• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

शादी में डांस, म्यूजिक बैन करने वाले झारखंडी मौलानाओं के आगे तो तालिबान भी शरमा जाए!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 29 नवम्बर, 2022 01:50 PM
  • 29 नवम्बर, 2022 01:48 PM
offline
शादी के मद्देनजर झारखंड में धनबाद के मौलानाओं ने अजीबो गरीब फरमान जारी किया है. नए नियमों के मुताबिक अब मुसलमानों में होने वाली शादियों में डांस, डीजे और आतिशबाजी नहीं की जाएगी. सवाल ये है कि जब स्वयं मुस्लिम मुल्कों में ऐसा हो रहा हो भारत में मौलवी मौलानाओं को क्यों लोगों की खुशियां रास नहीं आ रही हैं.

जल गयी सिगरेट से दाढ़ी शेख की,

फिर भी ये फ़ितनों से बाज़ आता नहीं.

शेर किसका है ये तो याद नहीं लेकिन चूंकि शेर में दाढ़ी है और शेख भी है तो शायद कवी की कल्पना अवश्य ही किसी मौलाना के इर्द गिर्द रही होगी. खैर, यदि इस शेर को देखें और इसपर गंभीर होते हुए दिमाग की बत्ती जलाएं तो मिलेगा कि शेख (मौलाना) बिरादरी का काम ही है हर दूसरी चीज में अंगुली करना और मजा किरकिरा करना. इनकी फितरत समझने के लिए कहीं दूर न चलते हुए हमें बस झारखंड का रुख कर लेना चाहिए. जहां पतीली से ज्यादा गर्म करछी और करछी से कहीं ज्यादा गर्म उसका हैंडल है. दरअसल झारखंड के धनबाद के एक ब्लॉक में मौलवी बिरादरी न जाने क्यों आहत हो गयी है और उसने डांस, डीजे और आतिशबाजी पर पूर्ण रोक लगा दी है.

शादियों पर धनबाद के मौलानाओं और मुफ्तियों के नए नियम हैरान करने वाले हैं

जी हां सही सुन रहे हैं आप. ब्लॉक के स्थानीय मुफ़्ती और मौलवियों का मानना है कि शादियों में उपरोक्त बताई चीजें वो गैर-इस्लामी प्रथाएं हैं, जिन्हें नहीं होना चाहिए. क्योंकि अब मुस्लिम शादियों में मौलवी लोगों ने डांस, डीजे और आतिशबाजी जैसी चीजों पर पूर्ण रोक लगा दी है इसलिए कहा ये भी जा रहा है कि यदि कोई उनके फरमान को नजरअंदाज करेगा तो न केवल उसकी पहचान की जाएगी बल्कि उसपर जुर्माना भी लगाया जाएगा.

धनबाद में जिनके घरों में अगले दो एक दिन में शादी है उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे लोग खुलकर एन्जॉय कर सकते हैं.सिबिलीबाड़ी जामा मस्जिद के प्रमुख इमाम मौलाना मसूद अख्तर के अनुसार शादी में डांस, डीजे और आतिशबाजी पर पाबंदियां 2 दिसंबर से अमल में लाई जाएंगी. वहीं मौलाना साहब ने ये भी बताया है कि पूरी मौलना और मुफ़्ती बिरादरी ने...

जल गयी सिगरेट से दाढ़ी शेख की,

फिर भी ये फ़ितनों से बाज़ आता नहीं.

शेर किसका है ये तो याद नहीं लेकिन चूंकि शेर में दाढ़ी है और शेख भी है तो शायद कवी की कल्पना अवश्य ही किसी मौलाना के इर्द गिर्द रही होगी. खैर, यदि इस शेर को देखें और इसपर गंभीर होते हुए दिमाग की बत्ती जलाएं तो मिलेगा कि शेख (मौलाना) बिरादरी का काम ही है हर दूसरी चीज में अंगुली करना और मजा किरकिरा करना. इनकी फितरत समझने के लिए कहीं दूर न चलते हुए हमें बस झारखंड का रुख कर लेना चाहिए. जहां पतीली से ज्यादा गर्म करछी और करछी से कहीं ज्यादा गर्म उसका हैंडल है. दरअसल झारखंड के धनबाद के एक ब्लॉक में मौलवी बिरादरी न जाने क्यों आहत हो गयी है और उसने डांस, डीजे और आतिशबाजी पर पूर्ण रोक लगा दी है.

शादियों पर धनबाद के मौलानाओं और मुफ्तियों के नए नियम हैरान करने वाले हैं

जी हां सही सुन रहे हैं आप. ब्लॉक के स्थानीय मुफ़्ती और मौलवियों का मानना है कि शादियों में उपरोक्त बताई चीजें वो गैर-इस्लामी प्रथाएं हैं, जिन्हें नहीं होना चाहिए. क्योंकि अब मुस्लिम शादियों में मौलवी लोगों ने डांस, डीजे और आतिशबाजी जैसी चीजों पर पूर्ण रोक लगा दी है इसलिए कहा ये भी जा रहा है कि यदि कोई उनके फरमान को नजरअंदाज करेगा तो न केवल उसकी पहचान की जाएगी बल्कि उसपर जुर्माना भी लगाया जाएगा.

धनबाद में जिनके घरों में अगले दो एक दिन में शादी है उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे लोग खुलकर एन्जॉय कर सकते हैं.सिबिलीबाड़ी जामा मस्जिद के प्रमुख इमाम मौलाना मसूद अख्तर के अनुसार शादी में डांस, डीजे और आतिशबाजी पर पाबंदियां 2 दिसंबर से अमल में लाई जाएंगी. वहीं मौलाना साहब ने ये भी बताया है कि पूरी मौलना और मुफ़्ती बिरादरी ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि अब निकाह सिर्फ इस्लामी कायदे कानूनों के मुताबिक ही होंगे.

मौलाना की मानें तो अब शादियों में किसी भी तरह का कोई नाच गाना नहीं होगा, न ही इलाके का कोई मुस्लिम डीजे और आतिशबाजी का आयोजन अपनी शादियों में करेगा. मामले का जो सबसे दिलचस्प पक्ष है वो इसका जुर्माना है, नियमों के अनुसार जुर्माना 5100 रुपए है. धनबाद के इन मौलवियों के दिमाग पर इस्लामी नियम कायदे किस हद तक चढ़ गए हैं इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इन्होंने शादी का टाइम तक बता दिया है.

अगर इन लोगों की मानें तो धनबाद के मुसलमानों को शादी अब रात 11 बजे से पहले करनी होगी, इसपर मौलानाओं का तर्क है कि 11 के बाद का समय शुभ नहीं होता. वहीं उन मौलवियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा जो रात 11 बजे के बाद निकाह करने की कोशिश करते हैं. बताया जा रहा है कि नए नियमों के हिसाब से ऐसे मौलवियों पर भी जुर्माना लगेगा.

कह सकते हैं कि जैसे नियम या ये कहें कि किसी दूसरे की ख़ुशी पर जैसी अंगुली इन मौलानाओं ने की है और इस्लाम की आड़ लेकर की है. साफ़ तौर पर हमें कट्टरपंथ की पराकाष्ठा नजर आ रही है. तर्क दिया जा रहा है कि तमाम प्रथाओं की इस्लाम में अनुमति नहीं है. यदि ऐसा है तो जो पैसे या ये कहें कि फीस मौलानाओं को लोग अपनी अपनी श्रद्धानुसार निकाह के बाद देते हैं वो भी गलत है. सवाल ये है कि किसी मौलाना ने, किसी इमाम ने इसे गलत माना और लेने से इंकार किया?

उपरोक्त सवाल का क्या जवाब है उसपर बहुत कुछ कहने बताने की कोई जरूरत नहीं है. बाकी बात शादी में गाने, डीजे और आतिशबाजी की हुई है तो चाहे वो सऊदी अरब हो, अफगानिस्तान हो, पाकिस्तान हो, लेबनान हो सीरिया से लेकर इराक तक ये सब हो रहा है और डंके की चोट पर हो रहा है. अब सवाल ये भी है कि जब वहां उन देशों में मौलाना इसे इग्नोर कर रहे हैं तो यहां धनबाद में जब ऐसा हो रहा है तो ये लोग क्यों गर्म हो रहे हैं?

कहीं ऐसा तो नहीं कि धनबाद के मौलानाओं को ये डर सता रहा हो कि यदि लोग पढ़ लिख गए, मॉडर्न बन गए तो इससे उनकी सत्ता प्रभावित होगी? यदि डर इस बात का है तो एक अलग बात है वरना शादी के लिए जो नियम और शर्तें मौलानाओं और इमामों ने धनबाद में बना दी हैं कहीं ऐसा न हो कि लोग अपनी अपनी शादी में ऐसे दकियानूसी मौलाना और इमामों को बुलाना ही न छोड़ दें.

ये भी पढ़ें -

Belgium Vs Morocco: बेल्जियम में मोरक्को के शरणार्थियों ने फोड़ा 'बहुसंस्कृतिवाद' का गुब्बारा

टॉक्सिक रिलेशनशिप क्या है, इन संकेतों से पहचानें

महानगरों में दिखते हैं भारत की नव-उदारवाद नीति के दो चेहरे 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲