• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

इंडोनेशिया विमान हादसा: ये एडवांस टेक्नोलॉजी बन गई 189 लोगों की मौत की वजह

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 30 नवम्बर, 2018 12:12 PM
  • 30 नवम्बर, 2018 12:12 PM
offline
अभी तक ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग नहीं मिल सकी है, लेकिन उससे शेयर किए गए डेटा के आधार पर बनी रिपोर्ट ने दुर्घटना की वजह सामने ला दी है. उस प्लेन में मौजूद एंटी-स्टॉल सिस्टम में खराबी आने की वजह से यह भयानक हादसा हुआ.

पिछले महीने जावा समुद्र में जो प्लेन क्रैश हुआ था, उसकी प्राथमिक रिपोर्ट आ चुकी है. इस रिपोर्ट को फ्लाइट रिकॉर्ड द्वारा शेयर किए गए डेटा के आधार पर बनाया गया है. अभी तक ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग नहीं मिल सकी है, लेकिन उससे शेयर किए गए डेटा के आधार पर बनी रिपोर्ट ने दुर्घटना की वजह सामने ला दी है. इस रिपोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि उस दिन 189 लोगों की मौत से पहले उस प्लेन में मौजूद एंटी-स्टॉल सिस्टम और पायलट के बीच काफी संघर्ष हुआ था. इस सिस्टम में आई खराबी की वजह से 13 मिनट तक पायलट उससे जूझता रहा, लेकिन आखिरकार वह हार गया. आपको बता दें कि इस प्लेन को भारतीय पायलट भव्य सुनेजा उड़ा रहे थे.

राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा समिति के प्रमुख एन. उत्तोमो ने बताया उस दिन क्या हुआ था.

क्या है एंटी स्टॉल सिस्टम?

लायन एयर का जो विमान बोइंग-737 मैक्स-8 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, वह इस तरह का सबसे लेटेस्ट विमान था. यह विमान एंटी स्टॉल सिस्टम से लैस था. आपको बता दें कि उड़ते समय जब प्लेन का अगला हिस्सा अधिक ऊपर उठ जाता है तो इसे स्टॉल कहते हैं. ऐसे में विमान के अगले हिस्से यानी नोक को नीचे की तरफ करना होता है, ताकि कोई दुर्घटना ना हो. इसी समस्या का ऑटोमेटिक तरीका ढूंढ़ कर इन नए विमान में एंटी स्टॉल सिस्टम लगाया गया था. लेकिन उस सिस्टम को सेसंर्स की तरफ से जो डेटा मिला, वह गलत था, जिसके चलते विमान बार-बार नीचे की ओर गिरने लगा. करीब दर्जन भर बार विमान के साथ ऐसा हुआ. ये सब करीब 13 मिनट तक चला. पायलट बार-बार विमान को नियंत्रित करने की कोशिश करता था, लेकिन आखिरकार मशीन जीत गई और इंसान हार गया. नतीजा ये हुआ कि लायन एयर का ये विमान जावा समुद्र में समा गया.

... तो आज जिंदा होते 189 लोग

नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के पूर्व...

पिछले महीने जावा समुद्र में जो प्लेन क्रैश हुआ था, उसकी प्राथमिक रिपोर्ट आ चुकी है. इस रिपोर्ट को फ्लाइट रिकॉर्ड द्वारा शेयर किए गए डेटा के आधार पर बनाया गया है. अभी तक ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग नहीं मिल सकी है, लेकिन उससे शेयर किए गए डेटा के आधार पर बनी रिपोर्ट ने दुर्घटना की वजह सामने ला दी है. इस रिपोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि उस दिन 189 लोगों की मौत से पहले उस प्लेन में मौजूद एंटी-स्टॉल सिस्टम और पायलट के बीच काफी संघर्ष हुआ था. इस सिस्टम में आई खराबी की वजह से 13 मिनट तक पायलट उससे जूझता रहा, लेकिन आखिरकार वह हार गया. आपको बता दें कि इस प्लेन को भारतीय पायलट भव्य सुनेजा उड़ा रहे थे.

राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा समिति के प्रमुख एन. उत्तोमो ने बताया उस दिन क्या हुआ था.

क्या है एंटी स्टॉल सिस्टम?

लायन एयर का जो विमान बोइंग-737 मैक्स-8 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, वह इस तरह का सबसे लेटेस्ट विमान था. यह विमान एंटी स्टॉल सिस्टम से लैस था. आपको बता दें कि उड़ते समय जब प्लेन का अगला हिस्सा अधिक ऊपर उठ जाता है तो इसे स्टॉल कहते हैं. ऐसे में विमान के अगले हिस्से यानी नोक को नीचे की तरफ करना होता है, ताकि कोई दुर्घटना ना हो. इसी समस्या का ऑटोमेटिक तरीका ढूंढ़ कर इन नए विमान में एंटी स्टॉल सिस्टम लगाया गया था. लेकिन उस सिस्टम को सेसंर्स की तरफ से जो डेटा मिला, वह गलत था, जिसके चलते विमान बार-बार नीचे की ओर गिरने लगा. करीब दर्जन भर बार विमान के साथ ऐसा हुआ. ये सब करीब 13 मिनट तक चला. पायलट बार-बार विमान को नियंत्रित करने की कोशिश करता था, लेकिन आखिरकार मशीन जीत गई और इंसान हार गया. नतीजा ये हुआ कि लायन एयर का ये विमान जावा समुद्र में समा गया.

... तो आज जिंदा होते 189 लोग

नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के पूर्व चेयरमैन मार्क रोसेंकर का कहना है कि आखिर उस प्लेन के पायलट इतनी देर तक उसी स्थिति में प्लेन क्यों उड़ाते रहे? अगर एंटी स्टॉल सिस्टम की वजह से दिक्कतें आ रही थीं तो उसे स्विच ऑफ क्यों नहीं कर दिया गया? उनका कहना है कि अगर पायलट ने ऐसा किया होता तो आज एयरक्राफ्ट समेत सभी 189 लोग हमारी आंखों के सामने होते. खैर, पायलट ने वह सिस्टम बंद क्यों नहीं किया और उसी स्थिति में प्लेन क्यों उड़ाते रहे, इसकी असल वजह तो तभी सामने आएगी जब ब्लैक बॉक्स मिलेगा, जिसमें पायलट की बातों की रिकॉर्डिंग सुरक्षित है.

उड़ने लायक ही नहीं था विमान

प्राथमिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लायन एयर का वह विमान उड़ने लायक था ही नहीं. उसके एयर स्पीड इंडिकेटर में खराबी थी, बावजूद इसके उसी विमान को उड़ान भरवा दी गई. राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा समिति के प्रमुख एन. उत्तोमो ने विमान की खस्ता हालत की जानकारी दी. लायन एयरलाइन के बोइंग-737 एमएएक्स ने 29 अक्टूबर को जकार्ता से उड़ान भरी थी. इसके 13 मिनट बाद ही एयरलाइन का कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया और विमान में सवार सभी 189 लोग विमान हादसे में मारे गए.

जहां एक ओर अभी इस हादसे की जांच चल रही है, वहीं बोइंग कंपनी के खिलाफ 737 मैक्स विमान के डिजाइन को लेकर 3 केस दर्ज किए जा चुके हैं. बोइंग को इस विमान के दुनियाभर से करीब 4800 ऑर्डर मिले थे, जिसमें सबसे बड़ा ऑर्डर लायन एयर का ही था. उन्होंने 200 विमान का ऑर्डर दिया था. अब लायन एयर दोबारा बोइंग से मिलने वाली है, ताकि अपना ऑर्डर स्टेटस साफ कर सके. अब लायन एयर बोइंग विमान की खराबी के लिए कंपनी को दोषी मानती है या नहीं, इसका फैसला मीटिंग में हो ही जाएगा. लेकिन हादसे वाले दिन वास्तव में क्या हुआ था, इसका सही पता तो तभी चलेगा, जब कॉकपिंग का रिकॉर्डर यानी ब्लैक बॉक्स मिलेगा.

ये भी पढ़ें-

Indonesia Flight crash video दिखाता है एक भयानक अंत

इंडोनेशिया के लिए ये वक्त मौत से जंग लड़ने जैसा हो गया है !

इंडोनेशिया के ये 10 हिंदू स्थान PM को हिंदुस्तान जैसे ही लगेंगे!



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲