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जॉनी डेप और एम्बर हर्ड केस ने साबित किया है कि महिलाएं गलत हो सकती हैं!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 02 जून, 2022 09:55 PM
  • 02 जून, 2022 09:55 PM
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सोचिए इस तरह का केस अगर भारत में होता तो क्या होता? शायद बिना फैसला आए ही लड़के को दोषी मान लिया जाता. शायद उसे और उसके रिश्तेदारों को जेल में ही सड़ना पड़ता. जब तक फैसला आता तब तक समाज के लोग उसका जीना दुश्वार कर देते. वैसे भारत की भी कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने पतियों का जीना हराम कर रखा है.

मानहानि केस में जॉनी डेप (Johnny Depp) की जीत इस बात का सबूत है कि हर पुरुष गलत नहीं होते हैं और महिला सही नहीं होती है. जॉनी की एक्स वाइफ एंबर हर्ड (Amber Heard) ने उनपर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था. जूरी ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि यह बात साबित हो चुकी है कि एंबर ने जॉनी को बदनाम किया है. इसलिए जुर्माने के रूप में जॉनी को 15 मिलियन यानी करीब 1.5 करोड़ रूपए का जुर्माना मिलेगा.

सोचिए इस तरह का केस अगर भारत में होता तो क्या होता? शायद बिना फैसला आए ही लड़के को दोषी मान लिया जाता. शायद उसे और उसके रिश्तेदारों को जेल में ही सड़ना पड़ता. जब तक फैसला आता तब तक समाज के लोग उसका जीना दुश्वार कर देते. वैसे भारत की भी कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने पतियों का जीना हराम कर रखा है. इनका आगे जिक्र है.  

जॉनी डेप और एंबर हर्ड का केस अगर भारत में होता तो क्या होता?

जॉनी डेप और एंबर हर्ड के बीच चल रहे मानहानि केस के इस फैसले ने लोगों के दिमाग में यह बात डाली है कि, जरूरी नहीं है कि हमेशा लड़का ही दोषी हो, गलती लड़की की भी हो सकती है. वैसे फैसला आने से पहले कई लोगों ने जॉनी को दोषी मान लिया था. जबकि जो लोग उन्हें जानते हैं उनका कहना था कि डेप ऐसे व्यक्ति नहीं जो पत्नी पर इस तरह का अत्याचार करें.

एंबर हर्ड, कोर्ट में सुनवाई के समय पूर्व पति डेप पर मारपीट, यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी थीं. हालांकि वे अपनी नकली चोट और मनगढ़ंत बातों से जूरी को नहीं फंसा पाईं. जबकि जॉनी ने यह साबित कर दिया कि एंबर ने उनके खिलाफ आर्टिकल लिखकर उन्हें बदनाम किया है. जिससे उनके काम पर असर पड़ा है और उनका नुकसान हुआ है. जब डेप न्याय मिला तो उन्होंने कहा कि जूरी ने मुझे मेरी जिंदगी वापस दे दी.

इस फैसले के बारे में उन...

मानहानि केस में जॉनी डेप (Johnny Depp) की जीत इस बात का सबूत है कि हर पुरुष गलत नहीं होते हैं और महिला सही नहीं होती है. जॉनी की एक्स वाइफ एंबर हर्ड (Amber Heard) ने उनपर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था. जूरी ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि यह बात साबित हो चुकी है कि एंबर ने जॉनी को बदनाम किया है. इसलिए जुर्माने के रूप में जॉनी को 15 मिलियन यानी करीब 1.5 करोड़ रूपए का जुर्माना मिलेगा.

सोचिए इस तरह का केस अगर भारत में होता तो क्या होता? शायद बिना फैसला आए ही लड़के को दोषी मान लिया जाता. शायद उसे और उसके रिश्तेदारों को जेल में ही सड़ना पड़ता. जब तक फैसला आता तब तक समाज के लोग उसका जीना दुश्वार कर देते. वैसे भारत की भी कई ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने पतियों का जीना हराम कर रखा है. इनका आगे जिक्र है.  

जॉनी डेप और एंबर हर्ड का केस अगर भारत में होता तो क्या होता?

जॉनी डेप और एंबर हर्ड के बीच चल रहे मानहानि केस के इस फैसले ने लोगों के दिमाग में यह बात डाली है कि, जरूरी नहीं है कि हमेशा लड़का ही दोषी हो, गलती लड़की की भी हो सकती है. वैसे फैसला आने से पहले कई लोगों ने जॉनी को दोषी मान लिया था. जबकि जो लोग उन्हें जानते हैं उनका कहना था कि डेप ऐसे व्यक्ति नहीं जो पत्नी पर इस तरह का अत्याचार करें.

एंबर हर्ड, कोर्ट में सुनवाई के समय पूर्व पति डेप पर मारपीट, यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी थीं. हालांकि वे अपनी नकली चोट और मनगढ़ंत बातों से जूरी को नहीं फंसा पाईं. जबकि जॉनी ने यह साबित कर दिया कि एंबर ने उनके खिलाफ आर्टिकल लिखकर उन्हें बदनाम किया है. जिससे उनके काम पर असर पड़ा है और उनका नुकसान हुआ है. जब डेप न्याय मिला तो उन्होंने कहा कि जूरी ने मुझे मेरी जिंदगी वापस दे दी.

इस फैसले के बारे में उन लड़कियों को जरूर जानना चाहिए जो बॉयफ्रेंड पर शादी का झांसा देकर सालों रेप करने का आरोप लगाती हैं. जो पति और ससुराल वालों पर झूठा केस थोप देती हैं. ऐसे में उन पुरुषों की जिंदगी बर्बाद तो होती है. समाज के लोग उनसे नफरत करने लगते हैं. साथ ही उन लड़कियों पर भी शक करने लगते हैं जिनके साथ सच में कुछ गलत हुआ होता है.

ऐसी पत्नियों की वजह से ही पुरुष आयोग की मांग उठती है जो पतियों को प्रताड़ित करती हैं-

हाल फिलहाल में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं जिनमें महिलाओं ने अपने पतियों पर अत्याचार किया है. पहला मामाला मैसूर का है, जहां एक महिला पति को सुबह, दोपहर और डिनर में सिर्फ इंस्टेंट मैगी ही खिलाती थी. यहां तक ही वह राशन में भी सिर्फ मैगी ही खरीद कर लाती थी. वह खाने में रोज मैगी ही बनाती थी. पति ने शुरुआत में काफी एडजस्ट करने की कोशिश की लेकिन फिर भी हालात नहीं बदले, आखिरकार उन दोनों का आपसी सहमति से तलाक हो गया.

दूसरा मामला राजस्थान के अलवर जिले का है. जहां स्कूल के प्रिंसिपल की पत्नी उनका शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न करती थी. उन्होंने अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए कोर्ट से गुहार लगाई थी. उनकी पत्नी उन्हें तवे, डंडे और बैट से पीटती थी. सबूत जुटाने के लिए उन्होंने घर में सीसीटीवी लगवाया. वरना उनकी बात पर कौन यकीन करता?

तीसरा मामला हैदराबाद का है जहां एक पत्नी को पति पर शक था कि उसका अफेयर महिला दोस्त के साथ चल रहा है. इसलिए उसने 5 गुंडों का हायर किया और पति की दोस्त का अपने घर में सामूहिक दुष्कर्म करवाया. उसने इस वारदात की वीडियो भी बनवाई.

चौथा मामला मुंबई का है. जहां एक पति ने अदालत ने कहा था कि उसकी पत्नी बेहद गुस्सैल और तानाशाह है. वह अप्राकृतित सेक्स के लिए दबाव बनाती है. जब वह मना करता तो उसे गालियां देती. वह उसे दवाइयां और शराब पीने के लिए मजबूर करती. उसकी सेक्स की इच्छा कभी तृप्त नहीं होती थी. इसलिए उसे तलाक चाहिए.

पांचवा मामला लखनऊ का है जहां पति ने फैमिली कोर्ट से कहा था कि उसकी पत्नी हर रोज नई लिपिस्टिक की मांग करती है. वह दिन भर सोती रहती है. वह घर का कोई काम नहीं करती है. मुझे ही सारे कामकाज करने पड़ते हैं. मैं इन सबसे तंग आ गया हूं. मेरा उत्पीड़न हो रहा है.

अब बताइए कैसे कोई किसी महिला पर भरोसा करेगा? जिस तरह प्रताड़ित पतियों की बातें सामने आ रही हैं वह हैरान करने वाला है. इसलिए जब डेप केस जीते हैं तो लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं. ऐसा लग रहा है यह पहला ऐसा पति-पत्नी का केस है जहां किसी महिला को इतनी बड़ी रकम जुर्माने में देनी पड़ रही है. खैर, वह तो डेप हैं जो झूठे आरोपों से बाहर निकल आए हैं, वरना उन मर्दों का जीना मुश्किल हो जाता है जिन पर महिलाओं से संबंधित झूठे आरोप लगते हैं. 

प्यार से शुरु हुई कहानी का ये हश्र

जॉनी और एंबर ने 2015 में लव मैरिज की थी. शादी से पहले दोनों ने एक-दूसरे डेट किया था. शादी के एक साल बाद ही 2016 में एंबर ने जॉनी पर घरेलू हिंसा का आरोप लगया और 2017 में तलाक ले लिया. केस हारने के बाद एंबर ने कहा है कि इससे दूसरी महिलाओं को झटना लगेगा. हालांकि अब झूठ से पर्दा उठ चुका है.

अक्सर, जब लड़की किसी लड़के के साथ भागती है तो अक्सर लड़के पर ही बहलाने-फुसलाने और रेप का इल्जाम लगता है, लड़की मासूम बन जाती है और सजा लड़के को हो जाती है. असल में यह खेल सारा वकील और लड़की के घरवालों का होता है. इसलिए चाहें लड़का हो या लड़की जो दोषी है सजा उसे ही मिलनी चाहिए.

इन आरोपों की वजह से जॉनी ने बहुत कुछ झेला. वह कहते रहे कि मैंने कुछ नहीं किया, लेकिन उनपर भरोसा कौन करता वे पुरुष जो ठहरे. उन्होंने समाज में अपनी इज्जत खोई, वे लोगों के लिए हीरो से विलन बन गए, उनकी शोहरत मिट्टी में मिल गई. खुशी इस बात की है कि आखिरकार दुनिया को सच का पता चल गया...  

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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