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देश के वो इलाके जो कुछ खास मौसम से डरते हैं

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 28 जून, 2018 03:49 PM
  • 28 जून, 2018 03:49 PM
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भारत में हर साल कुछ राज्यों में एक जैसा ही मौसम रहता है. एक जैसी ही त्रासदी होती है, एक तरह की ही खबरें आती हैं और हेडलाइन्स भी एक तरह की ही बनती है.

दिल्ली में चिलचिलाती धूप और गर्मी के बीच हल्की बारिश के छींटे पड़ गए और फिर बारिश ने उमस कर दी. ये दिल्ली का आम हाल है. यहां आंधी आती है, थोड़ी सी बारिश होती है और फिर उमस बढ़ जाती है. दिल्ली में मॉनसून का कोई खास रोल रहता नहीं है. दिल्ली की गर्मी लोगों को परेशान करती ही रहती है.

भारतीय मौसम की कुछ खास खूबियां हैं. यहां हर साल कुछ राज्यों में एक जैसा ही मौसम रहता है. एक जैसी ही त्रासदी होती है, एक तरह की ही खबरें आती हैं और हेडलाइन्स भी एक तरह की ही बनती है. ये वो हेडलाइन्स हैं जो भारतीय मौसम के हिसाब से पक्की हैं.

1. मुंबई जलमग्न होगा ही होगा..

'मुंबई में बारिश, जलमग्न हुई मायानगरी'.. कुछ ऐसी हेडलाइन्स हमेशा मुंबई में मॉनसून आते ही बन जाती हैं. हर साल मुंबई में जून-जुलाई और कभी-कभी अगस्त का महीना इसी वजह से सुर्खियों में रहता है. मायानगरी की माया मानसून हर साल ले जाता है. चाहें कुछ भी हो वहां बदलाव नहीं होते. अंग्रेजों के जमाने का ड्रेनेज सिस्टम पानी को शहर से निकालने में देर कर देता है.

2. मराठवाड़े में सूखा पड़ेगा ही..

'लातूर में फिर सूखा कुएं का पानी, मुश्किल में फंसे लोग'.. कुछ ऐसी हेडलाइन मराठवाड़े यानी औरंगाबाद, लातूर, ओसमानाबाद, नांदेड, परभणी, बीड, हिंगोली और जालना से आती है. चाहें पूरे महाराष्ट्र में कितनी ही बारिश क्यों न हो रही हो मराठवाड़ा सूखे की मार झेलेगा ही झेलेगा. यहां कोई बदलाव नहीं होता. पठारी क्षेत्र होने के कारण चाहें कितनी भी बारिश हो ये इलाका मानसून के बाद सूखे की मार झेल ही लेता है.

3. उत्तराखंड में बादल भी फटेगा और भूस्खलन भी होगा..

'उत्तराखंड में बादल फटा, भूस्खलन में भी लोग हताहत'.. कुछ ऐसी हेडलाइन्स हर साल बारिश के बाद उत्तराखंड से आती है....

दिल्ली में चिलचिलाती धूप और गर्मी के बीच हल्की बारिश के छींटे पड़ गए और फिर बारिश ने उमस कर दी. ये दिल्ली का आम हाल है. यहां आंधी आती है, थोड़ी सी बारिश होती है और फिर उमस बढ़ जाती है. दिल्ली में मॉनसून का कोई खास रोल रहता नहीं है. दिल्ली की गर्मी लोगों को परेशान करती ही रहती है.

भारतीय मौसम की कुछ खास खूबियां हैं. यहां हर साल कुछ राज्यों में एक जैसा ही मौसम रहता है. एक जैसी ही त्रासदी होती है, एक तरह की ही खबरें आती हैं और हेडलाइन्स भी एक तरह की ही बनती है. ये वो हेडलाइन्स हैं जो भारतीय मौसम के हिसाब से पक्की हैं.

1. मुंबई जलमग्न होगा ही होगा..

'मुंबई में बारिश, जलमग्न हुई मायानगरी'.. कुछ ऐसी हेडलाइन्स हमेशा मुंबई में मॉनसून आते ही बन जाती हैं. हर साल मुंबई में जून-जुलाई और कभी-कभी अगस्त का महीना इसी वजह से सुर्खियों में रहता है. मायानगरी की माया मानसून हर साल ले जाता है. चाहें कुछ भी हो वहां बदलाव नहीं होते. अंग्रेजों के जमाने का ड्रेनेज सिस्टम पानी को शहर से निकालने में देर कर देता है.

2. मराठवाड़े में सूखा पड़ेगा ही..

'लातूर में फिर सूखा कुएं का पानी, मुश्किल में फंसे लोग'.. कुछ ऐसी हेडलाइन मराठवाड़े यानी औरंगाबाद, लातूर, ओसमानाबाद, नांदेड, परभणी, बीड, हिंगोली और जालना से आती है. चाहें पूरे महाराष्ट्र में कितनी ही बारिश क्यों न हो रही हो मराठवाड़ा सूखे की मार झेलेगा ही झेलेगा. यहां कोई बदलाव नहीं होता. पठारी क्षेत्र होने के कारण चाहें कितनी भी बारिश हो ये इलाका मानसून के बाद सूखे की मार झेल ही लेता है.

3. उत्तराखंड में बादल भी फटेगा और भूस्खलन भी होगा..

'उत्तराखंड में बादल फटा, भूस्खलन में भी लोग हताहत'.. कुछ ऐसी हेडलाइन्स हर साल बारिश के बाद उत्तराखंड से आती है. वहां की भौगोलिक स्थिती कुछ ऐसी है कि पहाड़ों पर बादल से कहर बरस ही जाता है. ज्यादा बारिश से वहां भूस्खलन की खबरें भी आती ही रहती हैं.

4. बिहार, असम में बाढ़ आएगी ही आएगी..

'बिहार और असम में बाढ़, बेघर हुए हज़ारों लोग'.. असम और बिहार की नदियां हर साल मॉनसून में उफान पर आ जाती हैं और बंगाल की खाड़ी में चल रहे बदलाव का असर इन दोनों के साथ-साथ ओड़ीसा पर भी पड़ता है. सभी जगह मॉनसून के सीजन में बाढ़ आ ही जाती है.

5. दिल्ली में गर्मी मारेगी ही मारेगी..

'दिल्ली में गर्मी से बेहाल लोग, लू में कई लोगों की मौत'.. ये है जनाब देश की राजधानी दिल्ली का हाल. यहां दो ही मौसम होते हैं या तो सर्दी जो दो महीने की ही होती है और या गर्मी जो कम से कम 8 महीने लोगों को परेशान करती है. बाकी बचे दो महीने मौसम सुहाना होता है. वैसे तो पूरे देश में गर्मी 4 महीनों में खत्म हो जाती है पर दिल्ली में मॉनसून में भी कुछ गर्मी जैसे हालात बनते रहते हैं. साल दर साल दिल्ली का मौसम खराब ही होता जा रहा है.

6. चेन्नई में तूफान आएगा ही आएगा..

'चेन्नई में फिर Cyclone, हज़ारों हताहत'.. चेन्नई ऐसी जगह बसा हुआ है कि वहां बंगाल की खाड़ी का सारा दबाव दिखता है. ऐसे में चक्रवात या तूफान चेन्नई में आम बात है. वहां के लोग भी अब इस बात को जानते हैं और तैयार रहते हैं.

7. राजस्थान, दिल्ली में आंधी आएगी ही आएगी..

'राजस्थान और दिल्ली में आंधी, कई जगह गिरे पेड़'.. राजस्थान से चलने वाली आंधी दिल्ली में आकर रुकती है और दिल्ली और राजस्थान दोनों को ही परेशान कर देती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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