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Explainer: हिंदू धर्म अपनाने के लिए क्या कोई धार्मिक और कानूनी तरीका है?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 06 दिसम्बर, 2021 08:59 PM
  • 06 दिसम्बर, 2021 08:59 PM
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अन्य मजहब या रिलीजन की तरह हिंदू बनने के आधिकारिक तौर पर (How To Convert To Hinduism) कोई प्रक्रिया या संस्कार नही है. हिंदू धर्म का मूल ही ये है कि किसी को हिंदू (Hindu) बनने के लिए धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) की जरूरत ही नहीं है. हिंदू बनने के लिए धर्म को ग्रहण करने के प्रति इच्छा और समर्पण की आवश्यकता होती है.

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) अब जितेंद्र नारायण त्यागी के नाम से जाने जाएंगे. वसीम रिजवी ने कुछ दिनों पहले ऐलान किया था कि वह सनातन यानी हिंदू धर्म अपनाएंगे. उन्होंने गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के समक्ष पूरे विधि-विधान से इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. हिंदू धर्म अपनाने के बाद वसीम रिजवी का नामकरण जितेंद्र नारायण त्यागी के तौर पर हुआ. सनातन धर्म स्वीकारने के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी का कहना है कि 'जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन सा धर्म स्वीकार करूं. सनातम धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है. जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, किसी और धर्म में नहीं. इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते हैं.' इस स्थिति में सवाल उठने लाजिमी है कि क्या कोई भी हिंदू बन सकता है? अगर हां, तो इसकी क्या प्रक्रिया होती है? क्या मंदिर में धार्मिक अनुष्ठानों के जरिये किसी को हिंदू बनाया जा सकता है? क्या धार्मिक अनुष्ठानों से इतर भी हिंदू बनने का कोई तरीका है?

शपथ पत्र में लिखा होता है कि हिंदू धर्म में शामिल होने के लिए उस पर किसी तरह का दबाव या उसे कोई लालच नहीं दिया गया है.

क्या कोई भी हिंदू बन सकता है?

अन्य मजहब या रिलीजन की तरह हिंदू बनने के लिए आधिकारिक तौर पर (How To Convert In Hinduism) कोई प्रक्रिया या संस्कार नही है. हिंदू धर्म का मूल ही ये है कि किसी को हिंदू बनने के लिए धर्म परिवर्तन की जरूरत ही नहीं है. हिंदू बनने के लिए धर्म को ग्रहण करने के प्रति इच्छा और समर्पण की आवश्यकता होती है. इच्छुक व्यक्ति/महिला को हिंदू धर्म अपनाने के लिए केवल अपनी इच्छा दर्शानी (Anyone Can Become Hindu) होती है. क्योंकि, हिंदू धर्म...

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) अब जितेंद्र नारायण त्यागी के नाम से जाने जाएंगे. वसीम रिजवी ने कुछ दिनों पहले ऐलान किया था कि वह सनातन यानी हिंदू धर्म अपनाएंगे. उन्होंने गाजियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के समक्ष पूरे विधि-विधान से इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. हिंदू धर्म अपनाने के बाद वसीम रिजवी का नामकरण जितेंद्र नारायण त्यागी के तौर पर हुआ. सनातन धर्म स्वीकारने के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी का कहना है कि 'जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन सा धर्म स्वीकार करूं. सनातम धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है. जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, किसी और धर्म में नहीं. इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते हैं.' इस स्थिति में सवाल उठने लाजिमी है कि क्या कोई भी हिंदू बन सकता है? अगर हां, तो इसकी क्या प्रक्रिया होती है? क्या मंदिर में धार्मिक अनुष्ठानों के जरिये किसी को हिंदू बनाया जा सकता है? क्या धार्मिक अनुष्ठानों से इतर भी हिंदू बनने का कोई तरीका है?

शपथ पत्र में लिखा होता है कि हिंदू धर्म में शामिल होने के लिए उस पर किसी तरह का दबाव या उसे कोई लालच नहीं दिया गया है.

क्या कोई भी हिंदू बन सकता है?

अन्य मजहब या रिलीजन की तरह हिंदू बनने के लिए आधिकारिक तौर पर (How To Convert In Hinduism) कोई प्रक्रिया या संस्कार नही है. हिंदू धर्म का मूल ही ये है कि किसी को हिंदू बनने के लिए धर्म परिवर्तन की जरूरत ही नहीं है. हिंदू बनने के लिए धर्म को ग्रहण करने के प्रति इच्छा और समर्पण की आवश्यकता होती है. इच्छुक व्यक्ति/महिला को हिंदू धर्म अपनाने के लिए केवल अपनी इच्छा दर्शानी (Anyone Can Become Hindu) होती है. क्योंकि, हिंदू धर्म (Hindu Dharma) का मानना है कि कोई भी व्यक्ति पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान प्राप्त कर सकता है, बस उसके पास इसके लिए इच्छा होनी चाहिए. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 2005 के एक फैसले में हिंदू धर्म को एक जीवन शैली बताया था. हिंदू धर्म में कोई भी व्यक्ति चाहे, तो खुद को इस धर्म से जोड़ सकता है. हिंदू धर्म में रहते हुए मंदिर न जाने वाले या पूजा-पाठ और कर्मकांड न करने वाले लोग भी हिंदू बने रहते हैं.

कैसे बन सकते हैं हिंदू?

हिंदू धर्म में कनवर्ट (Convert In Hinduism) होने या परिवर्तित होने के मुख्य तौर पर दो तरीके हैं. एक कानूनी तरीका है और एक वो तरीका है जो वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने अपनाया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो संविधान की ओर से कानूनी हक के तौर पर अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन का एक तरीका है. दूसरा तरीका, किसी आर्य समाज के मंदिर या अन्य किसी मंदिर (जहां हिंदू धर्म ग्रहण कराया जाता है) में जाकर धर्म परिवर्तन किया जा सकता है. पहला तरीका कानूनी कागजों के सहारे पूरा होता है. वहीं, दूसरे तरीके में किसी मंदिर में जाकर अनुष्ठानों और शुद्धिकरण मंत्रों के बीच हिंदू बना जा सकता है.

मंदिर में जाकर कैसे बन सकते हैं हिंदू?

हिंदू धर्म में धर्म परिवर्तन करने के लिए इच्छुक व्यक्ति आर्य समाज मंदिर में जाकर इसके लिए लिखित में पत्र देना पड़ता है. इसके साथ ही एक एफिडेविट यानी शपथ पत्र भी बनवाया जाता है. जिसमें यह लिखा होता है कि हिंदू धर्म ग्रहण करने जा रहा व्यक्ति/महिला अपनी स्वतंत्र इच्छा से ऐसा कर रही है. इसके लिए उस पर किसी तरह का दबाव या उसे कोई लालच नहीं दिया गया है. इसके साथ ही उक्त व्यक्ति/महिला को अपनी उम्र और निवास के प्रमाण पत्र अपने और दो अन्य गवाहों के हस्ताक्षर के साथ जमा करना होता है. यहां ये बताना जरूरी है कि हर मंदिर में धर्म परिवर्तन नहीं कराया जाता है. इस कागजी प्रक्रिया के पूरा होने के बाद आर्य समाज मंदिर के पुजारी इच्छुक व्यक्ति/महिला को शुद्धिकरण संस्कार के साथ हिंदू धर्म यानी सनातन धर्म ग्रहण कराते हैं. इस दौरान होने वाले हवन में पुजारी के आदेश पर वेदों के कुछ श्लोकों को धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति/महिला द्वारा बोला जाता है. शुद्धिकरण संस्कार और हवन वगैरह की प्रक्रिया में करीब दो घंटे लगते हैं. जिसके बाद हिंदू धर्म में कनवर्जन का सर्टिफिकेट दे दिया जाता है. 

क्या है हिंदू बनने का कानूनी तरीका?

भारत का संविधान देश के हर नागरिक को उसके निजी अधिकार के तौर पर धर्म चुनने की आजादी देता है. अगर कोई अपने मजहब को छोड़कर हिंदू धर्म में वापसी करना चाहता है, तो कर सकता है. हालांकि, किसी को डरा-धमका कर या लालच देकर धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता है. यहां तक कि शादी के बाद भी धर्म परिवर्तन करना जरूरी नहीं है. बहु विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन करने वालों के लिए कानून में सजा का प्रावधान है. वैसे, कानूनी तौर पर हिंदू धर्म में शामिल होने के लिए सबसे पहले एक एफिडेविट बनवाना होता है. जिसमें बिना किसी जोर-जबर्दस्ती या लालच में आकर खुद की इच्छा से हिंदू धर्म ग्रहण करने की शपथ लिखी होती है. इसमें बदला हुआ नाम, धर्म और निवास लिखा होता है. इसके साथ ही उम्र और निवास के प्रमाण पत्र भी दिए जाते हैं. जिन्हें नोटरी कराकर अटेस्ट कराया जाता है. इसके बाद किसी दैनिक अखबार में हिंदू धर्म में परिवर्तित यानी कनवर्ट होने की जानकारी को एक विज्ञापन के तौर पर प्रकाशित कराना भी जरूरी होता है.

इस प्रक्रिया के बाद हिंदू बनने वाले व्यक्ति/महिला को जिलाधिकारी ऑफिस के अंतर्गत आने वाले गजट ऑफिस में सरकारी कागजों में अपने धर्म को दर्ज कराने के लिए आवेदन करना होता है. इस आवेदन के लिए भी तमाम तरह के डॉक्युमेंट्स और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती है. आवेदन करने के बाद सामान्य तौर पर सरकारी प्रक्रिया पूरी होने में 60 दिन या उससे ज्यादा समय लग सकता है. जिलाधिकारी के गजट ऑफिस में कनवर्ट होने वाले व्यक्ति/महिला का नया धर्म दर्ज होने के साथ ही आवेदनकर्ता आधिकारिक तौर पर हिंदू धर्म में शामिल हो जाता है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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