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प्रेमी की लाश से प्रेमिका की मांग में जबरन सिंदूर लगवाने वाले 'समाज' को क्या कहेंगे?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 31 मई, 2021 09:50 PM
  • 31 मई, 2021 09:27 PM
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लड़कियों का प्रेम (love) करना गुनाह है, लड़कियों का बेबाक होना होना गुनाह है, लड़कियों का अपने हक के लिए आवाज उठाना गुनाह है, तेज हंसना गुनाह है. सीधे यही कह दो ना कि लड़की होना ही गुनाह है. इस खबर को पढ़ने के बाद आपको गुस्सा आ सकता है. आखिर महिलाओं के साथ अपराध की कोई सीमा है या नहीं...

लड़कियों का प्रेम (love) करना गुनाह है, लड़कियों का बेबाक होना होना गुनाह है, लड़कियों का अपने हक के लिए आवाज उठाना गुनाह है, तेज हंसना गुनाह है. सीधे यही कह दो ना कि लड़की होना ही गुनाह है. इस खबर को पढ़ने के बाद आपको गुस्सा आ सकता है. आखिर महिलाओं के साथ अपराध की कोई सीमा है या नहीं... पश्चिम बंगाल बर्दवान (west bengal bardhaman) से एक ऐसी खबर आई है जो हैरान करती है कि किस हद तक लोग गिर सकते हैं.

लाश से प्रेमिका की मांग में सिंदूर भरवाना कहां का इंसाफ है

हुआ यूं कि प्रेमी ने खुदकुशी (lover suicide) कर ली तो लोगों ने उसकी लाश से प्रेमिकी की मांग (sindurdan with dead body) भरवा दिया. औरतों से ही सृष्टि का निर्माण होता है, औरतों को देवी मानकर पूजा जाता है और उसी औरत के साथ इतनी बर्बरता की जाती है. क्या लड़कियों का प्यार करना गलत है और अगर गलत है भी ऐसी सजा देने का हक तुम्हें किसने दिया. एक लड़की जब प्रेमिका बनती है तो उसे घरवाले, बाहर वाले और यहां तक की प्रेमी से भी सुनना पड़ता है. उसे सबके ताने सहने पड़ते हैं.

इस घटना में जो बात सामने आई है उसके अनुसार, लड़का और लड़की अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखते हैं. दोनों के घरवालों में अक्सर इस बात के लिए तकरार होती थी. दोनों के परिजन शादी के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन दोनों अभी नाबालिग थे. इसलिए लड़की की मां शादी के लिए अभी तैयार नहीं थी. इसी बात को लेकर प्रेमी जोड़े में बहस हो गई और लड़के ने खुदकुशी कर ली. लड़कपन के प्यार का अक्सर यही अंजाम होता है.

गांव वालों के अनुसार लड़के ने सुसाइड करने से पहले अपनी प्रेमिका को कॉल किया था और अपनी फोटो भेजी थी. लड़के की आत्महत्या करने की खबर के बाद पुलिस पहुंची और डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ....

लड़कियों का प्रेम (love) करना गुनाह है, लड़कियों का बेबाक होना होना गुनाह है, लड़कियों का अपने हक के लिए आवाज उठाना गुनाह है, तेज हंसना गुनाह है. सीधे यही कह दो ना कि लड़की होना ही गुनाह है. इस खबर को पढ़ने के बाद आपको गुस्सा आ सकता है. आखिर महिलाओं के साथ अपराध की कोई सीमा है या नहीं... पश्चिम बंगाल बर्दवान (west bengal bardhaman) से एक ऐसी खबर आई है जो हैरान करती है कि किस हद तक लोग गिर सकते हैं.

लाश से प्रेमिका की मांग में सिंदूर भरवाना कहां का इंसाफ है

हुआ यूं कि प्रेमी ने खुदकुशी (lover suicide) कर ली तो लोगों ने उसकी लाश से प्रेमिकी की मांग (sindurdan with dead body) भरवा दिया. औरतों से ही सृष्टि का निर्माण होता है, औरतों को देवी मानकर पूजा जाता है और उसी औरत के साथ इतनी बर्बरता की जाती है. क्या लड़कियों का प्यार करना गलत है और अगर गलत है भी ऐसी सजा देने का हक तुम्हें किसने दिया. एक लड़की जब प्रेमिका बनती है तो उसे घरवाले, बाहर वाले और यहां तक की प्रेमी से भी सुनना पड़ता है. उसे सबके ताने सहने पड़ते हैं.

इस घटना में जो बात सामने आई है उसके अनुसार, लड़का और लड़की अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखते हैं. दोनों के घरवालों में अक्सर इस बात के लिए तकरार होती थी. दोनों के परिजन शादी के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन दोनों अभी नाबालिग थे. इसलिए लड़की की मां शादी के लिए अभी तैयार नहीं थी. इसी बात को लेकर प्रेमी जोड़े में बहस हो गई और लड़के ने खुदकुशी कर ली. लड़कपन के प्यार का अक्सर यही अंजाम होता है.

गांव वालों के अनुसार लड़के ने सुसाइड करने से पहले अपनी प्रेमिका को कॉल किया था और अपनी फोटो भेजी थी. लड़के की आत्महत्या करने की खबर के बाद पुलिस पहुंची और डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. पोस्टमार्टम के बाद जब लड़के की लाश गांव में पहुंची तो गुस्साए गांव वालों ने लड़की और उसकी मां के साथ मारपीट शुरू कर दी. दोनों को जबरन उठाकर लाश के पास ले गए और मरे हुए प्रेमी के अंगूठे से प्रेमिका की मांग में सिंदूर भरवाया.

लड़का शहर के कांटापुकुर इलाके के रहने वाला है. वहीं गांव के सभी लोग लड़के की मौत की जिम्मेदार लड़की को मान रहे हैं. उनका कहना है कि अगर ये शादी कर लेती या घरवालों को बता देती तो वह सुसाइड नहीं करता. उस लड़की ने अपने प्रेमी से शादी के सपने देखें होंगे लेकिन इस तरह? क्या लड़की बालिग नहीं थी तो इसमें उसकी गलती थी. क्या उसे मां के खिलाफ जाकर बालिका वधू बन जाना चाहिए था. क्या उसने चाहा था कि उसके प्यार का यह हाल हो. क्या प्यार में इंतजार नहीं होता, वे भी तब जब दो अलग धर्म में होने के बाद दोनों के घऱवाले शादी के लिए तैयार हो गए थे.

हालात कैसे भी क्यों ना हों, सुसाइड किसी को भी नहीं करना चाहिए. क्या प्यार में गलत सिर्फ लड़की होती है? जब रिश्ता एक तरफ से जुड़ता नहीं है तो टूटने के पीछे सिर्फ लड़की जिम्मेदार कैसे...अगर दोष है भी तो सजा देने का यह कौन सा तरीका है? क्या ये लोग दोषी नहीं? खैर अब तो यह पुलिस तय करेगी...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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