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लव जिहाद से जुड़े इन 3 सवालों के जवाब जान लीजिए..

    • आईचौक
    • Updated: 10 दिसम्बर, 2017 05:55 PM
  • 10 दिसम्बर, 2017 05:55 PM
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जिस लव जिहाद के नाम पर खून खराबा हो रहा है, हालात इतने खराब कर दिए गए हैं.. क्या किसी को पता है कि वो आखिर है क्या?

लव जिहाद ने एक और जान ले ली. इसमें हत्यारे शंभूलाल का मामला कई सवाल खड़े करता है. राजस्थान के राजसमंद में अफराजुल नामक मुस्लिम शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई. पहले उसपर कुल्हाड़ी से वार किए गए और फिर उसे जिंदा जला दिया गया. वो चीखता रहा और इसपर वीडियो भी बनाया गया.

इस हत्या का मकसद? एक लड़की को लव जिहाद से बचाना था. लव जिहाद के मामले में पिछले कुछ सालों में जितनी हिंसा हुई है वो शायद ही देश ने पहले कभी देखी है. पर क्या किसी को ये याद भी है कि ये शब्द आया कहां से और कब देश की एक बड़ी समस्या बन गया?

1. क्या है लव जिहाद?

जब एक हिंदू लड़की किसी मुस्लिम लड़के के प्यार में अपना धर्म बदल कर इस्लाम अपनाती है और शादी करती है उसे लव जिहाद नहीं कहते. लव जिहाद असल में तब होता है जब मुस्लिम लड़के खास तौर पर हिंदू लड़कियों (या अन्य धर्म की लड़कियों) को टार्गेट करते हैं और अपने धर्म में लाते हैं सिर्फ प्यार का झांसा देकर. इसके बाद उनसे देह व्यापार से लेकर इस्लाम का पर्चा फैलाने तक कई काम करवाए जाते हैं. लव जिहाद की कोई सही परिभाषा नहीं है. कई केस ऐसे भी हैं जहां जोड़ों को सिर्फ लव जिहाद का नाम देकर ही परेशान कर दिया गया है.

अगर कोई जोड़ा वाकई प्यार करता है और शादी की हुई है, खुशहाल जिंदगी भी जी रहा है तो उसे लव जिहाद तो कतई नहीं कहेंगे.

2. कार्यवाही कहां तक?

ये शब्द सबसे पहले 2009 में सामने आया था जहां ये कहा गया था कि कई लड़कियों को कुछ संस्थाएं इस्लाम का हिस्सा बना रही हैं. बहुत खोज बीन की गई, लेकिन ऐसा कोई भी ठोस सबूत नहीं मिला.. ऐसा कहा गया था कि 4500 लड़कियां जो केरल की थीं उन्हें धोखे से इस्लाम कबूल करवाया है. हिंदू जनजाग्रती समिति ने ये भी कहा था कि कर्नाटक में ही अकेले 30 हजार लड़कियों का धर्म...

लव जिहाद ने एक और जान ले ली. इसमें हत्यारे शंभूलाल का मामला कई सवाल खड़े करता है. राजस्थान के राजसमंद में अफराजुल नामक मुस्लिम शख्स की बेरहमी से हत्या कर दी गई. पहले उसपर कुल्हाड़ी से वार किए गए और फिर उसे जिंदा जला दिया गया. वो चीखता रहा और इसपर वीडियो भी बनाया गया.

इस हत्या का मकसद? एक लड़की को लव जिहाद से बचाना था. लव जिहाद के मामले में पिछले कुछ सालों में जितनी हिंसा हुई है वो शायद ही देश ने पहले कभी देखी है. पर क्या किसी को ये याद भी है कि ये शब्द आया कहां से और कब देश की एक बड़ी समस्या बन गया?

1. क्या है लव जिहाद?

जब एक हिंदू लड़की किसी मुस्लिम लड़के के प्यार में अपना धर्म बदल कर इस्लाम अपनाती है और शादी करती है उसे लव जिहाद नहीं कहते. लव जिहाद असल में तब होता है जब मुस्लिम लड़के खास तौर पर हिंदू लड़कियों (या अन्य धर्म की लड़कियों) को टार्गेट करते हैं और अपने धर्म में लाते हैं सिर्फ प्यार का झांसा देकर. इसके बाद उनसे देह व्यापार से लेकर इस्लाम का पर्चा फैलाने तक कई काम करवाए जाते हैं. लव जिहाद की कोई सही परिभाषा नहीं है. कई केस ऐसे भी हैं जहां जोड़ों को सिर्फ लव जिहाद का नाम देकर ही परेशान कर दिया गया है.

अगर कोई जोड़ा वाकई प्यार करता है और शादी की हुई है, खुशहाल जिंदगी भी जी रहा है तो उसे लव जिहाद तो कतई नहीं कहेंगे.

2. कार्यवाही कहां तक?

ये शब्द सबसे पहले 2009 में सामने आया था जहां ये कहा गया था कि कई लड़कियों को कुछ संस्थाएं इस्लाम का हिस्सा बना रही हैं. बहुत खोज बीन की गई, लेकिन ऐसा कोई भी ठोस सबूत नहीं मिला.. ऐसा कहा गया था कि 4500 लड़कियां जो केरल की थीं उन्हें धोखे से इस्लाम कबूल करवाया है. हिंदू जनजाग्रती समिति ने ये भी कहा था कि कर्नाटक में ही अकेले 30 हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया गया था.

पहले तो लव जिहाद सिर्फ केरल, कर्नाटक आदि में सामने आया था, लेकिन आगे चलकर ये बिहार, कानपुर, ग्वालियर जैसे शहरों में भी सामने आने लगा. इतना ही नहीं खबरें आईं कि इंग्लैंड में भी ये हुआ है. हालांकि, ये पुख्ता तौर पर कभी सामने नहीं आया कि लव जिहाद की वजह से कितनी लड़कियों का धर्म परिवर्तन हुआ है.

3. क्या हम इंसान नहीं?

2016 का हादिया का केस तो सबको पता ही है. अभी भी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. अपना घर छोड़कर पढ़ाई के लिए जाने वाली अखिला कब हादिया बन गई ये उसके घर वालों को भी पता नहीं चला. वो अभी भी ये कह रही है कि उसे उसके पति के पास भेज दिया जाए. लड़की बालिग भी है.

उसपर सामने आता है शंभूनाथ का केस जहां जिहादियों को धमकाया जाता है. अभी तक ये मामला सामने नहीं आया कि क्या ये वाकई लव जिहाद का केस था भी या नहीं..

इस पूरे घटनाक्रम में एक ही सवाल सामने आता है कि क्या हम इंसान नहीं? क्या हमे ये नहीं सोचना चाहिए कि आखिर इंसानियत नाम की भी कोई चीज होती है. हर धर्म में कट्टर चरमपंथी होते हैं. लेकिन हर धर्म में ऐसे लोग भी होते हैं जो सच्चे होते हैं. अगर किसी का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है तो ये गलत है, लेकिन लव जिहाद के नाम पर हत्या भी गलत है. इस बेदर्दी से किसी को मारना भी गलत है.

ये भी पढ़ें-

राजसमंद मामलाः कैसे बन गया वह इतना क्रूर हत्यारा?

Rajsamand love jihad video : सच लव-जिहाद नहीं कुछ और है...


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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