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Yoga Day: योग ना करने वाले बनाते हैं कैसे-कैसे 13 बहाने!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 21 जून, 2021 01:17 PM
  • 21 जून, 2021 01:17 PM
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योग ना करने वाले अक्सर सुबह उठकर चाय पी लेते हैं और कहते हैं कल से करेंगे आज लेट हो गए. यह तो सिर्फ ट्रेलर है आगे हम आपको लोगों के ऐसे-ऐसे बहाने बताएंगे जिसको सुनकर आपका भी सिर चकरा जाएगा.

योग ना करने वाले अक्सर सुबह उठकर चाय पी लेते हैं और कहते हैं कल से करेंगे आज लेट हो गए. यह तो सिर्फ ट्रेलर है आगे हम आपको लोगों के ऐसे-ऐसे बहाने बताएंगे जिसको सुनकर आपका भी सिर चकरा जाएगा. या यह भी हो सकता है कि आप ही उनमें से एक हों या फिर आपका कोई दोस्त जो इस कैटेगरी में आता हो.

असल में स्वस्थ्य रहने के लिए दुनिया भर के लोग योग कर रहे हैं. वहीं भारत में भी योग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना काल ने हमें यह तो सिखा ही दिया कि हेल्दी लाइफ के लिए फिट रहना कितना जरूरी है. फिट रहने का मतलब सिर्फ बॉडी से नहीं है बल्कि मेंटल हेल्थ से भी है. योग और ध्यान करने से मन की शांत रहता है. योग केवल शरीर को ही लचीला नहीं बनाता है इसके अलग-अलग आसन करने से आप जीवन भर जवां और स्वस्थ बने रह सकते हैं.

तो आज से ही योग करना शुरू कीजिए और स्वस्थय रहिए

अब योग कितना फायदेमंद है, यह तो आप जानते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हर रोज सोचते हैं कि कल से योग करूंगा लेकिन उनका कल कभी नहीं आता. नहीं-नहीं ऐसा नहीं है कि वे योग करना नहीं चाहते लेकिन शिद्दत से चाहने के बाद भी उनका कल नहीं आता. अब तो हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है. इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'स्वास्थ्य के लिए योग' (योग फ़ॉर वेलनेस) है. इसलिए कुछ लोग ऐसे हैं को इस दिन का इंतजार करते हैं.

कई लोग तो ऐसे भी होंगे जो कबसे तैयारी करके बैठें होंगे कि 21 जून से योग का श्री गणेशाय नम: केरेंगे, लेकिन हो सकता है कि 21 जून को भी उनका शुभ मूहुर्त ना निकले. अब वजह कोई एक हो तो बताए भी, वो कहते हैं ना कि कल कभी नहीं आता बस कुछ ऐसा ही समझ लीजिए.

हां कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जो फोटो खिंचवाकर फेसबुकियाने के लिए श्री गणेश कर भी लें तो 22 जून से फिर...

योग ना करने वाले अक्सर सुबह उठकर चाय पी लेते हैं और कहते हैं कल से करेंगे आज लेट हो गए. यह तो सिर्फ ट्रेलर है आगे हम आपको लोगों के ऐसे-ऐसे बहाने बताएंगे जिसको सुनकर आपका भी सिर चकरा जाएगा. या यह भी हो सकता है कि आप ही उनमें से एक हों या फिर आपका कोई दोस्त जो इस कैटेगरी में आता हो.

असल में स्वस्थ्य रहने के लिए दुनिया भर के लोग योग कर रहे हैं. वहीं भारत में भी योग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना काल ने हमें यह तो सिखा ही दिया कि हेल्दी लाइफ के लिए फिट रहना कितना जरूरी है. फिट रहने का मतलब सिर्फ बॉडी से नहीं है बल्कि मेंटल हेल्थ से भी है. योग और ध्यान करने से मन की शांत रहता है. योग केवल शरीर को ही लचीला नहीं बनाता है इसके अलग-अलग आसन करने से आप जीवन भर जवां और स्वस्थ बने रह सकते हैं.

तो आज से ही योग करना शुरू कीजिए और स्वस्थय रहिए

अब योग कितना फायदेमंद है, यह तो आप जानते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हर रोज सोचते हैं कि कल से योग करूंगा लेकिन उनका कल कभी नहीं आता. नहीं-नहीं ऐसा नहीं है कि वे योग करना नहीं चाहते लेकिन शिद्दत से चाहने के बाद भी उनका कल नहीं आता. अब तो हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है. इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'स्वास्थ्य के लिए योग' (योग फ़ॉर वेलनेस) है. इसलिए कुछ लोग ऐसे हैं को इस दिन का इंतजार करते हैं.

कई लोग तो ऐसे भी होंगे जो कबसे तैयारी करके बैठें होंगे कि 21 जून से योग का श्री गणेशाय नम: केरेंगे, लेकिन हो सकता है कि 21 जून को भी उनका शुभ मूहुर्त ना निकले. अब वजह कोई एक हो तो बताए भी, वो कहते हैं ना कि कल कभी नहीं आता बस कुछ ऐसा ही समझ लीजिए.

हां कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जो फोटो खिंचवाकर फेसबुकियाने के लिए श्री गणेश कर भी लें तो 22 जून से फिर उनका वही हाल होगा, यानी पुराना राग अलापना. चलिए ऐसी ही कुछ बहानों के बारे में आपको बताते हैं, जो लोगों के योग के रास्ते में बाधा बनती है.

मौसम के बहाने

आज बहुत ठंड है कल से योग होगा, आज बारिश हो रही है, यार कितनी गर्मी है. अब हर दिन कोई ना कोई मौसम तो होगा ही, बस कुछ लोगों की गाड़ी इसी तसल्ली पर चलती रहती है और योग कभी होता ही नहीं.

नींद जरूरी है

रोज रात को सोचकर उठते हैं कि कल से पक्का योग करेंगे, इसके लिए बकायदा रात तो अलार्म भी लगाया जाता है लेकिन सुबह होते ही सारे वादे चिड़िया की तरह फुर्र हो जाते हैं. अब इसके लिए यह बहाना बनाया जाता है कि योग तो ठीक है लेकिन अब नींद भी तो जरूरी है. चलो योग ना तो अब सुतासन ही सही.

कमजोरी लगती है

कई लोगों का कहते हैं कि मुझे कमजोरी है, ऐसे में योग करके और कमजोर थोड़ी होना है. पहले खा-पीकर बॉडी बना लेते हैं फिर सोचेंगे योग के बारे में.

दिनभर काम

ये बहाने ज्यादातर महिलाएं करती हैं क्योंकि काम भी वही करती हैं. महिलाओं को लगता है कि दिनभर तो वे घर का काम करती हैं, ऐसे में योग की अलग से क्या जरूरत है. दिन में हमारा टहलना तो हो ही जाता है, अब इन्हें समझाना दुनिया का सबसे कठिन काम है. आप सबसे जीत सकते हैं लेकिन हाउसवाइफ से नहीं.

योग आता नहीं है

यह तो सबसे अजीब बहाना है कि योग आता ही नहीं है तो करें कैसे, इंटरनेट पर विदेश तक पहुंच जाएंगे. क्या कैसे बनाए और खाएं सीख जाएंगे, लेकिन योग नहीं सीख सकते जो कि इतना सिंपल है. कोई भी कोशिश करे तो सीख सकता है.

जगह नहीं है

कई लोग बोलते हैं कि घर में योग कैसे करें जगह ही नहीं है, बच्चे हैं. जबकि योग करने के लिए ज्यादा जहग की जरूरत नहीं है. ना जाने कितने आसन हैं जो बैठे-बैठे किए जा सकते हैं. अब बहाना तो आखिर बहाना है.

मन नहीं है

अब इसका क्या इलाज है कि योग करने का मन नहीं है. कई लोग बोलते तो हैं कि योग करेंगे लेकिन जब समय आता है उनको योग करने का मन नहीं करता.

मैट और ट्रैक सूट नहीं है

कई लोग बोलते हैं कि फर्श पर योग मेरे से होता नहीं है और ट्रैकसूट है नहीं. पहले मैट और कपड़े खरीदेंगे फिर योग करेंगे. एक दिन ऑनलाइन मैट आ भी जाता है लेकिन वह बांधकर किनारे कहीं रख दिया जाता है. ट्रैकसूट पहनकर सेल्फी जरूर ले ली जाती है.

टाइम नहीं है

इसका तो कोई इलाज हो ही नहीं सकता, मतलब लोग अक्सर बोलते हैं हम कोई एक्टर या एक्ट्रेस तो हैं नहीं जो दिन भर योग करेक पोस्ट करते रहेंं. उनका तो यही काम है. उपर सो 10-15 लोग उनके पीछे लगे रहते हैं. हमारे पास तो 10 काम रहते हैं, टाइम कहां है जो योग का टेटरम करें.

तबियत सही नहीं है

लोगों को जब योग करने का मन नहीं होता तो वे अक्सर तबियात को बहाना बना लेते हैं. आज सिर दर्द है. आज सर्दी है तो आज बॉडी गर्म हैं. अब योग कैसे करें, चलो आराम कर लेते हैं. ये ज्यादा जरूरी है.

जरूरत नहीं है

योग की जरूरत उन्हें है जो मोटे हैं, हम तो पहले से ही फिट है. कितने तो पतले हैं हमें योग की क्या जरूरत है. जिन्हें जरूरत है वो ही जानें. जबकि योग और फिटनेस का मोटे-पतले से कोई मतलब नहीं है. हर इंसान को योग करना चहिए.

दर्द होने लगता है

कई लोग बोलते हैं कि योग करने से दर्द होता है. पता नहीं कुछ फायदा है भी या नहीं, हमसे ना होगा ये योगा-वोगा. दर्द जाता ही नहीं. जबकि सही तरीके से अपनी हेल्थ का ध्यान रखते हुए योग करने से कई नुकसान नहीं होता. योग धीरे-धीरे असर करता है. पहले दिन से ही अंतर ढूढ़ने वाले को कौन समझाए.

कल से करेंगे

इस बहाने का कोई इलाज हो ही नहीं सकता क्यों कि कल कभी नहीं आता. ऐसे लोग सारी तैयारी करके रोज यही सोचते हैं कि कल से करेंगे. ये योग के खूब वीडियो देखते हैं और सोचते हैं कि बस अब वो योग करेंगे ही करेंगे लेकिन क्या करें, बचारे कल का ही इंतजार करते रहते हैं. हां ये लोग योग सीखना चाहते हैं लेकिन करके नहीं बस देखकर.

ऐसे किस्म के प्राणी योग प्रशिक्षण के लिए क्लास में एडमिशन भी लेना चाहते हैं लेकिन बस इनका कल नहीं आता. बस पता लगाकर कल के इंतजार में बैठे रहते हैं, हां दूसरों को ज्ञान ऐसे देते हैं जैसे खुद योग में पीएचडी कर ली हो. कहने का तात्पर्य है कि भैया कि इन सभी बहानों को अगर आप भी करते हैं तो छोड़ दीजिए और योग करना शुरू कर दीजिए.

रोज नहीं तो हफ्ते में तार दिन तो कर ही सकते हैं. आपको योग टीचर नहीं बनना है इसलिए जो आसान योग है उससे ही शुरूआत कीजिए. कल कभी नहीं आता इसलिए आज की बात कीजिए. बस मोबाइल में योग करे से काम नहीं चलेगा इसलिए जितने भी बिजी हों अपने लिए समय निकालिए, सुबह ना तो शाम को ही सही.

तन-मन को सुंदर रखना है यही सोचकर योग कीजिए, लेकिन योग करना शुरू कर दीजिए. हां फर्क आपको दो महीने बाद नजर आएगा...बहाने मत बनाइए क्योंकि बहाने सबको समझ में आते हैं...एक बात समझ लीजिए योग करने में आपका ही फायद है आपके पड़ोसी का नहीं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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