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ग़म को सीने में दफन कर जिंदगी में वापस लौटतींं मंदिरा बेदी को पत्थर दिल मत कहिये

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 29 जुलाई, 2021 11:19 PM
  • 29 जुलाई, 2021 11:19 PM
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समाज की तिरछी निगाह किसी को किसी भी हालात में नहीं छोड़ती. जिस दिन मंदिरा बेदी के पति राज कौशल का निधन था, उस दिन सोशल मीडिया पर मंदिरा के पहनावे पर छींटाकशी हुई. अब जब ग़म को पीछे छोड़कर जिंदगी में वापस लौटने की कोशिश कर रही हैं, तो भी न जाने क्या क्या कहा जा रहा है. हद है!

किसी अपने को खोने का दर्द क्या होता है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. एक तरफ उसके जाने का गम उपर से परिवार की जिम्मेदारियां. बच्चों की परवरिश और माता-पिता का ख्याल रखना. दिल में गम को छिपाए हुए उनके सामने खुद को मजबूत दिखाना यह जताते हुए कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं. सच में यह सब एक मजबूत महिला ही कर सकती है. मजबूत होने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि उसे दर्द नहीं होता, वह रोती नहीं है या फिर उसका दिल पत्थर का है. 

पति राज कौशल के निधन पर मंदिरा बेदी को फूट-फूट कर रोते हुए हम सभी ने देखा था. वो पूरी तरह टूट गईं थीं तब अपनों ने उन्हें संभाला. मंदिरा की तकलीफ का अंदाजा उनके कुछ शेयर किए गए पोस्ट से लगाया जा सकता है.

इन पोस्ट में साफ झलकता है कि वे अपने पति को कितना याद कर रही हैं. शादी के 23 साल और 25 साल का साथ, जिसके साथ हर पल गुजारा हो उसके बिना जीना कैसा लगता होगा...यह तो सिर्फ मंदिरा ही समझ सकती हैं.

शादी के 23 साल और 25 साल के साथ को भूलाना इतना आसान कहां

पिछले दिनों मंदिरा और राज की सालगिरह थी. इस दिन मंदिरा की पोस्ट ने लोगों को भावुक कर दिया था. किसे पता था कि ऐसे अकस्मात ये जोड़ा बिछड़ जाएगा. जो तस्वीरें मंदिरा ने शेयर की थीं उनमें दोनों के बीच का प्यार दिखाई दे रहा था.

अब राज भले ही इस दुनियां में नहीं है लेकिन उनका प्यार हमेशा मंदिरा के साथ है. किसी के जाने से जिंदगी खत्म नहीं होती लेकिन पहले वाली वो बात भी नहीं रहती. हां, किसी के जाने के बाद उससे प्यार करना हम नहीं छोड़ते. भगवान ना करें कि इस तरह किसी का साथी बिछड़े.

पति राज की यादों को साथ रखते हुए मंदिरा खुद को संभालने की कोशिश कर रही हैं. धीरे-धीरे ही सही मंदिरा जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश कर रही हैं. सभी को...

किसी अपने को खोने का दर्द क्या होता है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. एक तरफ उसके जाने का गम उपर से परिवार की जिम्मेदारियां. बच्चों की परवरिश और माता-पिता का ख्याल रखना. दिल में गम को छिपाए हुए उनके सामने खुद को मजबूत दिखाना यह जताते हुए कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं. सच में यह सब एक मजबूत महिला ही कर सकती है. मजबूत होने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि उसे दर्द नहीं होता, वह रोती नहीं है या फिर उसका दिल पत्थर का है. 

पति राज कौशल के निधन पर मंदिरा बेदी को फूट-फूट कर रोते हुए हम सभी ने देखा था. वो पूरी तरह टूट गईं थीं तब अपनों ने उन्हें संभाला. मंदिरा की तकलीफ का अंदाजा उनके कुछ शेयर किए गए पोस्ट से लगाया जा सकता है.

इन पोस्ट में साफ झलकता है कि वे अपने पति को कितना याद कर रही हैं. शादी के 23 साल और 25 साल का साथ, जिसके साथ हर पल गुजारा हो उसके बिना जीना कैसा लगता होगा...यह तो सिर्फ मंदिरा ही समझ सकती हैं.

शादी के 23 साल और 25 साल के साथ को भूलाना इतना आसान कहां

पिछले दिनों मंदिरा और राज की सालगिरह थी. इस दिन मंदिरा की पोस्ट ने लोगों को भावुक कर दिया था. किसे पता था कि ऐसे अकस्मात ये जोड़ा बिछड़ जाएगा. जो तस्वीरें मंदिरा ने शेयर की थीं उनमें दोनों के बीच का प्यार दिखाई दे रहा था.

अब राज भले ही इस दुनियां में नहीं है लेकिन उनका प्यार हमेशा मंदिरा के साथ है. किसी के जाने से जिंदगी खत्म नहीं होती लेकिन पहले वाली वो बात भी नहीं रहती. हां, किसी के जाने के बाद उससे प्यार करना हम नहीं छोड़ते. भगवान ना करें कि इस तरह किसी का साथी बिछड़े.

पति राज की यादों को साथ रखते हुए मंदिरा खुद को संभालने की कोशिश कर रही हैं. धीरे-धीरे ही सही मंदिरा जिंदगी को दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश कर रही हैं. सभी को पता है कि एक सीधी-साधी दिखने वाली इस साधारण लड़की ने किस तरह अपनी मेहनत और समझदारी से अपनी पहचान बनाई है. पति के निधन के बाद भी मंदिरा ने बच्चों के सामने दिवार बनते हुए राज कौशल का अंतिम संस्कार किया. मंदिरा ने समाज की इस रूढ़िवादी परंपार को तोड़ा ताकि उनके बच्चों इतनी कम उम्र में इस स्तिथी का सामना ना करना पड़े.

भले ही मंदिरा इन दिनों नाजुक दौर से गुजर रही हैं लेकिन वह जिंदगी के मायने को समझती हैं और इसलिए वे सामान्य जीवन जीने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि इसमें कितना समय लगेगा कोई नहीं कह सकता लेकिन उनकी इस कोशिश की सराहना की जानी चाहिए. मंदिरा के दो बच्चे हैं उन्हें भी तो संभालना है. खुद इस पीड़ा को सहते हुए मंदिरा ने दोबारा से जिंदगी जीने के लिए कोशिश की है. हां जिसे आप प्यार करते हैं उसके जाने के बाद जिंदगी बदल जाती है और उसके बिना जीना एक तरह से नया जीवन शुरु करने जैसा ही होता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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