते दिख रहे हैं. आपको ऐसा नेता चाहिए या नहीं चाहिए, यह फैसला आपका है...मगर ऐसा बेटा सभी को चाहिए जो मां का इतना सम्मान करता है, जो मां से इतना स्नेह करता है. भारत जोड़ो यात्रा की इस तस्वीरों को देखककर आपके मन में सबसे पहला ख्याल क्या आया, इसका जवाब खुद को ईमानदारी से दीजिए. यह तस्वीर सिर्फ एक मार्मिक दृश्य है, जिसमें कोई छलावा नहीं है.
राहुल गांधी को आप नेता माने या ना मानें, मगर इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि वे एक बेटे का फर्ज निभाना जानते हैं. जी हां आप इन्हें पप्पू कहकर चिढ़ाते रहें मगर यह तो आपको भी मानना पड़ेगा कि वे एक अच्छे बेटे हैं. जो कहीं भी रहें, कितनी भी भीड़ में रहें मगर मां की चिंता उनके मन में लगी रहती है. यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि हमारे पास ऐसे तीन मौको की तस्वीरें हैं जो कह रही हैं कि मेरी मां के बराबर कोई नहीं...
पहली तस्वीर कर्नाटक के मांड्या जिले की "भारत जोड़ो यात्रा" से आई है. असल में ऐसा पहला मौका था जब सोनिया गांधी इस यात्रा में शामिल हुई थीं. इस दौरान सोनिया गांधी के जूते ढीले हो गए थे. राहुल गांधी की जब नजर गई तो वे फौरन जमीन पर पर बैठ गए और मां के चरणो में झुककर उनके जूतों के फीते बांधने लगे. इतना ही नहीं सोनिया गांधी के 10 मिनट पैदल चलने के बाद इन्होंने मां से यात्रा से लौटने को कहा. उन्हें पता था कि मां को अब आराम कर लेना चाहिए. इस...
राजनीति से इतर की एक दुनिया है जहां सिर्फ मां और बेटे हैं. इस तस्वीर को वह इंसान समझ सकता है, जिसके पास सिर्फ मां हो. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ऐसी तीन तस्वीरें अपनी कहानी खुद बयां कर रही हैं. जब राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की परवाह करते दिख रहे हैं. आपको ऐसा नेता चाहिए या नहीं चाहिए, यह फैसला आपका है...मगर ऐसा बेटा सभी को चाहिए जो मां का इतना सम्मान करता है, जो मां से इतना स्नेह करता है. भारत जोड़ो यात्रा की इस तस्वीरों को देखककर आपके मन में सबसे पहला ख्याल क्या आया, इसका जवाब खुद को ईमानदारी से दीजिए. यह तस्वीर सिर्फ एक मार्मिक दृश्य है, जिसमें कोई छलावा नहीं है.
राहुल गांधी को आप नेता माने या ना मानें, मगर इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि वे एक बेटे का फर्ज निभाना जानते हैं. जी हां आप इन्हें पप्पू कहकर चिढ़ाते रहें मगर यह तो आपको भी मानना पड़ेगा कि वे एक अच्छे बेटे हैं. जो कहीं भी रहें, कितनी भी भीड़ में रहें मगर मां की चिंता उनके मन में लगी रहती है. यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि हमारे पास ऐसे तीन मौको की तस्वीरें हैं जो कह रही हैं कि मेरी मां के बराबर कोई नहीं...
पहली तस्वीर कर्नाटक के मांड्या जिले की "भारत जोड़ो यात्रा" से आई है. असल में ऐसा पहला मौका था जब सोनिया गांधी इस यात्रा में शामिल हुई थीं. इस दौरान सोनिया गांधी के जूते ढीले हो गए थे. राहुल गांधी की जब नजर गई तो वे फौरन जमीन पर पर बैठ गए और मां के चरणो में झुककर उनके जूतों के फीते बांधने लगे. इतना ही नहीं सोनिया गांधी के 10 मिनट पैदल चलने के बाद इन्होंने मां से यात्रा से लौटने को कहा. उन्हें पता था कि मां को अब आराम कर लेना चाहिए. इस तस्वीर को कांग्रेस ने मां कैप्शन के साथ शेयर किया है. जो देखते ही देखते वायरल हो गई. इस तस्वीर पर लोगों ने प्यार लुटाया, क्योंकि सच में यह एक अच्छी तस्वीर है.
दूसरी तस्वीर उस समय की है जब कांग्रेस ने नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में राजघाट पर सत्याग्रह किया था. उस वक्त दिल्ली में सर्दी कहर बरपा रही थी. उस समय सोनिया गांधी अगुवाई कर रही थीं. ठंड की वजह से वे पहले से स्वेटर और शॉल पहने हुई थीं. मगर जैसे-जैसे शाम होते गई सर्दी भी बढ़ते गई और सोनिया गांधी को भी ठंड लगने लगी. राहुल गांधी को जब आभास हुआ तो उन्होंने अपने पास में रखी शॉल को मां को ओढ़ा दिया. तब जाकर सोनिया गांधी को राहत मिली. बेटे का प्यार देखकर वो भी मुस्कुराने लगीं.
तीसरी तस्वीर उस समय की है जब राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद राहुल गांधी ने मां को नमस्ते किया. उनकी तरफ आगे बढ़े और मंच पर ही मां को गले लगाकर उनके माथे को चूम लिया. इसके बाद सोनिया गांधी ने भी बेटे को गले लगा लिया. यह पल बेहद भावकु करने वाले था.
इन तस्वीरों के जरिए यह देखा जा सकता है कि राहुल गांधी हमेशा से ही मां को लेकर सजग रहे हैं. एक नेता होने के साथ ही साथ वो इस बात का ध्यान रखते हैं कि वे किसी के बेटे हैं. इन तस्वीरों में मां के लिए राहुल गांधी का प्यार और फिक्र दिख रही है. राजनीति, पक्ष और विपक्ष अपनी जगह है और ये तस्वीरें अपनी जगह हैं...जो सिर्फ वात्सल्य भाव से ओत-प्रोत हैं. सच में मां के चरणों में पूरा संसार समाहित है. यह वह भाव है जिसके बारे में लिखा नहीं जा सकता, सिर्फ समझा जा सकता है. आपको राहुल गांधी की तस्वीरें कैसी लगी?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.