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एक महिला की 'पुलिसिया लिंचिंग' का वीडियो रोंगटे खड़े कर देता है

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 28 सितम्बर, 2018 01:04 PM
  • 28 सितम्बर, 2018 01:04 PM
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पंजाब के अमृतसर में पुलिस ने एक महिला को गाड़ी की छत पर बांधकर घुमाया. महिला गाड़ी की छत से गिर गई, जिसकी वजह से वह घायल हो गई है. पुलिस की ये करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है.

जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो हमें कौन बचाएगा? पंजाब पुलिस का ऐसा ही एक डरावना चेहरा सामने आया है. पंजाब के अमृतसर में पुलिस ने एक महिला को गाड़ी की छत पर बांधकर घुमाया. महिला गाड़ी की छत से गिर गई, जिसकी वजह से वह घायल हो गई है. पुलिस की ये करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है और इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. वीडियो देखकर आप भी यही कहेंगे कि किसी भी महिला के साथ इतने क्रूर तरीके से पेश आना इंसानियत का गला घोंटने जैसा है. पहले देखिए घटना का वीडियो.

क्या है मामला?

यह मामला अमृतसर के मजीठा कस्बे का है. पुलिस मजीठा के चविंडी गांव में एक को पकड़ने गई थी. पुलिस पर आरोप है कि जब वह युवक घर पर नहीं मिला तो पुलिस ने उसकी पत्नी के साथ बदसलूकी की. पुलिस की महिला के साथ काफी कहासुनी हुई, जिसके बाद वह महिला को अपने साथ ले गए और गाड़ी की छत पर बांधकर पूरे गांव में घुमाया. ये सब देख वहां पर गांव के काफी सारे लोग भी जुट गए और इसी बीच एक मोड़ पर महिला गाड़ी के ऊपर से गिर गई और उसे चोट भी लग गई. इसके बाद पुलिसवाले महिला को छोड़कर भाग गए.

पंजाब के अमृतसर में पुलिस ने एक महिला को गाड़ी की छत पर बांधकर घुमाया.

यूं तो महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिसवाले उसके पति को बिना किसी बात के ही पकड़ने गए थे, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उस महिला के पति को पुलिस क्यों पकड़ने गई थी. खैर, अगर मान लें कि पति ने कोई अपराध किया भी था, तो सजा उसकी पत्नी को क्यों? और ऐसी सजा... गाड़ी की छत पर बांध कर घुमाना... महिला सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस का ये खौफनाक चेहरा है, जो दिखाता है कि वह जनता की रक्षा नहीं कर रहे, बल्कि जनता को ही परेशान कर रहे हैं.

पुलिस की क्रूरता का एक और वीडियो

मेरठ में एक मेडिकल की छात्रा के साथ...

जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो हमें कौन बचाएगा? पंजाब पुलिस का ऐसा ही एक डरावना चेहरा सामने आया है. पंजाब के अमृतसर में पुलिस ने एक महिला को गाड़ी की छत पर बांधकर घुमाया. महिला गाड़ी की छत से गिर गई, जिसकी वजह से वह घायल हो गई है. पुलिस की ये करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है और इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. वीडियो देखकर आप भी यही कहेंगे कि किसी भी महिला के साथ इतने क्रूर तरीके से पेश आना इंसानियत का गला घोंटने जैसा है. पहले देखिए घटना का वीडियो.

क्या है मामला?

यह मामला अमृतसर के मजीठा कस्बे का है. पुलिस मजीठा के चविंडी गांव में एक को पकड़ने गई थी. पुलिस पर आरोप है कि जब वह युवक घर पर नहीं मिला तो पुलिस ने उसकी पत्नी के साथ बदसलूकी की. पुलिस की महिला के साथ काफी कहासुनी हुई, जिसके बाद वह महिला को अपने साथ ले गए और गाड़ी की छत पर बांधकर पूरे गांव में घुमाया. ये सब देख वहां पर गांव के काफी सारे लोग भी जुट गए और इसी बीच एक मोड़ पर महिला गाड़ी के ऊपर से गिर गई और उसे चोट भी लग गई. इसके बाद पुलिसवाले महिला को छोड़कर भाग गए.

पंजाब के अमृतसर में पुलिस ने एक महिला को गाड़ी की छत पर बांधकर घुमाया.

यूं तो महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिसवाले उसके पति को बिना किसी बात के ही पकड़ने गए थे, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उस महिला के पति को पुलिस क्यों पकड़ने गई थी. खैर, अगर मान लें कि पति ने कोई अपराध किया भी था, तो सजा उसकी पत्नी को क्यों? और ऐसी सजा... गाड़ी की छत पर बांध कर घुमाना... महिला सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस का ये खौफनाक चेहरा है, जो दिखाता है कि वह जनता की रक्षा नहीं कर रहे, बल्कि जनता को ही परेशान कर रहे हैं.

पुलिस की क्रूरता का एक और वीडियो

मेरठ में एक मेडिकल की छात्रा के साथ पुलिस ने बहुत ही बुरा बर्ताव किया. लड़की के मुताबिक वह अपने दोस्त के घर पढ़ने गई थी, लेकिन तभी वहां वीएचपी के लोग पहुंच गए और दोनों के साथ मारपीट की. इसके बाद दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद शुरू हुई पुलिस की क्रूरता. गाड़ी में लड़की के साथ मारपीट की गई और उसे कथित रूप से कहा गया कि मुस्लिम लड़के से दोस्ती ठीक नहीं है. शर्म की बात तो ये है कि गाड़ी में लड़की से मारपीट करने वाली भी एक महिला ही थी. पुलिसवालों की गुंडागर्दी किस कदर बढ़ गई है, इसका अंदाजा तो इसी बात से चलता है कि उन्होंने इस पूरी घटना का एक वीडियो बनाकर इंटरनेट पर भी डाल दिया.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के 2016 की रिपोर्ट को देखें तो हर घंटे 39 महिलाओं के खिलाफ अपराध की कोई न कोई घटना हुई है. 2016 में जहां एक ओर महिलाओं पर होने वाले अपराध की दर सबसे अधिक 55.2 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, वहीं दूसरी ओर दोषी साबित होने की दर सबसे कम 18.9 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. अब अगर खुद पुलिस की महिलाओं पर जुल्म करेगी या अपनी आंखों के सामने जुल्म होने देगी, तो दोषी कहां से पकड़े जाएंगे? पुलिस को जनता के मित्र की भूमिका अदानी चाहिए, लेकिन वह अपराधियों के मददगार बने हुए हैं. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय ने एक नया विभाग भी बनाया है, लेकिन क्या फायदा? अगर बहू-बेटियों पर खुद पुलिस की अत्याचार करेगी तो 'बेटी बचाओ' की बात करना भी बेमानी होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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