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Valentine’s Day 2022: क्या शादीशुदा महिलाओं का भी वैलेंटाइन डे होता है?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 14 फरवरी, 2022 11:39 PM
  • 14 फरवरी, 2022 11:39 PM
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जो लड़की पहले रेड ड्रेस के साथ इयररिंग खरीदना नहीं भूलती थी अब उसका वैलेंटाइन डे हर दिन की तरह सासू मां की चाय बनाने के साथ शुरु होकर रात में आटे से सने हाथों के साथ खत्म हो जाता है.

वैलेंटाइन डे (Valentine’s day) प्रेमिकाओं के लिए जितना स्पेशल होता है क्या उतना ही खास पत्नियों (wife) के लिए होता है? गर्लफ्रेंड, वैलेंटाइन वीक के हर दिन को सेलिब्रेट करती हैं. वह रोज डे पर गुलाब लेती है और चॉकलेट और टेडी बियर लेना तो उसका जन्म सिद्ध अधिकार है, वो भी हर साल...वहीं गृहिणियों को तो पता भी नहीं रहता है कि वैलेनटाइन डे आता कब है? उनके लिए 14 फरवरी एक सामान्य सी तारीख ही रहती है.

जिसके बाल कभी करीने से सजे होते थे अब वो लटें सिर्फ एक जुड़े में समा गईं हैं

पति कभी बोलकर अपने प्यार का इजहार भी नहीं करते हैं. उन्हें शायद कभी इसकी जरूरत महसूस नहीं होती. उन्हें लगता है कि पत्नी उनके बिना बोले ही समझ जाएगी कि वो उन्हें कितना प्यार करते हैं. शादी से पहले जो प्रेमी दिन भर एक झलक देखने के लिए पत्नी के आने का इंतजार करता था वही अब शादी होने के कुछ सालों बाद इतना कैसे बदल जाता है कि विश करना भी ध्यान नहीं रहता.

यह बात वैसे प्रेमिका से पत्नी बनी लड़की शुरुआत के कुछ सालों में ही समझ जाती है कि अब उसकी गृहस्थी शुरु हो चुकी है तो पहले वाला रोमांस नहीं रहेगा. वह भी स्तिथी के अनुसार, खुद को बदलने की कोशिश करने लगती है. जो लड़की पहले रेड ड्रेस के साथ इयररिंग खरीदना नहीं भूलती थी अब उसका वैलेंटाइन डे हर दिन की तरह सासू मां की चाय बनाने के साथ शुरु होकर रात में आटे से सने हाथों के साथ खत्म हो जाता है. 

वह स्टेटस पर अपने बच्चों की तस्वीर लगाकर खुद को खुश करती है. जो प्रेमी उसके एक रिंग पर फोन उठा लेता था अब वही पति बनने के बाद उसका फोन इगनोर करने लगता है. वह दिन भर ऑफिस के कामों में लगा रहता है और घर आने के बाद भी लैपटॉप में और मोबाइल में. जब पति-पत्नी आपस में बात ही नहीं करेंगे तो...

वैलेंटाइन डे (Valentine’s day) प्रेमिकाओं के लिए जितना स्पेशल होता है क्या उतना ही खास पत्नियों (wife) के लिए होता है? गर्लफ्रेंड, वैलेंटाइन वीक के हर दिन को सेलिब्रेट करती हैं. वह रोज डे पर गुलाब लेती है और चॉकलेट और टेडी बियर लेना तो उसका जन्म सिद्ध अधिकार है, वो भी हर साल...वहीं गृहिणियों को तो पता भी नहीं रहता है कि वैलेनटाइन डे आता कब है? उनके लिए 14 फरवरी एक सामान्य सी तारीख ही रहती है.

जिसके बाल कभी करीने से सजे होते थे अब वो लटें सिर्फ एक जुड़े में समा गईं हैं

पति कभी बोलकर अपने प्यार का इजहार भी नहीं करते हैं. उन्हें शायद कभी इसकी जरूरत महसूस नहीं होती. उन्हें लगता है कि पत्नी उनके बिना बोले ही समझ जाएगी कि वो उन्हें कितना प्यार करते हैं. शादी से पहले जो प्रेमी दिन भर एक झलक देखने के लिए पत्नी के आने का इंतजार करता था वही अब शादी होने के कुछ सालों बाद इतना कैसे बदल जाता है कि विश करना भी ध्यान नहीं रहता.

यह बात वैसे प्रेमिका से पत्नी बनी लड़की शुरुआत के कुछ सालों में ही समझ जाती है कि अब उसकी गृहस्थी शुरु हो चुकी है तो पहले वाला रोमांस नहीं रहेगा. वह भी स्तिथी के अनुसार, खुद को बदलने की कोशिश करने लगती है. जो लड़की पहले रेड ड्रेस के साथ इयररिंग खरीदना नहीं भूलती थी अब उसका वैलेंटाइन डे हर दिन की तरह सासू मां की चाय बनाने के साथ शुरु होकर रात में आटे से सने हाथों के साथ खत्म हो जाता है. 

वह स्टेटस पर अपने बच्चों की तस्वीर लगाकर खुद को खुश करती है. जो प्रेमी उसके एक रिंग पर फोन उठा लेता था अब वही पति बनने के बाद उसका फोन इगनोर करने लगता है. वह दिन भर ऑफिस के कामों में लगा रहता है और घर आने के बाद भी लैपटॉप में और मोबाइल में. जब पति-पत्नी आपस में बात ही नहीं करेंगे तो रिश्तों में दूरी तो आनी ही है.

धीरे-धीरे पत्नी सजना-सवरना छोड़ देती है, जिसके बाल कभी करीने से सजे होते थे अब वो लटें सिर्फ एक जुड़े में समा गई हैं. हाउसवाइफ को टेंशन रहती है आटे, नमक मिर्च और मसालों की. सुबह अगर पति गमले से तोड़ कर गुलाब भी दे दें तो वह बोल पड़ती हैं...गुलाब छोड़ो धनिया की पत्ती लाए हो कि नहीं ये बताओ. बेचारे पति का सारा रोमांस वहीं का वहीं रह जाता है.

पति-पत्नी दोनों ही अपनी-अपनी दुनिया में इतने व्यस्त हो जाते हैं और फिर प्यार कहीं छिप जाता है. वैसे प्यार भले ही ख्त्म नहीं होता लेकिन कहीं ना कहीं रिश्ते का वो चार्म खत्म हो जाता है जो शादी से पहले होता है. अरेंज मैरिज में धीरे-धीरे प्यार होता है और कई बार को प्यार का इजहार होता भी नहीं हैं. पति को लगता है कि पत्नी अपने आप समझ जाएगी कि मैं उसे प्यार करता हूं.

हाई सोसाइटी और बड़े शहरों में तो लोग कुछ न हुआ तो शाम को साथ में डिनर तो कर ही लेंगे, लेकिन छोटे शहरों और गावों में तो पत्निनियां शायद ही कभी वैलेंटाइन डे का जश्न मनाती होंगी. उन्हें बेलन का पता तो शादी के बाद ही लग जाता है लेकिन वैलेंटाइन वीक प्यार का त्योहार है, यह शायद ही समझ आता है. वहीं अगर किसी पत्नी को पता चल भी जाता है तो शायद ही वह इस दिन को सेलिब्रेट करती है.

पत्नियों के नसीब में यह दिन नहीं आता लेकिन प्रेमिकाओं के लिए यह दिन खास होता है. जो लड़ती इस दिन का इंतजार करती थी अब वही दिन उसे बकवास लगता है. वह दूसरों के स्टेटस देखती है और खुश हो लेती है. वैसे प्यार का इजहार करने में किसी पति को कंजूसी नहीं करनी चाहिए इसके लिए किसी वैलेंटाइन डे की जरूरत नहीं है लेकिन पतियों को लगता है कि पत्नी ही तो है कहां जाएगी...क्या आपको भी ऐसा लगता है कि प्रेमिका और पत्नी के वैलेनटाइन डे में अंतर होता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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