• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

पढ़ाई का ऐसा भी क्या प्रेशर कि मां अपनी बेटी से रिश्ता भूल जाए

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 26 अक्टूबर, 2020 03:42 PM
  • 26 अक्टूबर, 2020 03:42 PM
offline
ऑनलाइन क्लासेस के दौरान, टीचर के सवाल का जवाब न देने पर मुंबई में जो कुछ महिला ने अपनी बच्ची के साथ किया. उस पर हैरत इसलिए नहीं होनी चाहिए क्योंकि अब वक्त ही ऐसा है, जब हमने बच्चों को ऐसी मशीन मान लिया है. जिसके अंदर से नंबर, ग्रेड और सवालों के जवाब निकलते हैं.

गुरुकुल पद्धति से चली शिक्षा वर्तमान में इंटरनेशनल स्कूलों और विदेश तक पहुंच गयी है. हम ग्लोबल हुए तो शिक्षा ने भी अपना स्वरूप बदला और अब बात सिर्फ शिक्षित रहने तक नहीं है. मौजूदा वक्त में एजुकेशन स्टेटस सिंबल और बच्चे उस स्टेटस को पूरा करने का जरिया हैं. जैसे हालात हैं मानव कुछ इस हद तक मशीनी हो गया है कि उसे इस बात का एहसास ही नहीं रहा कि सिर्फ चंद नम्बर्स और कुछ ग्रेड्स की होड़ में वो कुछ ऐसा कर जाएगा जो संपूर्ण मानव सभ्यता को शर्मसार करेगा. मुंबई का मामला भी कुछ ऐसा ही है. ऑनलाइन क्लासेज के दौरान मुंबई में जो एक मां ने अपनी बेटी के साथ किया वो न सिर्फ मानवता और बचपन पर सवाल करता है बल्कि ये भी बताता है कि हम अपने बच्चे को रेस जीतने वाले घोड़े से ज्यादा कुछ नहीं समझते हैं. मुंबई में 35 साल की एक महिला ने ऑनलाइन क्लास के दौरान शिक्षक द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने में नाकाम रही अपनी छठी क्लास में पढ़ने वाली 12 साल की बेटी को कई बार पेंसिल घोंपी और उसे काटा.

मुंबई में पढ़ाई के नाम पर जो मां ने बेटी के साथ किया शर्मनाक है

खबर अंग्रेजी अखबार मुंबई मिरर के हवाले से है. घटना बीते दिनों की बताई जा रही है. खबर के अनुसार 35 साल की एक महिला, ऑनलाइन क्लास के दौरान टीचर द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने में नाकाम रही बेटी पर कुछ इस तरह खफा हुई कि उसने उसे कई बार पेंसिल घोंपी. महिला का गुस्सा किस हद तक था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बच्ची के शरीर पर दांतों के निशान भी पाए गए हैं. यानी महिला ने अपनी बेटी को खूब जमकर दांत भी काटे.

जिस समय ये घटनाक्रम घर मे चल रहा था और महिला अपनी बच्ची को मार काट रही थी. उसकी छोटी बहन भी घर में मौजूद थी. मां के इस रूप को देखकार बच्ची सन्न रह गयी और आनन फानन में उसने चाइल्ड...

गुरुकुल पद्धति से चली शिक्षा वर्तमान में इंटरनेशनल स्कूलों और विदेश तक पहुंच गयी है. हम ग्लोबल हुए तो शिक्षा ने भी अपना स्वरूप बदला और अब बात सिर्फ शिक्षित रहने तक नहीं है. मौजूदा वक्त में एजुकेशन स्टेटस सिंबल और बच्चे उस स्टेटस को पूरा करने का जरिया हैं. जैसे हालात हैं मानव कुछ इस हद तक मशीनी हो गया है कि उसे इस बात का एहसास ही नहीं रहा कि सिर्फ चंद नम्बर्स और कुछ ग्रेड्स की होड़ में वो कुछ ऐसा कर जाएगा जो संपूर्ण मानव सभ्यता को शर्मसार करेगा. मुंबई का मामला भी कुछ ऐसा ही है. ऑनलाइन क्लासेज के दौरान मुंबई में जो एक मां ने अपनी बेटी के साथ किया वो न सिर्फ मानवता और बचपन पर सवाल करता है बल्कि ये भी बताता है कि हम अपने बच्चे को रेस जीतने वाले घोड़े से ज्यादा कुछ नहीं समझते हैं. मुंबई में 35 साल की एक महिला ने ऑनलाइन क्लास के दौरान शिक्षक द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने में नाकाम रही अपनी छठी क्लास में पढ़ने वाली 12 साल की बेटी को कई बार पेंसिल घोंपी और उसे काटा.

मुंबई में पढ़ाई के नाम पर जो मां ने बेटी के साथ किया शर्मनाक है

खबर अंग्रेजी अखबार मुंबई मिरर के हवाले से है. घटना बीते दिनों की बताई जा रही है. खबर के अनुसार 35 साल की एक महिला, ऑनलाइन क्लास के दौरान टीचर द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने में नाकाम रही बेटी पर कुछ इस तरह खफा हुई कि उसने उसे कई बार पेंसिल घोंपी. महिला का गुस्सा किस हद तक था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बच्ची के शरीर पर दांतों के निशान भी पाए गए हैं. यानी महिला ने अपनी बेटी को खूब जमकर दांत भी काटे.

जिस समय ये घटनाक्रम घर मे चल रहा था और महिला अपनी बच्ची को मार काट रही थी. उसकी छोटी बहन भी घर में मौजूद थी. मां के इस रूप को देखकार बच्ची सन्न रह गयी और आनन फानन में उसने चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 पर फोन करके मामले की जानकारी दी.बताया जा रहा है कि चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर पर फोन करने वाली ये बच्चे इस पूरे मामले की एकलौती चश्मदीद गवाह है.

गौरतलब है कि हेल्पलाइन पर फोन रिसीव होने के बाद एक NGO के दो लोग फौरन ही मां की ज्यादतियों का शिकार हुई पीड़ित बच्ची से मिलने उसके घर आए और मां से बात करने और उसकी काउंसलिंग करने का प्रयास किया. महिला अपनी जिद पर अड़ी थी. उसे किसी से बात नहीं करनी थी. थक हारकर एनजीओ की तरह से महिला पर केस दर्ज कराया गया है हालांकि अभी उसकी गिरफयारी करने की कोशिश की. हालांकि महिला अपनी जिद पर अड़ी रही. इसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. हालांकि महिला को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.

अब जबकि ये मामला हमारे सामने आ गया है तो तमाम सवाल हैं जो हमारे सामने खड़े हैं. इस मामले में महिला इसलिए हिंसक नहीं हुई कि उसकी बेटी सवालों के जवाब नहीं दे पाई बल्कि इसलिए हिंसक हुई क्यों कि टीचर के सामने उसका स्टेटस सिंबल प्रभावित हुआ और उसकी बेइज्जती हुई. इस मामले को देखकर ये ख़ुद ब खुद साफ़ हो जाता है कि महिला अपनी बेटी को पढ़ा लिखाकर एक अच्छा इंसान नहीं बनाना चाहती बल्कि उसका उद्देश्य अपनी बेटी को एक ऐसी मशीन में तब्दील करने का है कि बस चाभी घुमाओ और बच्ची तोते की तरह सभी सवालों के जवाब दे दे.

बहरहाल चाहे मुंबई की ये महिला को या फिर कोई और इंसान. हमें उस उद्देश्य को समझना होगा जिसके अंतर्गत हम अपने बच्चों को स्कूल या कॉलेजों में भेज रहे हैं. जीवन ट्रायल एंड एरर का नाम है. इंसान गलती करेगा तभी सीखेगा. लेकिन इसके विपरीत यदि हम ये सोच लें कि हमारे बच्चे को सब आता है या फिर वो स्थिति कि जब हम अपने बच्चे से कुछ पूछें और उसका जवाब देने में वो नाकाम हो जाए तो हम उसके हाथ हिंसा और यातनाओं पर उतर आएं. याद रखिये ऐसे मामले में हम किसी और का नहीं बल्कि अपने बच्चे का नुकसान खुद कर रहे हैं.

भले ही हम आज एक ऐसे वक़्त में हैं जहां गला काट प्रतियोगिता है. लेकिन हम ये क्यों नहीं समझ रहे कि जिंदगी और इंसान नंबर नहीं हैं. बाक़ी अब जबकि ये मामला हमारे सामने आ गया है तो ये कहना हमारे लिए अतिशयोक्ति नहीं है कि इस महिला ने अपनी एक हरकत से सिर्फ और सर्फ मां शब्द का तिरस्कार किया है. बाक़ी कहने को बहुत कुछ है लेकिन हैरत इसलिए नहीं है क्योंकि ये युग ही अपने बच्चों को मशीन बनाने का है.

ये भी पढ़ें -

Samuel Paty: फ्रीडम ऑफ स्पीच की बड़ी कीमत चुकाई और दुनिया को अलविदा कहा

भाईचारा नहीं दिव्या जी, जो तनिष्क ने किया उसे मुंह में अंगुली डालना कहते हैं!

हिंदू त्योहारों को ही हमेशा अपना निशाना क्यों बनाते हैं 'इंटेलेक्चुअल लिबरल'? 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲