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चूरू में सोनू की स्वीटी किसी टीटू की बनी और जमकर बेइज्जती हुई, वजह मुई शराब है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 17 मई, 2022 10:32 PM
  • 17 मई, 2022 10:32 PM
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राजस्थान के चूरू में अपनी ही शादी में शराब के नशे में धुत होकर पार्टी करने वाले दूल्हे को दुल्हन पक्ष की तरह से जो सबक सिखाया गया है उसने एक नजीर स्थापित की है. कह सकते हैं कि अब न केवल लड़की वाले बल्कि लड़कियां भी खुद जागरूक हो गयी हैं इसलिए शादी और उसकी रस्मों में लड़के वालों की मोनोपॉली नहीं चलेगी.

आदमी की जिंदगी बहुत छोटी है. 14-16 साल के बीच हाई स्कूल. फिर इंटर. उसके बाद ग्रेजुएशन और पीजी फिर नौकरी खोजने की जद्दोजहद यानी 22-25 साल. पहली नौकरी के बाद आदमी थोड़ा बहुत गैप देता है और शादी करता है. इंसान को पता है कि शादी हो गयी फिर बच्चे, उनकी लिखाई-पढ़ाई शादी-बिआह और जीवन ख़त्म इसलिए चाहे वो स्त्री हो या पुरुष अपनी शादी पर एक्साइट मेंट सबको रहता है. कुछ लोग अपना एक्साइट मेंट संभाल लेते हैं. और जो नहीं संभाल पाते, उनका हाल हरियाणा के सुनील जैसा होता है जिनकी स्वीटी, किसी टीटू की हो जाती है और जब तक उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है, चिड़िया खेत चुगकर दूर, बहुत दूर निकल जाती है. 

स्वीटी, टीटू, खेत, चिड़िया इसपर कन्फ्यूज नहीं होना है और फोकस सिर्फ सुनील पर रखना है. असल में हरियाणा के सुनील की शादी राजस्थान स्थित चूरू के एक गांव में मंजू से फिक्स हुई थी. सुनील के घरवाले बारात लेकर निकले और सही समय पर लड़की के गांव भी पहुंच गए. गांव में किसी स्थान पर बारात के ठहरने का इंतजाम किया गया जहां से रात नौ बजे बारात निकालनी थी. यहीं सारा ब्लंडर हुआ.

चूरू में नशे में धुत दूल्हे ने जो किया वो पार्टी नहीं बदतमीजी है, फल तो भोगना ही था

शादी एन्जॉय करने और धमाल के उद्देश्य से दूल्हे के दोस्तों ने न केवल खुद शराब पी बल्कि दूल्हे को भी पिलाई. नशे में धुत दूल्हा और उसके दोस्त घंटों डीजे की धुन पर नाचे जिससे हुआ ये कि शादी मुहूर्त निकल गया. दूल्हे की इस हरकत से लड़की और उसके घर वाले खूब नाराज हुए और उन्होंने लड़की की शादी किसी और से कर दी.

घटना पर लड़की वालों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सात फेरों की रस्म में ही जब इतनी लापरवाही रही तो फिर आगे ये लोग क्यों रिश्ता निभा पायेंगे. मामला थाने पहुंचा जहां लड़के...

आदमी की जिंदगी बहुत छोटी है. 14-16 साल के बीच हाई स्कूल. फिर इंटर. उसके बाद ग्रेजुएशन और पीजी फिर नौकरी खोजने की जद्दोजहद यानी 22-25 साल. पहली नौकरी के बाद आदमी थोड़ा बहुत गैप देता है और शादी करता है. इंसान को पता है कि शादी हो गयी फिर बच्चे, उनकी लिखाई-पढ़ाई शादी-बिआह और जीवन ख़त्म इसलिए चाहे वो स्त्री हो या पुरुष अपनी शादी पर एक्साइट मेंट सबको रहता है. कुछ लोग अपना एक्साइट मेंट संभाल लेते हैं. और जो नहीं संभाल पाते, उनका हाल हरियाणा के सुनील जैसा होता है जिनकी स्वीटी, किसी टीटू की हो जाती है और जब तक उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है, चिड़िया खेत चुगकर दूर, बहुत दूर निकल जाती है. 

स्वीटी, टीटू, खेत, चिड़िया इसपर कन्फ्यूज नहीं होना है और फोकस सिर्फ सुनील पर रखना है. असल में हरियाणा के सुनील की शादी राजस्थान स्थित चूरू के एक गांव में मंजू से फिक्स हुई थी. सुनील के घरवाले बारात लेकर निकले और सही समय पर लड़की के गांव भी पहुंच गए. गांव में किसी स्थान पर बारात के ठहरने का इंतजाम किया गया जहां से रात नौ बजे बारात निकालनी थी. यहीं सारा ब्लंडर हुआ.

चूरू में नशे में धुत दूल्हे ने जो किया वो पार्टी नहीं बदतमीजी है, फल तो भोगना ही था

शादी एन्जॉय करने और धमाल के उद्देश्य से दूल्हे के दोस्तों ने न केवल खुद शराब पी बल्कि दूल्हे को भी पिलाई. नशे में धुत दूल्हा और उसके दोस्त घंटों डीजे की धुन पर नाचे जिससे हुआ ये कि शादी मुहूर्त निकल गया. दूल्हे की इस हरकत से लड़की और उसके घर वाले खूब नाराज हुए और उन्होंने लड़की की शादी किसी और से कर दी.

घटना पर लड़की वालों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सात फेरों की रस्म में ही जब इतनी लापरवाही रही तो फिर आगे ये लोग क्यों रिश्ता निभा पायेंगे. मामला थाने पहुंचा जहां लड़के वालों ने लड़की वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, बाद ने पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर विवाद की आग को ठंडा किया. 

मामले के मद्देनजर जो जानकारी निकल कर सामने आई है उसके मुताबिक 9 बजे निकली बारात डीजे की धुन और शराब के नशे में ऐसा डूबी की रात 2 बजे तक डांस होता रहा. उधर दुल्हन मंडप में दूल्हे का इंतजार करती रही. रात का 2 बज चुका था और क्योंकि बारात मंडप नहीं पहुंची तो शादी की रस्मों का प्रभावित होना भी लाजमी था. इससे वधू पक्ष के लोग खूब नाराज हुए. वहीं जब इन्होने लड़के वालों से हुड़दंग बंद करने को कहा तो बात कुछ इतनी बढ़ी की नौबत झगड़े की आ गई. 

शादी का मुहूर्त निकल चुका था और बार बार कहने के बावजूद जब दूल्हा मंडप पर नहीं पहुंचा तो दुल्हन और उसके परिजनों ने शादी किसी अन्य लड़के से कराने का फैसला कर लिया.

भले ही पुलिस ने मामले को सुलझा लिया हो लेकिन कहीं न कहीं इस घटना ने एक नजीर स्थापित की है. कह सकते हैं कि अब न केवल लड़कीवाले बल्कि लड़कियां भी खुद जागरूक हो गयी हैं इसलिए शादी और उसकी रस्मों में लड़के वालों की मोनोपॉली नहीं चलेगी. अगर कहीं लड़के वालों ने मूर्खता की है तो इसी तरह ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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