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New year party में किन लड़कियों को समझ लिया जाता है आसान 'शिकार'!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 31 दिसम्बर, 2021 03:09 PM
  • 31 दिसम्बर, 2021 03:03 PM
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न्यू ईयर पार्टी (New Year Party) में अगर कोई लड़की ड्रिंक करती दिख जाए तो कुछ कुछ लोगों को ग्रीन सिग्नल दिख जाता है. यदि लड़की ने छोटे कपड़े पहने है, तो मान लिया जाता है कि वो न्यौता दे रही है. यदि देखकर हंस दे, तो और क्या चाहिए?

नए साल (New Year 2022) के जश्न को लड़कियों में खास उत्साह रहता है. न्यू ईयर पार्टी (New Year party) को लेकर उनकी तैयारियां ड्रेस सिलेक्ट करने से लेकर सेलिब्रेशन के अलग अलग तरीकों पर एक्सपेरिमेंट करने की भी होती है. लेकिन, इन तमाम तैयारियों के बीच एक चिंता भी साथ चलती है. फिक्र होती है, सुरक्षा को लेकर. लड़कियां को सुरक्षित रहने के लिए हिदायतें दी जाने लगती हैं. यह सुनने में ऐसा लग रहा है जैसे लड़कियों की गलती की वजह से ही पार्टियों में उनके साथ बदसलूकी होती है. सवाल ये उठता है कि लड़कियों पर निशाना साधने के बजाए बात सिर्फ उन लोगों तक क्यों नहीं रह पाती, जो नए साल का जश्‍न मनाने घर से निकली लड़की को 'अवसर' मानने लगते हैं?

भाई जैसे आप नया साल का जश्न मनाने गए हो वैसे लड़कियां भी आई हैं. तो आप सही औऱ वे गलत कैसे हो गईं. अब पब और रेस्‍त्रां में तो लड़के-लड़कियां दोनों ही आते हैं फिर ऐसी घटिया सोच क्यों? जियो और जीने दो यार...

मुझे याद है यूनिवर्सिटी की फ्रेशर्स पार्टी में कैसे मेरे दोस्तों ने कुछ जूनियर लड़कियों के पहवाने को देखकर क़ॉमेंट किया था कि ये तो रेडी टू ईट हैं. मुझे यह बात आज तक चुभती है, क्योंकि मेरी उनसे बहस हो गई थी.

न्यू ईयर पार्टी में इस तरह की लड़कियाों का होना समाज को कब तक चुभेगा

लोग पार्टी में जाकर गिद्ध जैसी निगाहों से लड़कियों को देखते हैं. हम यहां बता रहे हैं कि लड़कियों को कब वे अपना टारगेट समझने लगते हैं. लड़की पार्टी करने गई है यह उसकी अपनी च्वाइस है, वह दूसरों के लिए पार्टी में नहीं जाती. कुछ लोगों को तो यही लगता है कि लड़की यदि रात में पार्टी करने आई है, तो उन्हीं के लिए आई है.

लड़की ने शराब पी ली, मतलब बोतल में उतार...

नए साल (New Year 2022) के जश्न को लड़कियों में खास उत्साह रहता है. न्यू ईयर पार्टी (New Year party) को लेकर उनकी तैयारियां ड्रेस सिलेक्ट करने से लेकर सेलिब्रेशन के अलग अलग तरीकों पर एक्सपेरिमेंट करने की भी होती है. लेकिन, इन तमाम तैयारियों के बीच एक चिंता भी साथ चलती है. फिक्र होती है, सुरक्षा को लेकर. लड़कियां को सुरक्षित रहने के लिए हिदायतें दी जाने लगती हैं. यह सुनने में ऐसा लग रहा है जैसे लड़कियों की गलती की वजह से ही पार्टियों में उनके साथ बदसलूकी होती है. सवाल ये उठता है कि लड़कियों पर निशाना साधने के बजाए बात सिर्फ उन लोगों तक क्यों नहीं रह पाती, जो नए साल का जश्‍न मनाने घर से निकली लड़की को 'अवसर' मानने लगते हैं?

भाई जैसे आप नया साल का जश्न मनाने गए हो वैसे लड़कियां भी आई हैं. तो आप सही औऱ वे गलत कैसे हो गईं. अब पब और रेस्‍त्रां में तो लड़के-लड़कियां दोनों ही आते हैं फिर ऐसी घटिया सोच क्यों? जियो और जीने दो यार...

मुझे याद है यूनिवर्सिटी की फ्रेशर्स पार्टी में कैसे मेरे दोस्तों ने कुछ जूनियर लड़कियों के पहवाने को देखकर क़ॉमेंट किया था कि ये तो रेडी टू ईट हैं. मुझे यह बात आज तक चुभती है, क्योंकि मेरी उनसे बहस हो गई थी.

न्यू ईयर पार्टी में इस तरह की लड़कियाों का होना समाज को कब तक चुभेगा

लोग पार्टी में जाकर गिद्ध जैसी निगाहों से लड़कियों को देखते हैं. हम यहां बता रहे हैं कि लड़कियों को कब वे अपना टारगेट समझने लगते हैं. लड़की पार्टी करने गई है यह उसकी अपनी च्वाइस है, वह दूसरों के लिए पार्टी में नहीं जाती. कुछ लोगों को तो यही लगता है कि लड़की यदि रात में पार्टी करने आई है, तो उन्हीं के लिए आई है.

लड़की ने शराब पी ली, मतलब बोतल में उतार लो!

पार्टी में अगर कोई लड़की ड्रिंक करती दिख जाए तो कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें ग्रीन सिंगनल मिल गया है. लोगों की सोच ऐसी होती है कि लड़की दारू पी सकती है तो वो कुछ भी कर सकती है. ऐसे लोगों को लड़की को दारू ऑफर करने से पहले सोचने की जरूरत है कि जो शराब पी सकती है वह कुछ भी नहीं कर सकती. हद लांघने की कोशिश करने वालों के मनमुताबिक तो बिल्कुल नहीं.  

हंस रही है, मतलब आमंत्रण दे रही है!

लड़की हंसी मतलब फंसी...भाई साहब इस कहावत को लोगों ने इतना सीरियस ले लिया है कि पूछिए मत. अगर कोई लड़की हंस कर दो चार लोगों से बातें कर ले तो लोग उसे गलत ही समझ लेते हैं. लड़की तो है इस जमाने की सोच रखने वाली लेकिन कुछ लोगों का दिमाग आज भी वही है.

लड़कों से फ्रैंक होकर बात कर रही है, मतलब...!

लोगों को लगता है कि जो लड़कियां जल्दी घुल-मिल जाती हैं. जो लड़िकियां फ्री-फ्रैंक होती हैं उन्हें किसी भी बात के लिए आसानी से मनाया जा सकता है. लड़कियां दोस्ती का मतलब दोस्त ही समझती हैं, लेकिन लोगों के लिए वह दोस्ती के कहीं आगे की बात होती है. इसलिए लड़कियों को अजनबियों से दोस्ती ना करने की सलाह दी जाती है.   

छोटे कपड़े पहनकर आई, मतलब शरीर दिखा रही है!

कुछ लोगों की यह बेहद ओछी सोच होती है. वे लड़कियों को उसके कपड़ों के आधार पर जज करते हैं. अगर पार्टी में लड़की ने छोटे कपड़े पहने हैं और लाउड मेकअप किया है मतलब उसका तो कैरेक्टर ही खराब है. उसके साथ तो कोई कुछ भी कर सकता है. जबकि लड़कियों को ऐसी सोच रखने वालों से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

रात अकेले बाहर आई है, मतलब वन नाइट स्टैंड वाली है!

ये बड़ी अजीब बात है कि देर रात घर आने वाली लड़कियों को लोग गलत नजरों से ही देखते हैं. भले ही वह दोस्तों के साथ पार्टी करके आ रही हो या फिर ऑफिस से आ रही है. शाम 7 बजे तक घर आने वाली लड़की को आज भी सभ्य माना जाता है. अगर कोई लड़की 10 बजे के बाद घर आती है तो पड़ोसी से लेकर सोसाइटी वाले यही मान लेते हैं कि उसका चरित्र खराब है और उसे आसानी से हासिल किया जा सकता है.

 

पार्टी में सिंगल है, मतलब साथी की जरूरत है!

पार्टी में अगर कई कोई लड़की अकेली दिख जाए तब तो लोग पक्का मान लेते हैं कि यह हमारे इंतजार में ही बैठी है. जैसे वह पार्टी में सिंगल से मिंगल होने के लिए ही आई हो. गंदी नजर रखने वालों को लगता है कि अकेली लड़की खुली तिजोरी है. वह इतनी रात में आखिर अकेले पार्टी में क्यों आएगी? भले ही किसी का इंतजार कर रही हो या फिर उसे अकेले ही पार्टी का लुफ्त लेना हो.

असल में फिल्मों में इस तरह के सीन इतने ज्यादा दिखा दिए गए हैं कि लोग उसे ही हकीकत मान बैठे हैं. पता नहीं लोगों ने लड़कियों को समझ क्या रखा है. जैसे लड़कियां कोई चीज नहीं खिलौना है. जो सिर्फ जी बहलाने के काम आती हैं. ऐसे लोग खुद को शीशे में देख लें तो अपनी हरकतों को याद कर इन्हें खुद पर शर्म आ जाएगी. भाई लड़कियों को जज करने से पहले खुद को तो देख लो कि आपकी सोच कितनी गिरी हुई है...

ऊपर से कुछ लोग बस लड़कियों को ही शिक्षा देते हैं कि उन्हें अपनी रक्षा के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए...लोगों को इन आदत वाली लड़कियां पार्टी में चुभती हैं, भले ही वह सिर्फ नया साल मनाने आई हों...

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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