• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

बढ़ते प्रदूषण के साथ डिमांड में आए Air Purifiers क्या वाकई संकटमोचक हैं?

    • आईचौक
    • Updated: 02 नवम्बर, 2019 05:26 PM
  • 02 नवम्बर, 2019 05:26 PM
offline
जो लोग हवा में घुले जहर की गंभीरता समझ रहे हैं, अपने स्वास्थ्य से मजबूर हैं वो स्वच्छ हवा के लिए अब air purifiers का रुख कर रहे हैं. बाजार में अब air purifiers की मांग बढ़ने लगी है.

Delhi NCR में pollution इस स्तर तक पहुंच गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल EPCA ने दिल्ली में public health emergency की घोषणा की है. दिवाली के बाद से प्रदूषण हवा में जम गया और smog बनकर हमारे फेफड़ों में जा रहा है.

सांस के मरीजों का बुरा हाल है, और सामान्य लोग भी तमाम शिकायतें लेकर डॉक्टरों के चक्कर लगा रहे हैं. डॉक्टर लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वो ज्यादा से ज्यादा घरों के अंदर रहें, बाहर निकलें तो मास्क के साथ. साथ ही दिल और सांस के मरीजों के लिए डॉक्टर air purifier के इस्तेमाल करने की सलाह भी दे रहे हैं.

बढ़ रही है एयर प्यूरिफायर की डिमांड

जो लोग हवा में घुले जहर की गंभीरता समझ रहे हैं, अपने स्वास्थ्य से मजबूर हैं वो स्वच्छ हवा के लिए अब air purifiers का रुख कर रहे हैं. बाजार में अब air purifiers की मांग बढ़ने लगी है. Eureka Forbes के सेल्स पर्सन का कहना है कि दिवाली के बाद से एयर प्यूरीफायर की मांग प्रति दिन 80-100 यूनिट तक बढ़ गई है.

Kent RO Systems Ltd के चेयरमैन महेश गुप्ता का कहना है कि उत्तर भारत में पिछले कुछ हफ्तों में बिगड़ी स्थिति के बाद हमने पिछले साल की तुलना में air purifiers की बिक्री में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

बढ़ते प्रदूषण के साथ air purifiers की डिमांड भी बढ़ रही है

कितने फायदेमंद हैं एयर प्यूरिफायर

शुद्ध हवा की बात हो तो एयर प्यूरिफायर वाकई असरदार होते हैं. इनका काम होता है हवा में मौजूद दूषित और हानिकारण तत्वों, बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करके हवा को शुद्ध बनाना.

एयर प्यूरिफायर जगह के हिसाब से काम करते हैं यानी जितनी बड़ी जगह होगी उसी हिसाब से फिल्टर का इस्तेमाल किया जाता है. प्यूरीफायर में...

Delhi NCR में pollution इस स्तर तक पहुंच गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल EPCA ने दिल्ली में public health emergency की घोषणा की है. दिवाली के बाद से प्रदूषण हवा में जम गया और smog बनकर हमारे फेफड़ों में जा रहा है.

सांस के मरीजों का बुरा हाल है, और सामान्य लोग भी तमाम शिकायतें लेकर डॉक्टरों के चक्कर लगा रहे हैं. डॉक्टर लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वो ज्यादा से ज्यादा घरों के अंदर रहें, बाहर निकलें तो मास्क के साथ. साथ ही दिल और सांस के मरीजों के लिए डॉक्टर air purifier के इस्तेमाल करने की सलाह भी दे रहे हैं.

बढ़ रही है एयर प्यूरिफायर की डिमांड

जो लोग हवा में घुले जहर की गंभीरता समझ रहे हैं, अपने स्वास्थ्य से मजबूर हैं वो स्वच्छ हवा के लिए अब air purifiers का रुख कर रहे हैं. बाजार में अब air purifiers की मांग बढ़ने लगी है. Eureka Forbes के सेल्स पर्सन का कहना है कि दिवाली के बाद से एयर प्यूरीफायर की मांग प्रति दिन 80-100 यूनिट तक बढ़ गई है.

Kent RO Systems Ltd के चेयरमैन महेश गुप्ता का कहना है कि उत्तर भारत में पिछले कुछ हफ्तों में बिगड़ी स्थिति के बाद हमने पिछले साल की तुलना में air purifiers की बिक्री में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

बढ़ते प्रदूषण के साथ air purifiers की डिमांड भी बढ़ रही है

कितने फायदेमंद हैं एयर प्यूरिफायर

शुद्ध हवा की बात हो तो एयर प्यूरिफायर वाकई असरदार होते हैं. इनका काम होता है हवा में मौजूद दूषित और हानिकारण तत्वों, बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करके हवा को शुद्ध बनाना.

एयर प्यूरिफायर जगह के हिसाब से काम करते हैं यानी जितनी बड़ी जगह होगी उसी हिसाब से फिल्टर का इस्तेमाल किया जाता है. प्यूरीफायर में फिल्टर ही हवा को साफ करने का काम करते हैं. ये हवा में मौजूद पर्टिकुलेट मैटर और पोलन को खत्म करता है, उसी से हवा साफ होती है.

प्यूरिफायर में कई तरह के फिल्टर होते हैं जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है HEPA फिल्टर जो हवा में मौजूद 99.97 प्रतिशत तक हानिकारक तत्वों फिल्टर कर सकता है. ये 0.3 माइक्रोन जितने छोटे पार्टिकल को भी खत्म करता है. घर में air purifier लगा हो तो हवा के माध्यम से फैलने वाली छोटी-मोटी बीमारियां जैसे इन्फेक्शन का भी खतरा नहीं होता. ये अस्थमा, एलर्जी के मरीजों के लिए बेहद कारगर है. दिल और सांस के मरीजों की बात करें तो एयर प्यूरीफायर काफी फायदेमंद साबित हुए हैं. लेकिन फिर भी डॉक्टरों का कहना है कि इसके इस्तेमाल को लेकर अभी और शोध करने की जरूरत है.

HEPA फिल्टर हवा में मौजूद 99.97 प्रतिशत तक हानिकारक तत्वों फिल्टर कर सकता है

कमरे के साइज के हिसाब से air purifier हवा को साफ करते हैं. एक औसत कमरे की हवा करीब 30 मिनट में शुद्ध हो जाती है. लेकिन कुछ समय के बाद फिल्टर बदलना पड़ता है जिसमें गंदगी साफ देखी जा सकती है, वैसे ही जैसे वाटर प्यूरिफायर के फिल्टर पर जमी दिखती है. लेकिन ज्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में फिल्टर जल्दी बदलने पड़ते हैं नहीं तो प्यूरिफायर ठीक से काम नहीं करता.

बाजार में एयर प्यूरिफायर 5-6 हजार से शुरू होकर 25-30 हजार तक जाते हैं. कमरे के साइज और फिल्टर के हिसाब से कीमत अलग-अलग होती है. भारत में PHILIPS, Honeywell, Sharp, Kent, Panasonic, Mi, Eureka Forbes, Crompton आदि कंपनियों के एयर प्यूरिफायर मौजूद हैं.

लेकिन क्या वाकई में एयर प्यूरिफायर संकटमोचक हैं?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रनदीप गुलेरिया का कहना है कि- एयर प्यूरिफायर अच्छे हैं अगर आपका कमरा पूरी तरह से सील बंद हो और आप ज्यादातर घर पर ही रहते हों. जबकि घरों के कमरे पूरी तरह से सील नहीं होते, दरवाजे और खिड़कियों के जरिए हवा कमरे में आती ही है. आप अंदर और बाहर आते-जाते रहते हैं इसलिए ये उतने प्रभावी साबित नहीं हो पाते. ये मास्क की तरह आपको भरोसा तो दे सकते हैं लेकिन ये समाधान नहीं हो सकते.

वैसे भी अगर आप दिन भर बाहर रहते हैं और घर आकर साफ हवा में बैठते भी हैं तो उसका कोई मतलब नहीं है. यानी फेफड़ों में प्रदूषण तो आपके बाहर जाते ही पहुंच जाता है.

कितना खतरनाक है प्रदूषण

2015 के एक अध्ययन में बताया गया है कि राजधानी दिल्ली के हर 10 में से चार बच्चे 'फेफड़े की गंभीर समस्याओं' से पीड़ित हैं. इसके अलावा भारत साल 2015 में प्रदूषण से हुई मौतों के मामले में 188 देशों की सूची में पांचवें स्थान पर था. दुनियाभर में हुई ककरीब 90 लाख मौतों में से 28 प्रतिशत मौतें अकेले भारत में हुई हैं. यानी यह आंकड़ा 25 लाख से ज़्यादा रहा.

ये आंकड़े डराने वाले हैं. और जो लोग वास्तव में डरते हैं वो मास्क के साथ-साथ एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल भी करेंगे. फायदा भले ही थोड़ा हो लेकिन संतोष बड़ी चीज है.

ये भी पढ़ें-

जानिए आखिर दिवाली के बाद से दिल्ली NCR की हवा क्यों खराब हुई

5 दिवाली, जब दिल्ली ने सुकूनभरी हवा के लिए की जद्दोजहद!

जब हवा में जहर घुलेगा तो सांसें भी खरीदनी होंगी

दिल्ली स्मॉग: हर एक सांस के बाद शरीर के साथ ये हो रहा है...


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲