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'क्वांटिको' धारावाहिक में 'हिंदू आतंकवाद': प्रियंका चोपड़ा ने क्यों नहीं किया विरोध?

    • अमित अरोड़ा
    • Updated: 10 जून, 2018 01:04 PM
  • 10 जून, 2018 01:04 PM
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'क्वांटिको' में 'हिंदू आतंकवाद' शब्दावली के लिए अब तो प्रियंका चोपड़ा ने भी ट्वीट कर के गलती मानते हुए माफी मांगी है, लेकिन हैरानी की बात है कि प्रियंका चोपड़ा ने इस झूठ का विरोध उस समय क्यों नहीं किया?

'क्वांटिको' धारावाहिक प्रसारित करने वाले एबीसी नेटवर्क ने 'हिंदू आतंकवाद' शब्दावली के लिए माफी मांग ली है. प्रियंका चोपड़ा ने भी ट्वीट कर के गलती मानते हुए माफी मांगी है, लेकिन हैरानी की बात है कि प्रियंका चोपड़ा ने इस झूठ का विरोध उस समय क्यों नहीं किया? धारावाहिक एक 'भारतीय राष्ट्रवादी' पर आरोप लगाता है कि वह एक आतंकी है जो न्यूयॉर्क में धमाका करके एक पाकिस्तानी व्यक्ति को बदनाम करना चाहता है. 'हिंदू आतंकवाद' का झूठ, जिसे पूर्व में भारत के कुछ राजनेताओं ने प्रचारित करने की कोशिश की थी, उसी षड्यंत्र को 'क्वांटिको' के निर्माताओं ने पुनः फैलाने की असफल कोशिश की है.

यह बड़े ही दुख की बात है कि इस हिंदू विरोधी मानसिकता को प्रियंका ने स्वीकार कर लिया. ऐसे दूषित विचार का प्रियंका ने विरोध क्यों नहीं किया? इस विषय पर प्रियंका अभिनय करने के लिए तैयार कैसे हो गईं? रुद्राक्ष की माला दिखाना, 'भारतीय राष्ट्रवादी' को आतंकी के रूप में प्रस्तुत करना, यह महज संयोग नहीं है. इस सब में साफ़-साफ़ भारत विरोधी सोच नज़र आती है.

प्रियंका को एहसास होना चाहिए कि एक कलाकार होने के साथ-साथ वह विश्व पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व भी करती हैं. भारत सरकार ने प्रियंका को 2016 में भारत के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्म श्री से नवाज़ा था. असम पर्यटन ने प्रियंका चोपड़ा को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया. संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अपना गुडविल एम्बेसडर नियुक्त किया है. भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रियंका ने सन् 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था. प्रियंका का आचरण केवल उनके ही नहीं, बल्कि भारत की साख पर असर डालता है.

जब 'क्वांटिको' के निर्माता ऐसी दूषित पटकथा के साथ प्रियंका के...

'क्वांटिको' धारावाहिक प्रसारित करने वाले एबीसी नेटवर्क ने 'हिंदू आतंकवाद' शब्दावली के लिए माफी मांग ली है. प्रियंका चोपड़ा ने भी ट्वीट कर के गलती मानते हुए माफी मांगी है, लेकिन हैरानी की बात है कि प्रियंका चोपड़ा ने इस झूठ का विरोध उस समय क्यों नहीं किया? धारावाहिक एक 'भारतीय राष्ट्रवादी' पर आरोप लगाता है कि वह एक आतंकी है जो न्यूयॉर्क में धमाका करके एक पाकिस्तानी व्यक्ति को बदनाम करना चाहता है. 'हिंदू आतंकवाद' का झूठ, जिसे पूर्व में भारत के कुछ राजनेताओं ने प्रचारित करने की कोशिश की थी, उसी षड्यंत्र को 'क्वांटिको' के निर्माताओं ने पुनः फैलाने की असफल कोशिश की है.

यह बड़े ही दुख की बात है कि इस हिंदू विरोधी मानसिकता को प्रियंका ने स्वीकार कर लिया. ऐसे दूषित विचार का प्रियंका ने विरोध क्यों नहीं किया? इस विषय पर प्रियंका अभिनय करने के लिए तैयार कैसे हो गईं? रुद्राक्ष की माला दिखाना, 'भारतीय राष्ट्रवादी' को आतंकी के रूप में प्रस्तुत करना, यह महज संयोग नहीं है. इस सब में साफ़-साफ़ भारत विरोधी सोच नज़र आती है.

प्रियंका को एहसास होना चाहिए कि एक कलाकार होने के साथ-साथ वह विश्व पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व भी करती हैं. भारत सरकार ने प्रियंका को 2016 में भारत के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्म श्री से नवाज़ा था. असम पर्यटन ने प्रियंका चोपड़ा को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया. संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अपना गुडविल एम्बेसडर नियुक्त किया है. भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रियंका ने सन् 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था. प्रियंका का आचरण केवल उनके ही नहीं, बल्कि भारत की साख पर असर डालता है.

जब 'क्वांटिको' के निर्माता ऐसी दूषित पटकथा के साथ प्रियंका के सामने आए होंगे, तभी उन्हें इस किरदार को निभाने से मना कर देना चाहिए था. इस विषय पर प्रियंका की चुप्पी दर्शाती है कि उन्हें भारत, भारतीयता और हिंदू धर्म से अधिक आर्थिक कमाई प्रिय है. भारत की जनता के प्यार और सम्मान के कारण ही प्रियंका विश्व पटल पर नाम कमा पाई हैं. उनके द्वारा ऐसे किरदार निभाना सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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