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कैसे पता चलेगा कि Omicron ने शरीर में कर ली है एंट्री? आखिर क्या हैं बीमारी के लक्षण

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 दिसम्बर, 2021 04:47 PM
  • 05 दिसम्बर, 2021 04:47 PM
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Omicron Variant ने पूरी दुनिया के साथ साथ भारत को भीं चिंता में डाल दिया है तो आइये नजर डालें उन लक्षणों पर जो यदि हमें अपने अंदर दिखाई देते हैं तो हमें न केवल गंभीर हो जाना चाहिए बल्कि उनकी टेस्टिंग के बाद लोगों से दूरी भी बना लेनी चाहिए,

कोरोना वायरस का अपडेटेड वर्जन यानी ओमिक्रॉन वैरिएंट संपूर्ण विश्व में लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है. ताजे वेरिएंट ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है बल्कि एक बड़ा सवाल भी हमारे सामने मुंह बाये खड़ा है कि क्यावैक्सिनेशन के बावजूद निकट भविष्य में हमें कोरोना वायरस से मुक्ति नहीं मिल पाएगी? इस प्रश्न के यूं तो कई नकारात्मक जवाब मिल सकते हैं लेकिन एक बड़ी सच्चाई यही है कि यदि समय रहते सावधानी बरत ली जाए तो नए ओमिक्रॉन वैरिएंट को बड़ी ही आसानी के साथ इसे शिकस्त दी जा सकती है. क्योंकि भारत के कर्नाटक में ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले आ चुके हैं तो कहीं न कहीं हमारे लिए भी जरूरी हो जाता है कि हम इस वेरिएंट को पहचानें और उसी पहचान को आधार बनाकर इससे लड़ने के नए तरीके खोजें.

तो कुछ और बात करने से पहले हमारे लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षण को जान लेना बहुत जरूरी है. ओमिक्रॉन को समझ लेना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इसे समझने के बाद ही इससे बचने के तरीके खोजना संभव है. तो आइए जानें कि क्या हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षण और किस तरह इसकी पहचान कर इससे बचा जा सकता है.

सिर्फ सावधानी ही वो तरीका है जिसे अपनाकर ओमिक्रॉन वेरिएंट को बड़ी ही आसानी के साथ पराजित किया जा सकता है

जैसा कि हम बता चुके हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले कर्नाटक में देखे गए हैं तो इसके लक्षण समझने के लिए हमें 46 साल के उस डॉक्टर का रुख करना पड़ेगा जो इस बीमारी की चपेट में आया है. डॉक्टर के विषय में दिलचस्प ये है कि वे एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं और इसमें भी हैरत में डालने वाली बात ये है कि उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है.

46 साल के डॉक्टर के अनुसार अभी बीते दिनों उन्हें बहुत अधिक थकान, कमजोरी और बुखार जैसे लक्षण दिखे जिसे उन्होंने गंभीरता...

कोरोना वायरस का अपडेटेड वर्जन यानी ओमिक्रॉन वैरिएंट संपूर्ण विश्व में लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है. ताजे वेरिएंट ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है बल्कि एक बड़ा सवाल भी हमारे सामने मुंह बाये खड़ा है कि क्यावैक्सिनेशन के बावजूद निकट भविष्य में हमें कोरोना वायरस से मुक्ति नहीं मिल पाएगी? इस प्रश्न के यूं तो कई नकारात्मक जवाब मिल सकते हैं लेकिन एक बड़ी सच्चाई यही है कि यदि समय रहते सावधानी बरत ली जाए तो नए ओमिक्रॉन वैरिएंट को बड़ी ही आसानी के साथ इसे शिकस्त दी जा सकती है. क्योंकि भारत के कर्नाटक में ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले आ चुके हैं तो कहीं न कहीं हमारे लिए भी जरूरी हो जाता है कि हम इस वेरिएंट को पहचानें और उसी पहचान को आधार बनाकर इससे लड़ने के नए तरीके खोजें.

तो कुछ और बात करने से पहले हमारे लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षण को जान लेना बहुत जरूरी है. ओमिक्रॉन को समझ लेना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इसे समझने के बाद ही इससे बचने के तरीके खोजना संभव है. तो आइए जानें कि क्या हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षण और किस तरह इसकी पहचान कर इससे बचा जा सकता है.

सिर्फ सावधानी ही वो तरीका है जिसे अपनाकर ओमिक्रॉन वेरिएंट को बड़ी ही आसानी के साथ पराजित किया जा सकता है

जैसा कि हम बता चुके हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले कर्नाटक में देखे गए हैं तो इसके लक्षण समझने के लिए हमें 46 साल के उस डॉक्टर का रुख करना पड़ेगा जो इस बीमारी की चपेट में आया है. डॉक्टर के विषय में दिलचस्प ये है कि वे एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं और इसमें भी हैरत में डालने वाली बात ये है कि उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है.

46 साल के डॉक्टर के अनुसार अभी बीते दिनों उन्हें बहुत अधिक थकान, कमजोरी और बुखार जैसे लक्षण दिखे जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया और अपना टेस्ट कराया जोकि पॉजिटिव आया. रिपोर्ट्स पर यक़ीन करें तो उनकी साइकिल थ्रेशहोल्ड वैल्यू (CT value) कम थी जिसके बाद उनका सैंपल लैब भेजा गया. इनके संपर्क में आए 5 लोगों का भी टेस्ट पॉजिटिव आया है.

चूंकि इस बार वायरस का केंद्र दक्षिण अफ्रीका रहा है ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों नें ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर कुछ बेहद अहम जानकारियां साझा की हैं. दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वैरिएंट के लक्षण बहुत गंभीर नहीं हैं. हालांकि, हल्के लक्षण होने की वजह से अधिकतर लोगों को इसका पता नहीं चल पाता है और संक्रमण के आसानी से फैलने की संभावना रहती है. इसलिए अगर आपको उपरोक्त बताई बातों में से कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो आप बिना देर लगाए अपना टेस्ट अवश्य कराइये.

भारत में बीमारी का केंद्र कर्नाटक है तो कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने भी ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर कुछ बेहद जरूरी बातें की हैं. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि, 'अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि ओमिक्रॉन कैसे फैलता है. हालांकि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सभी 6 मामलों की पहचान कर ली गई है और इनमें कोई बड़ी दिक्कत नहीं पाई गई है. जैसा कि हमने डेल्टा वैरिएंट में सांस लेने जैसी गंभीर समस्या देखी थी, ओमिक्रॉन में फिलहाल कोई ऐसा लक्षण नहीं देखा गया है. इसके लक्षण बहुत हल्के हैं.'

भले ही स्वास्थ्य मंत्री से लेकर रिपोर्ट्स तक हर कोई एक सुर में बार बार इस बात को दोहरा रहा हो कि इस वेरिएंट के लक्षण बहुत हल्के हैं लेकिन बावजूद इसके इसे हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए. कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में ओमिक्रॉन के मामले और अधिक हो सकते हैं क्योंकि जो दूसरा व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है, उसकी कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं थी. सभी मामलों में कोई खास लक्षण नहीं देखे गए हैं.

वहीं ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर एक्सपर्ट्स की बातों ने लोगों की बेचैनी में इजाफा किया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक सभी मामलों में CT value कम पाई गई है यही वजह है कि सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के पॉजिटिव रिजल्ट को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है. यानी अब जीनोम सिक्वेंसिंग ही इस बात का निर्धारण करेगी कि लोगों को वाक़ई ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर गंभीर होना चाहिए या फिर इसे हल्के में लेना चाहिए.

गौरतकब है कि भले ही WHO ने भी ओमिक्रॉन वेरिएंट को गंभीर मानते हुए इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की संज्ञा दे दी हो लेकिन क्यों कि अभी ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर ठीक ठाक जानकारी हमारे पास नहीं है इसलिए कयासों पर भरोसा करना मजबूरी कम ज़रूरत ज्यादा है. आज भले ही लोग इस नए ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर डरे हों लेकिन कहा यही जा सकता है कि इससे बचाव संभव है.

बचाव कुछ वैसा ही है जैसा हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान देखा. जिस तरह उसे हम वास्तविकता में लेकर आए. अंत में हम बस ये कहकर अपने द्वारा कही तमाम बातों को विराम देंगे कि जानकारी और जागरूकता के जरिये ही कोविड और उसके भाई बंधुओं को परास्त किया जा सकता है. वक़्त आ गया है कि लोगों को सरकार के नहीं बल्कि अपने भरोसे होना होगा और अपनी और अपने परिवार की हिफाजत करनी होगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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