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भारतीय नौसेना के बारे में ये बातें जानकर गर्व करेंगे आप!

    • आईचौक
    • Updated: 04 दिसम्बर, 2018 06:40 PM
  • 04 दिसम्बर, 2018 06:33 PM
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भारतीय नेवी असल में जैसे शुरू हुई थी वो सिर्फ अंग्रेजों के जहाजों की रक्षा के लिए था, लेकिन अब बेहद विशाल रूप ले चुकी है. भारतीय नौसेना के बारे में कुछ तथ्य ऐसे हैं जिनके बारे में जानकर शायद आपको गर्व और आश्चर्य दोनों ही हो.

भारतीय नौसेना के बारे में आप कितना जानते हैं? शायद उसकी हालिया उपलब्धि INS अरिहंत के बारे में सुना हो, शायद उसे मिलने वाले नई रूसी हेलिकॉप्टर के बारे में सुना हो या हो सकता है कि सबमरीन INS कालवरी की जानकारी हो जो पिछले एक साल में भारतीय नेवी के खाते में आए हैं और जिनके कारण नेवी की ताकत और बढ़ गई है. पर भारतीय नेवी डे यानी 4 दिसंबर को उसके अस्तित्व के बारे में जान लेना भी जरूरी है. नेवी के 1612 के इतिहास से लेकर 1830 में His Majesty's Indian Navy बनना और बाद में संविधान के साथ-साथ इंडियन नेवी नाम दिया जाना बहुत ही दिलचस्प है. भारतीय नेवी असल में जैसे शुरू हुई थी वो सिर्फ अंग्रेजों के जहाजों की रक्षा के लिए था, लेकिन अब भारतीय समुद्र की रक्षा का जिम्मा उठाने वाली भारतीय नेवी ने हर तरफ तरक्की की है.

भारतीय नौसेना के बारे में कुछ तथ्य ऐसे हैं जिनके बारे में जानकर शायद आपको गर्व और आश्चर्य दोनों ही हो.

1. Navy Day यानी पाकिस्तान पर हमले का दिन-

Navy day असल में भारतीय नौसेना के बनने का दिन नहीं है बल्कि ये तो एक ऐसा ऐतिहासिक दिन है जिसमें भारत की तरफ से पाकिस्तान के कराची नेवल हेडक्वार्टर पर अटैक के लिए सफल तौर पर ऑपरेशन ट्राइडेंट (Trident) पूरा किया गया था. ये एक ऐसा ऑपरेशन था जिसे भारत-पाकिस्तान की 1971 की जंग के समय पूरा किया गया था और इसमें पहली बार एंटी-शिप मिसाइल का प्रयोग किया गया था. ये हमला 4-5 दिसंबर की दरम्‍यानी रात में हुआ था और इसमें पाकिस्तानी जहाजों का नुकसान हुआ था. उनके कार्गो जहाज, माइनस्वीपर और एक जंगी जहाज इस हमले में बेकार हो गए थे. पाकिस्‍तान पर...

भारतीय नौसेना के बारे में आप कितना जानते हैं? शायद उसकी हालिया उपलब्धि INS अरिहंत के बारे में सुना हो, शायद उसे मिलने वाले नई रूसी हेलिकॉप्टर के बारे में सुना हो या हो सकता है कि सबमरीन INS कालवरी की जानकारी हो जो पिछले एक साल में भारतीय नेवी के खाते में आए हैं और जिनके कारण नेवी की ताकत और बढ़ गई है. पर भारतीय नेवी डे यानी 4 दिसंबर को उसके अस्तित्व के बारे में जान लेना भी जरूरी है. नेवी के 1612 के इतिहास से लेकर 1830 में His Majesty's Indian Navy बनना और बाद में संविधान के साथ-साथ इंडियन नेवी नाम दिया जाना बहुत ही दिलचस्प है. भारतीय नेवी असल में जैसे शुरू हुई थी वो सिर्फ अंग्रेजों के जहाजों की रक्षा के लिए था, लेकिन अब भारतीय समुद्र की रक्षा का जिम्मा उठाने वाली भारतीय नेवी ने हर तरफ तरक्की की है.

भारतीय नौसेना के बारे में कुछ तथ्य ऐसे हैं जिनके बारे में जानकर शायद आपको गर्व और आश्चर्य दोनों ही हो.

1. Navy Day यानी पाकिस्तान पर हमले का दिन-

Navy day असल में भारतीय नौसेना के बनने का दिन नहीं है बल्कि ये तो एक ऐसा ऐतिहासिक दिन है जिसमें भारत की तरफ से पाकिस्तान के कराची नेवल हेडक्वार्टर पर अटैक के लिए सफल तौर पर ऑपरेशन ट्राइडेंट (Trident) पूरा किया गया था. ये एक ऐसा ऑपरेशन था जिसे भारत-पाकिस्तान की 1971 की जंग के समय पूरा किया गया था और इसमें पहली बार एंटी-शिप मिसाइल का प्रयोग किया गया था. ये हमला 4-5 दिसंबर की दरम्‍यानी रात में हुआ था और इसमें पाकिस्तानी जहाजों का नुकसान हुआ था. उनके कार्गो जहाज, माइनस्वीपर और एक जंगी जहाज इस हमले में बेकार हो गए थे. पाकिस्‍तान पर नौसैनिक हमले को तेज करते हुए भारत ने 8-9 दिसंबर की रात ऑपरेशन पायथॉन को अंजाम दिया. जिसमें पाक नौसेना की रही सही कमर भी तोड़ दी गई. कराची बंदरगाह पर खड़े उसके दो जहाज डुबा दिए गए. वहां मौजूद बाकी तेल भंडारों को बर्बाद कर दिया गया. इन दोनों हमलों ने पूर्वी पाकिस्‍तान और पश्चिमी पाकिस्‍तान के बीच पाक नौसेना का परिवहन ब्‍लॉक कर दिया. इस तरह ये जीत भारतीय नौसेना की बेहद बेहतरीन उपलब्धि थी.

नेवी डे असल में पाकिस्तान पर हमले के दिन को ध्यान में रखकर मनाया जाता है

2. नेवी डे के इतिहास में है गाजी को डुबोया जाना-

भारतीय नेवी ने 1971 की इंडो पाकिस्तान वॉर में असल में बेहद अहम किरदार निभाया था. सिर्फ ऑपरेशन ट्राइडेंट और पायथन ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी सबमरीन गाज़ी (Ghazi) को डुबाने का श्रेय भी जाता है. सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तानी सबमरीन असल में भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को डुबाने के इरादे से पाकिस्तान से निकली थी और इसे भारतीय नौसेना की सबमरीन INS राजपूत ने 1971 की जंग शुरू होने के पहले ही डुबा दिया था. हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि ये सबमरीन असल में किसी अंदरूनी विस्फोट से डूबी थी.

3. एशिया की सबसे बड़ी नौसेना एकेडमी..

केरल में स्थित Indian Naval Academy (INA) सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि एशिया में सबसे बड़ी एकेडमी है. INA के पास 7 किलोमीटर का एक बीच भी है जो सिर्फ नौसैनिकों को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ट्रेनिंग के लिए इस एकेडमी में बेहद उम्दा प्रोग्राम रखे गए हैं और इस एकेडमी में 12 वीं के बाद NDA की परीक्षा के बाद एडमीशन लिया जा सकता है.

4. दूसरे विश्व युद्ध में नेवी ने किया था कमाल..

हालांकि, तब भारतीय नौसेना अंग्रेजों के अधीन थी, लेकिन उस समय भारतीय नेवी ने भारत और ब्रिटेन के बीच लिंक बनाए रखने में बहुत मेहनत की थी. ये वो दौर था जब ब्रिटेन की हिस्सेदारी विश्व युद्ध में बनाए रखने के लिए कई नौसैनिक दिन रात एक कर रहे थे.

5. इंडियन नेवी का अलग झंडा..

इंडियन नेवी का झंडा समय के साथ-साथ बदलता गया. अभी इस्‍तेमाल हो रहे सफेद ध्‍वज पर एक लाल रंग का क्रॉस है. जिसके बीच में अशोक स्तंभ का निशान है. बाईं ओर के ऊपरी चौखाने में है हमारा तिरंगा झंडा.

ये झंडा अक्सर जंगी जहाजों में इस्तेमाल किया जाता है.

6. दुनिया की टॉप 10 नेवल सर्विसेस में से एक..

भारतीय नेवी दुनिया की 10 सबसे शक्तिशाली नौसेनाओं में से एक हैं. रक्षा विशेषज्ञ इसे दुनिया की 5वीं शक्तिशाली नेवी मानते हैं. भारतीय नेवी में 1 जुलाई 2017 तक 67,228 लोग शामिल थे और साथ ही नेवी के पास बेहद आकर्षक जहाजों, सबमरीन, एयरक्राफ्ट आदि की फ्लीट है. साथ ही कई नए सौदे हो चुके हैं और भारत की पहली न्यूक्लियर स्वदेशी सबमरीन INS अरिहंत भी अपनी पेट्रोलिंग पूरी कर चुकी है.

7. भारतीय नेवी के पास है समुद्र में सबसे तेज चलने वाली मिसाइल

अप्रैल 2018 की ही खबर थी कि भारत से करीब 5 ऐसे देश हैं जो ब्रह्मोस मिसाइल खरीद सकते हैं. ये एक ऐसी सुपरसॉनिक मिसाइल है जो पूरी दुनिया में पानी के नीचे चलने वाली सबसे तेज़ मिसाइल है. इसकी स्पीड 2.8 – 3.0 Mach (ऑब्जेक्ट की गति और ध्वनि की गति का अनुपात) है.

ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज सुपरसॉनिक मिसाइल है

8. सबसे पहला एयरक्राफ्ट कैरियर

INS विराट दुनिया का सबसे पहला एयरक्राफ्ट कैरियर था जो 1959 में बनाया गया था तब इसका नाम HMS Hermes था जिसे ब्रिटिश नौसेना इस्तेमाल में लाती थी, लेकिन 1987 में इसे भारत को बेच दिया गया और ये एयरक्राफ्ट कैरियर भारतीय नेवी की सर्विस में 30 साल रहा.

9. नेवी कमांडो मगरमच्छ..

MARCOS या मरीन कमांडोज जिनका कोडनेम है मगरमच्छ. असल में भारतीय नौसेना के बेहद भरोसेमंद कमांडो हैं जिन्हें सबसे चुनौतीपूर्ण मिशन पर भेजा जाता है. ये समझ लीजिए कि ये भारत के नेवी सील्‍स हैं. इन कमांडो से आतंकी भी घबराते हैं. इन्हें दाढ़ी वाली फौज का नाम दिया गया है क्योंकि ये अक्सर भेस बदल कर सिविलियन के बीच घुस जाते हैं. मुंबई आतंकी हमले के समय भी इन कमांडो ने लोगों को बचाने में काफी मदद की थी. मार्कोस कमांडो को ऐसी कठिन ट्रेनिंग दी जाती है कि उनमें से 90% लोग सिलेक्ट नहीं हो पाते और बाहर हो जाते हैं. इसके अलावा, दुनिया में सिर्फ दो एरोबैटिक टीम हैं जिनमें से एक हमारे देश में है जिसका नाम है सागर पवन.

नेवी के ये कमांडोज अक्सर खूफिया मिशन पर भेजे जाते हैं.

10. पाताल की गहराई नाप लेने वाली सबमरीन टीम चढ़ चुकी है एवरेस्ट..

भारतीय नेवी की टीम ने नॉर्थ पोल, साउथ पोल और एवरेस्ट पर सफल ट्रेनिंग और अभियान किया है. यहां तक कि एवरेस्ट पर जाने वाली पहली सबमरीन टीम भारतीय नेवी की ही है. वो कठिन से कठिन जगह जाकर अपने अभियान पूरे किए हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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