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जहीरुद्दीन की बीवी के लिए बुर्का पहनना अब मजबूरी है!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 13 दिसम्बर, 2022 04:08 PM
  • 13 दिसम्बर, 2022 03:58 PM
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एक दिन जहीरुद्दीन के खाने में बाल निकल गया. इसके बाद वह गुस्से से पागल हो गया. वह सीमा पर चिल्लाने लगा. उसने सीमा को मारा-पीटा और उसके हाथ-पैर बांध दिए. इसके बाद उसने सीमा के मुंह में कपड़ा ठूसा और ट्रिमर मशीन से उसके सारे बाल काटकर उसे गंजा कर दिया.

यूपी के पीलीभीत (Pilibhit) की रहने वाली सीमा अब बिना बुर्का पहने किसी के सामने नहीं जा पाएगी. ऐसा करना उसकी धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि अब एक मजबूरी है. इस मजबूरी की वजह कोई औऱ नहीं उसका शौहर जहीरुद्दीन है. वह शौहर जिस पर सीमा ने सबकुछ कुर्बान कर दिया. उसके सामने वह खुद को भूल गई. दिन रात उसकी सेवा में लग गई. उसके पसंना-नापसंद का ख्याल रखा. उसे अपनी दुनिया मान ली. पिछले 5 सालों से शायद वह इसी कोशिश में थी कि एक दिन जहीरुद्दीन सुधर जाएगा. देखते-देखते बच्चा भी हो गया. लोग झूठ कहते हैं कि बच्चा हो जाने के बाद सबुकुछ ठीक हो जाता है, क्योंकि जहीरुद्दीन तो जस का तस रहा.

सीमा इतना कुछ करने के बदले में अपने शौहर से थोड़ा प्यार औऱ सम्मान पाने के लिए तरसती रही. मगर लगता है कि जहीरुद्दीन ने महिलाओं का सम्मान करना सीखा ही नहीं. वह तो अपनी बीवी को घर की नौकरानी समझने लगा. वह छोटी-छोटी बात पर सीमा पर चिल्ला देता. उसे गाली देता, उसकी पिटाई करता औऱ दहेज की मांग करता. उसे शायद लगता कि औऱत पर चिल्लाना पति का अधिकार है. वैसे भी बीवियों के बारे में कहावत है कि औरत तो मर्द के पैरों की जूती है. जब मन करे रौंद दों, जब मन करे झाड़कर पहन लो.

जहीरुद्दीन के खाने में बाल निकलने के बाद वह गुस्से से पालग हो गया

एक दिन जहीरुद्दीन के खाने में बाल निकल गया. इसके बाद वह गुस्से से पागल हो गया. वह सीमा पर चिल्लाने लगा. उसने सीमा को मारा-पीटा और उसके हाथ-पैर बांध दिए. इसके बाद जहीरुद्दीन ने सीमा के मुंह में कपड़ा ठूसा ताकि वह शोर न मचा सके और ट्रिमर मशीन से उसके सारे बाल काटकर उसे गंजा कर दिया. इतना ही नहीं, अपनी मर्दानिगी दिखाने के लिए उसने सीमा का यौन शोषण करने की कोशिश की. इस बीच किसी पड़ोसी ने सीमा के पिता को घटना की जानकारी दी. वे सीमा के पास पहुंचे तो...

यूपी के पीलीभीत (Pilibhit) की रहने वाली सीमा अब बिना बुर्का पहने किसी के सामने नहीं जा पाएगी. ऐसा करना उसकी धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि अब एक मजबूरी है. इस मजबूरी की वजह कोई औऱ नहीं उसका शौहर जहीरुद्दीन है. वह शौहर जिस पर सीमा ने सबकुछ कुर्बान कर दिया. उसके सामने वह खुद को भूल गई. दिन रात उसकी सेवा में लग गई. उसके पसंना-नापसंद का ख्याल रखा. उसे अपनी दुनिया मान ली. पिछले 5 सालों से शायद वह इसी कोशिश में थी कि एक दिन जहीरुद्दीन सुधर जाएगा. देखते-देखते बच्चा भी हो गया. लोग झूठ कहते हैं कि बच्चा हो जाने के बाद सबुकुछ ठीक हो जाता है, क्योंकि जहीरुद्दीन तो जस का तस रहा.

सीमा इतना कुछ करने के बदले में अपने शौहर से थोड़ा प्यार औऱ सम्मान पाने के लिए तरसती रही. मगर लगता है कि जहीरुद्दीन ने महिलाओं का सम्मान करना सीखा ही नहीं. वह तो अपनी बीवी को घर की नौकरानी समझने लगा. वह छोटी-छोटी बात पर सीमा पर चिल्ला देता. उसे गाली देता, उसकी पिटाई करता औऱ दहेज की मांग करता. उसे शायद लगता कि औऱत पर चिल्लाना पति का अधिकार है. वैसे भी बीवियों के बारे में कहावत है कि औरत तो मर्द के पैरों की जूती है. जब मन करे रौंद दों, जब मन करे झाड़कर पहन लो.

जहीरुद्दीन के खाने में बाल निकलने के बाद वह गुस्से से पालग हो गया

एक दिन जहीरुद्दीन के खाने में बाल निकल गया. इसके बाद वह गुस्से से पागल हो गया. वह सीमा पर चिल्लाने लगा. उसने सीमा को मारा-पीटा और उसके हाथ-पैर बांध दिए. इसके बाद जहीरुद्दीन ने सीमा के मुंह में कपड़ा ठूसा ताकि वह शोर न मचा सके और ट्रिमर मशीन से उसके सारे बाल काटकर उसे गंजा कर दिया. इतना ही नहीं, अपनी मर्दानिगी दिखाने के लिए उसने सीमा का यौन शोषण करने की कोशिश की. इस बीच किसी पड़ोसी ने सीमा के पिता को घटना की जानकारी दी. वे सीमा के पास पहुंचे तो जहीरुद्दीन ने उनके साथ भी मारपीट की.

अब सीमा के सहने की सीमा पार हो गई. उसने पुलिस थाने जाने की ठानी. मगर उसे अपने ऊपर शर्म आ रही थी. वह खुद को शीशे में देख नहीं पा रही थी. इसलिए उसने बुर्का उठाया औऱ अपने सिर को ढकते हुए पहन लिया. अब सीमा के लिए बुर्का पहनना मजबूरी हो गई क्योंकि वह अपना गंजा सिर किसी को दिखाना नहीं चाहती थी. वह उसी हाल में पुलिस स्टेशन पहुंचीं और पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. जब सीमा ने पुलिस के सामने अपने सिर से बुर्का हटाया तो वे लोग भी हैरान रह गए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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