• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

उस पुरुष की चुनौती जो लोगों के लिए ‘कामवाली’ है!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 04 जुलाई, 2021 12:30 PM
  • 04 जुलाई, 2021 12:30 PM
offline
जब कोई महिला घर का काम करती है तो लोगों को अटपटा नहीं लगता. जब वह बाहर का काम करती है तो भी लोगों को अजीब नहीं लगता लेकिन जब कोई पुरुष अपनी मर्जी से घर का काम करता है तो वही समाज के लोग बातें बनाने लगते हैं.

जब कोई महिला घर का काम करती है तो लोगों को अटपटा नहीं लगता. जब वह बाहर का काम करती है तो भी लोगों को अजीब नहीं लगता लेकिन जब कोई पुरुष अपनी मर्जी से घर का काम करता है तो वही समाज के लोग बातें बनाने लगते हैं.

कई जगह पुरुष घर का काम अपनी मर्जी से करते हैं या करना चाहते हैं तो भी दोस्त, रिश्तेदार और मोहल्ले वाले 10 बातें बनाते हैं, अरे वो तो पत्नी का गुलाम है. वह तो मुंह चोर है अपनी घरवाली से डरता है. बोलने को तो सभी लोग बोल देते हैं कि घर का काम सभी को आना चाहिए लेकिन जब इसी कथन को अपनाकर पुरुष असलियत में काम करने लगते हैं तो लोगों को बर्दाश्त नहीं होता.

समाज उन पुरुषों को ताना क्यों मारता है जो घर का काम करते हैं

जब घर के पुरुषों के काम करने पर लोगों को इतना ऐतराज है तो अगर कोई लड़का ‘कामवाली बाई’ की तरह नौकरी करता है, सोचिए उसके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता होगा और इस तरह की सोच रखने वाले समाज में उसे किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

1- बड़े होटल में काम करने वाले वेटर को तो लोग सामान्य नजरों से देखते हैं लेकिन अगर कोई पुरुष काम वाली के रूप लोगों के घरों में काम करता है, तो लोग उसे अपनाने में भी हिचकिचाते हैं. उनके हिसाब से कोई पुरुष काम वाली कैसे बन सकता है. यह तो औरतों का काम है. घरवाले भी नाराज हो जाते हैं कि कोई और काम नहीं मिला क्या...वे यह नहीं देखते कि बेरोजगार होने से अच्छा है कि वह काम कर रहा है और आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है.

2- लोग पुरुष काम वाली को जल्दी नौकरी पर नहीं रखना चाहते. जो अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए यह काम खुद चुनता है लोग उसे भी उसके काम की वजह से नीचा दिखाते हैं और इस कदर मजबूर करते हैं कि वह झाड़ू, पोछा और बर्तन साफ करने...

जब कोई महिला घर का काम करती है तो लोगों को अटपटा नहीं लगता. जब वह बाहर का काम करती है तो भी लोगों को अजीब नहीं लगता लेकिन जब कोई पुरुष अपनी मर्जी से घर का काम करता है तो वही समाज के लोग बातें बनाने लगते हैं.

कई जगह पुरुष घर का काम अपनी मर्जी से करते हैं या करना चाहते हैं तो भी दोस्त, रिश्तेदार और मोहल्ले वाले 10 बातें बनाते हैं, अरे वो तो पत्नी का गुलाम है. वह तो मुंह चोर है अपनी घरवाली से डरता है. बोलने को तो सभी लोग बोल देते हैं कि घर का काम सभी को आना चाहिए लेकिन जब इसी कथन को अपनाकर पुरुष असलियत में काम करने लगते हैं तो लोगों को बर्दाश्त नहीं होता.

समाज उन पुरुषों को ताना क्यों मारता है जो घर का काम करते हैं

जब घर के पुरुषों के काम करने पर लोगों को इतना ऐतराज है तो अगर कोई लड़का ‘कामवाली बाई’ की तरह नौकरी करता है, सोचिए उसके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता होगा और इस तरह की सोच रखने वाले समाज में उसे किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

1- बड़े होटल में काम करने वाले वेटर को तो लोग सामान्य नजरों से देखते हैं लेकिन अगर कोई पुरुष काम वाली के रूप लोगों के घरों में काम करता है, तो लोग उसे अपनाने में भी हिचकिचाते हैं. उनके हिसाब से कोई पुरुष काम वाली कैसे बन सकता है. यह तो औरतों का काम है. घरवाले भी नाराज हो जाते हैं कि कोई और काम नहीं मिला क्या...वे यह नहीं देखते कि बेरोजगार होने से अच्छा है कि वह काम कर रहा है और आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है.

2- लोग पुरुष काम वाली को जल्दी नौकरी पर नहीं रखना चाहते. जो अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए यह काम खुद चुनता है लोग उसे भी उसके काम की वजह से नीचा दिखाते हैं और इस कदर मजबूर करते हैं कि वह झाड़ू, पोछा और बर्तन साफ करने की नौकरी छोड़ दे. उसके काम को छोटा बताया जाता है कि वह पुरुष होकर औरतों वाले काम क्यों करता है. पड़ोसी से लेकर राशन वाले भइया तक ताना मार देते हैं.

3- अगर कोई लड़का कामवाली की तरह घरों में जाकर काम करता है और उसे इस काम को करने में दिलचस्पी है तो भी लोग यकीन नहीं कर पाते कि वह घरेलू काम अच्छी तरह से कर पाता होगा. लोगों के लिए रसोई का काम सिर्फ पुरुषों का होता है. खुद महिलाओं को लगता है कि कोई लड़का कैसे मेरे घर का काम कर पाएगा. महिलाओं को एक पुरुष का अपने रसोई में काम करते देखना अजीब लगता है. एक तो किसी लड़के को घर के काम करने के लिए बुलाना उन्हें सुरक्षा के लिहाज से भी अटपटा लगता है दूसरा उन्हें लगता है कि लोग क्या कहेंगे कि इनके घर में लड़का काम करने आता है. इसलिए ऐसे पुरुषों को काम मिलने में दिक्कत आती है.

4- लोग ऐसे पुरुष का मजाक उड़ाते हैं और कहते हैं कि क्या यार तुम्हें कोई और काम नहीं मिलता जो लोगों के घरों में जाकर बरतन धोते हो. उनके हिसाब से यह छोटा काम है. जो सिर्फ महिलाएं कर सकती हैं. लोग कामवाली पुरुष को छोटी नजरों से देखते हैं, जैसे पैसे कमाने के लिए उसका यह काम करना कितना गलत है. जैसे वह पुरुष काम नहीं चोरी कर रहा हो. साथ ही खुद उसके घरवाले ही दूसरे पुरुषों से तुलना कर उसे कम आंकने लगते हैं.

5- कई बार ऐसा भी होता है कि एक पुरुष को काम वाली के रूप में देखकर लोग उसे रसोई के अलावा घर के और भी काम दे देते हैं. यानी उससे ज्यादा काम करवाए जाने लगता है और उसका शोषण किया जाने लगता है. वह चाहकर भी कुछ बोल नहीं पाता क्योंकि नौकरी उसकी मजबूरी होती है. इन बातों की वजह से कई बार घर का काम करने वाले पुरुषो को मानसिक तनाव जैसी परेशानी भी होती है.

समाज के लोग यह चाहते हैं कि भले पुरुष कोई भी दूसरा काम कर लें लेकिन कामवाली बाई के जैसे लोगों के घरों में बर्तन मत साफ करे. जिन लोगों को पुरुषों को सोफे पर बैठकर टीवी और मोबाइल देखते हुए महिलाओं को आदेश देते हुए देखने की की आदत है उन्हें किसी लड़के का इस तरह रसोई में काम करना अपने शान के खिलाफ लगता है.

समाज को आज भी पुरुषों का घरेलू काम करना पचता नहीं है, उन्हें लगता है कि ऐसा करने से बाकी लोग बिगड़ जाएंगे. इसी समाज को यह बात आसानी ने पच जाती है कि कोई महिला घर और बाहर दोनों काम करती है. लोग यह तर्क भी देते हैं कि महिलाएं घर का काम करती हैं तो पुरुष भी तो बाहर पैसे कमाते हैं, लेकिन अगर किसी पुरुष के पैसा कमाने का जरिया ही घर का काम करना हो तो, लोग कब समझेंगे की कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता...एक पुरुष जो घर का काम करके रोजी-रोटी कमाना चाहता है आखिर उसकी गलती क्या है?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲